कलेक्टर के आदेश के बाद भी झोलाछाप डॉक्टरों पर मेहरबानी

सबसे पहले आपके पास आपके साथ

मंगल भारत सतना।   कलेक्टर के निर्देश के बाद भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। गत दिनों कलेक्टर मुकेश कुमार शुक्ला ने एक मीटिंग के दौरान सभी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए थे। इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई न करने के पीछे स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले की लापरवाही साफ उजागर हो रही है। यही वजह है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में आकर गरीब जनता इनका शिकार हो रही है। झोलाछाप डॉक्टर के पास यदि कोई मरीज इलाज के लिए जाता है तो उसके द्वारा बिना किसी जांच के एक सादे पर्चे में दवाइयां लिख दी जाती हैं। दवा का नाम क्या है इसका पता खुद मरीज को नहीं होता है। इन दवाओं के सेवन करने से मरीजों को जान का खतरा बना रहता है।

बिना प्रशिक्षण कर रहे इलाज

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित क्लीनिक में बिना किसी प्रशिक्षण के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। जिले के बिरसिंहपुर, रामपुर बाघेलान, मझगवां, रामनगर सहित अन्य तहसीलों में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है।

अस्पतालों की कमी

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी सरकारी अस्पताल संचालित हैं वहां पर मरीजों को ठीक तरह से इलाज नहीं दिया जाता है। जिसकी वजह से ग्रामीण मजबूरी में इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज कराने जा रहे हैं। गांव में अस्पताल व डॉक्टरों की कमी को लेकर ग्रामीणों ने कई बार आवाज उठा चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया।

इन पर नहीं नजर

इसी प्रकार कई अन्य डाक्टर हैं जो कि क्लीनिक के साथ-साथ मरीजों को भर्ती करके इलाज करने का कार्य करते हैं। इन डॉक्टरों पर स्वास्थ्य अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

…………..

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक टीम तैयार कर कार्रवाई की जाएगी। झोलाछाप डॉक्टरों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं।