योगी सरकार ने किया सबसे बड़ा फैसला बदल जाएंगे सभी सियासी समीकरण,राजनितिक गलियारों में मचा भूचाल

मंगलभारत प्रयागराज:प्रदेश में भाजपा भले ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही हो।लेकिन स्थानीय स्तर पर भाजपा में गुटबाजी अपने चरम पर है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रयागराज से तीन कैबिनेट मंत्री सहित उपमुख्यमंत्री को सरकार में शामिल किया गया।लेकिन जिले में सभी मंत्रियों और विधायकों का अपना-अपना गुट है। हर कोई खुद को बड़ा साबित करने में लगा है। ऐसे में आज का फैसला बेहद अहम साबित होने जा रहा है।

जिले के सभी नेता की बड़ी गुटबाजी

जिले से आने वाले भाजपा के उपमुख्यमंत्री, मंत्री सांसद और विधायकों की गुटबाजी की जोर आजमाइश समय-समय पर सार्वजनिक मंचों से लेकर व्यक्तिगत दरबारों में देखने को मिलती रही है। लेकिन लंबे समय से जेल में रहने के कारण करवरिया खेमा या कहे की सवर्णों का खेमा कमजोर होता जा रहा था। जिसके चलते जिले की राजनीत में एक गुट हावी हो रहा था।सूबे सियासत में उसका रसूख बढ़ रहा था। जिसे लेकर एक बड़ा धड़ा भाजपा नेतृत्व से समय -समय पर अपनी नाराजगी जताता रहा है।वही चुनावी साल में योगी सरकार ने करवरिया बन्धुओ से मुकदमा वापस लेने का फैसला सूबे राजनीति में एक बड़ा सामंजस्य बनाने का काम किया है। साथ ही दूसरे खेमे को बड़ा संदेश भी दिया है।

डॉ मुरली मनोहर जोशी के रहे है करीबी

सियासी जानकारों की माने तो भाजपा के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को पार्टी का एक गुट कमजोर करने की कोशिश में लगा हुआ है। बता दें कि एक दौर ऐसा भी रहा जब उदयभान के बिना मंडल में भाजपा का पत्ता भी नहीं हिलता था। लेकिन जेल जाने के बाद ऐसा दौर आया की उदय भान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ी।

भाजपा का बड़ा नेता कमजोर करने पर लगा

प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद ब्राहमणों का एक बड़ा गुट जिसमें सबसे मजबूत चेहरा करवरिया माने जाते है। ब्राह्मण चेहरा होने के नाते बड़ा जनसमर्थन करवरिया बंधुओ के साथ जुड़ा है। हांसिए पर चल रहे करवरिया आरक्षण सहित कई मुद्दों पर भाजपा सरकार से अलग अपनी राय जाहिर कर चुके थे। जिसके बाद यह माना जा रहा था कि एक बड़ा गुट भाजपा से टूट सकता है।जिसे योगी सरकार ने साधने के बड़ा काम किया है।

करवरिया विरोधी भाजपाई भी चौकन्ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने करवरिया बंधु से मुकदमा वापस लेने का फैसला लेकर जहां अपनी ही सरकार के बड़े कद वाले नेता को सावधान कर दिया है। तो वही प्रदेश में नाराज ब्राहमणों को भी अपने पाले में लेने की कोशिश की है। साथ ही हावी हो रहे गुट को भी बड़ा संकेत दे दिया।

ब्राहमणों को रिझाने के लिए बड़ा दांव

आरक्षण मुद्दे को लेकर जहां देशभर में स्वर्ण समाज खासतौर से ब्राह्मण वर्ग भाजपा सरकार से नाराज है। तो वहीं यूपी में ब्राहमणों का मजबूत चेहरा माने जाने वाले करवरिया बंधुओं को राहत देते हुए योगी सरकार ने ब्राह्मणों को रिझाने का काम किया है।हालांकि मामला न्यायालय के हाथ में है। 22 साल बाद चर्चित हत्याकांड मामले में फैसला आ सकता है।