मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: फर्जी चिट्ठियों से जूझ रही है बीजेपी और कांग्रेस

मंगल भारत भोपाल 
मध्य प्रदेश में एक ओर जहां सभी राजनीतिक दल चुनावी गहमागहमी में उलझे हैं, वहीं उनके कुछ नेता फर्जी चिट्ठियां और लिस्ट जारी करके सनसनी फैला रहे हैं। इस फर्जीवाड़े के ताजा शिकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हुए हैं। इससे पहले आरएसएस और बीजेपी के एक राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त नेता भी इस फर्जीवाड़े के कारण परेशान हो चुके हैं। 

यही नहीं प्रत्याशी चुनने के लिए दिल्ली में माथापच्ची कर रही कांग्रेस की प्रत्याशी सूची दो बार जारी हो चुकी है। दोनों बार कांग्रेसी नेताओं को खंडन करना पड़ा है। दिग्विजय सिंह के नाम पर एक चिट्ठी 27 अक्टूबर को सोनिया गांधी को भेजी गई है। दिग्विजय सिंह ने किसी भी तरह का कोई पत्र भेजने से इनकार करते हुए उसे फर्जी बताया है। 

तपन भौमिक भी हुए थे फर्जीवाड़े का शिकार 

इससे कुछ दिन पहले बीजेपी के नेता तपन भौमिक ऐसे ही फर्जीवाड़े का शिकार हुए थे। फर्जी लेटर के जरिए उनका इस्तीफा ही जारी कर दिया गया था। संघ के स्वयंसेवक तपन को हर दरवाजे पर जाकर सफाई देनी पड़ी थी कि हैंडरिटन इस्तीफे में लिखावट ही उनकी नहीं है

संघ भी इस फर्जीवाड़े से अछूता नहीं रहा। कुछ दिन पहले झंड़ेवाला पते से जारी दो पन्ने के एक कथित प्रेसनोट ने शिवराज के कई मंत्रियों की नींद उड़ा दी थी। इस प्रेसनोट में शिवराज के मंत्रियों की गोपनीय रिपोर्ट जारी की गई थी। जब तक इसे फर्जी बताया जाता तब तक सोशल मीडिया में वह फैल चुकी थी। 

इससे पहले कांग्रेस अपनी प्रत्याशी सूची को लेकर फर्जीवाड़े का शिकार हुई। इसमें पहली ही बार में 230 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई थी। कांग्रेस ने इसे बीजेपी का फर्जीवाड़ा बताया लेकिन कुछ दिन बाद एक और सूची जारी कर दी गई। इसमें कुल 90 नाम दिए गए थे। बाद में पता चला कि छत्तीसगढ़ के लिए बने एक पत्र में मध्य प्रदेश के कांग्रेसियों के नाम डालकर उसे सोशल मीडिया में चला दिया गया। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों फर्जीवाड़े को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी इस मोर्चे पर भी लड़ रहे हैं।