शहीद हेमू कालाणी ने यातना सही पर अंग्रेजों के आगे मुंह नहीं खोला

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मंगल भारत रीवा:-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हेमू कलाणी की शहीदी दिवस को शहादत दिवस के रूप में मनाते हुए भारतीय सिंधु सभा ने कलाणी चौराहे पर स्थापित प्रतिमा स्थल पर एक कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें याद किया और श्रद्घांजलि दी। इस दौरान सिंधु सभा के सरदार प्रह्लाद सिंह ने बताया कि अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने वाले हेमू कलाणी ने अपने आखिरी समय तक देश की आन, बान और शान बचाने कई गुप्त जानकारियां स्वयं अपने अंदर ही दफन कर लीं। अंग्रेजों के दवाब के बाद ही उन्होंने अपना मुंह नहीं खोला था। जिसके चलते उन्हें अंग्रेजों के द्वारा फांसी दे दी गई थी। ऐसे शहीद हेमू कलाणी के पुण्य तिथि पर श्रद्घांजलि देते हुए सभी को गर्व महसूस हो रहा है।

विदेशी वस्तुओं का किया था बहिष्कार

कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों ने बताया कि स्वतंत्रा आन्दोलन के समय अमर शहीद हेमू कलाणी ने इस आन्दोलन में हिस्सा लिया और वे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए जन मानस के बीच आवाज उठाई थी। जिसके चलते अंग्रेज सरकार के लिए वे किरकिरी बन गए। उन्होंने देश की आजादी और स्वदेशी को लेकर अलख जगाई थी। उस जमाने में उन्होंने स्वदेशी का नारा दिया था जिस समय यहां अंग्रेजों की सरकार थी। कार्यक्रम के दौरान कैलाश कोटवानी, प्रेमचन्द्र बुधवानी, नरेश काली, लद्दा ठारवानी, पप्पू मंजवानी सहित सिंधु सभा के पदाधिकारी व अन्य मौजूद रहे।

फोटो- 37- हेमू कलाणी के प्रतिमा स्थल पर मौन रहकर श्रद्घांजलि देते लोग।

शहादत दिवस पर सिंधु सभा ने प्रतिमा स्थल पर दी श्रद्घांजलि

फोटो-35-मार्तण्ड स्कूल से रवाना होते दल के सदस्य।

एकात्म यात्रा में शामिल होने 5 सौ लोगों का दल खंडवा रवाना

रीवा। नईदुनिया प्रतिनिधि

आदि शंकराचार्य पर निकाली जाने वाली एकात्म यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है। उसका समापन सोमवार को खण्डवा के ओंकारेश्वर में होगा। इसके लिए रीवा से भी इस यात्रा के समापन में शामिल होने 5 सैकड़ा लोगों का दल रविवार को रवाना हो गया। विशेष वाहनों से ओंकारेश्वर के लिए दल को हरी झण्डी दिखाकर मार्तण्ड स्कूल के खेल मैदान से रवाना किया गया। दल में जगतगुरू के प्रशंसकों के साथ धर्मावलंबी और आमजन शामिल रहे। पचमठा धाम संस्कृत स्कूल स्टाफ भी खण्डवा के लिए रवाना हुआ है।

बता दें कि जिस मार्तण्ड स्कूल के मैदान से यह दल रवाना हुआ है वहां से एक माह पूर्व एकात्म यात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। रीवा के पचमठा धाम में आदि शंकराचार्य के रीवा में रूकने का उल्लेख पुस्तकों में पाया गया था। वे बीहर नदी के तट पर बने पचमठा मंदिर में अपने शिष्यों के साथ ठहरे थे। जिसके बाद इसे उप मठ के रूप में तैयार किया गया था। उनका पड़ाव होने के कारण एकात्म यात्रा का रीवा से शुभारंभ किया गया था।