मप्र में थम्पिंग मैजोरिटी से कांग्रेस बनाएगी सरकार: भूपेंद्र गुप्ता

मप्र कांग्रेस के थिंक टैंक और मप्र कांग्रेस की पोल खोल अभियान समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि शिवराज सरकार का पंद्रह साल का कार्यकाल मप्र के काले अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा। शिवराज मप्र के सबसे झूठे मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उन्होंने जनता को नकली सपने और झूठे आश्वासनों से रिझाने की कोशिश की है। उनके शासनकाल की तथा-कथा शर्मनाक है। शिवराज में मध्यप्रदेश ने भ्रष्टाचार, घोटाले-गड़बड़झालों और महिला उत्पीडऩ में देश में नंबर वन होने का रिकार्ड बनाया है। श्री गुप्ता का दावा है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में 150 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगी और थंबिंग मेजोरिटी से मप्र में सरकार बनाएगी। यहां पेश हैं उनसे बातचीत के अंश…

– : मप्र में क्या इस बार कांग्रेस सरकार बन रही है? कांग्रेस को कितनी सीटें मिल रही हैँ?
भूपेंद्र गुप्ता: मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस की सरकार थम्पिंग मैजोरिटी के साथ आ रही है। 150-160 से अधिक सीटें कांग्रेस जीतेगी।

– : किन मुद्दों को आधार बनाकर कांग्रेस चुनाव में जनता से वोट मांगेगी?
भूपेंद्र गुप्ता: मध्यप्रदेश मेंं जिस तरह से पंद्रह सालों में एक कुशासन के माध्यम से जन संसाधनों की लूट हुई है, जिस तरह से गरीबों और अत्यंत अल्प-आय वर्ग के लोगों का महंगाई के कारण जीना मुहाल हुआ है, वह मप्र की शिवराज सरकार को नेस्तनाबूद कर देगा। 90 रुपए लीटर का पेट्रोल और 80 रुपए प्रति लीटर का डीजल आखिर किसेे मार रहा है? मप्र के गरीबों, मजदूरों, विद्यार्थियों को जो 20-20 किलोमीटर काम करने और पढऩे जाते हैं उनकी कास्ट बढ़ा दी है भाजपा सरकार ने। महिलाएं 400 रुपए का गैस सिलेंडर 900 रुपए में खरीद रही हैं। इसकी कीमत बच्चों के कपड़ों और दूध में कमी कर चुका रही हैं। इन्हें कौन माफ करेगा?
उज्जवला कनेक्शन तो दिया, लेकिन उज्जवला के नाम पर जो गैस कनेक्शन गरीबों और माताओं को दिए गए हैं, उन पर सब्सिडी नहीं मिलती, बल्कि वह लगभग 1700 रुपए कर्ज के रूप में रहती है, जिसे सब्सिडी से काटा जाता है। उज्जवला कनेक्शन जिन महिलाओं ने लिया है, उनमें से 80 फीसदी महिलाएं दूसरी बार भी अपना गैस सिलेंडर नहीं भरा पाई और बिचौलियों तथा भ्रष्टाचारियों का एक बड़ा गिरोह उज्जवला कनेक्शन की लूट में लग गया।
इसी तरह से मप्र में विगत पंद्रह सालों में शासकीय नौकरियों में 1 प्रतिशत की वृद्धि नहीं हुई है, बल्कि 2003 की स्थिति में लगभग 3-4 हजार नौकरियां जरूर कम हो गईं। प्रदेश के 48 रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 2016 में मात्र 329 लोगों को नौकरी दी गई। जबकि साढ़े 14 लाख शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत थे। यह प्रदेश की भयावह स्थिति का आलम है। शिवराज सरकार ने इस बेरोजगार मानव संसाधन को काम पर लगाने के बजाय झूठे आश्वासनों और नकली सपने दिखाकर रिझाने की कोशिश की। जिससे प्रदेश का नौजवान आहत है। मुख्यमंत्री ने ताजा-ताजा जिस रोजगार मेले में 1 लाख 24 हजार नौजवानों को रोजगार देने का दावा किया था, वे आज भी दर-दर भटक रहे हैं। क्या मुख्यमंत्रीजी उन नौजवानों की सूची सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखाएंगे? केवल इवेंट के नाम पर जनता के टैक्स के पैसे की लूट करने को कोई भी जायज नहीं ठहरा सकता है। प्रदेश में स्थानीय लोगों को रोजगार तो नहीं, उलटे महाराष्ट्र और अन्य सीमावर्ती राज्यों के युवाओं को प्रदेश के नौजवानों की कीमत पर सुविधाएं दी गईं। मुख्यमंत्री यह भी नहीं बता सकते कि उनके क्षेत्र बुधनी मे जो स्पिनिंग मिल लगाए गए उनमें कितने मप्र के नौजवानों को नौकरी मिली? जमीन मप्र की लूटी गई और रोजगार पंजाब के लोगों को मिला। यही मप्र के विकास की काली कहानी है।

– : कांग्रेस का चुनाव एजेंडा क्या होगा?
भूपेंद्र गुप्ता: कांग्रेस किसानों के शोषण, व्यापमं में छात्रों की लूट, विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति घोटाले, अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव, कुपोषण, भूखमरी, महिलाओं पर अत्याचार, बच्चियों से व्याभिचार, गली-गली में बिखरा प्रशासनिक-राजनैतिक भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है। किसानों का कर्जा माफ, बिजली की दरें हाफ और नौजवानों को रोजगार कांग्रेस के प्रमुख वादे हैं। जिन्हें कांग्रेस वचन-पत्र के रूप में सामने लाएगी।

– : जातिगत वोटों का बिखराव रोकने के लिए पहले कांग्रेस बसपा, सपा और जयस से गठबंधन की बात कर रही थी, गठबंधन तो हुआ नहीं? इससे चुनाव में कांग्रेस का नुकसान नहीं होगा?
भूपेंद्र गुप्ता: बसपा एवं सपा पहले ही कांग्रेस के खिलाफ अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है। परिणाम सबके सामने हैं। गठबंधन व्यवहारिक फैसलों पर आधारित होता है, इसमें एक सीमा तक ही झुका जा सकता है। कांग्रेस बड़ा दिल लेकर देश में एकाधिकार की फासिस्ट राजनीति को रोकना चाहती है। मगर इसके लिए सभी दलों को एक-एक कदम आगे बढ़ाना होगा। प्रदेश में व्याप्त जनआक्रोश का लाभ वैकल्पिक पार्टी को ही मिलता है। इसलिए कांग्रेस को इसमें कोई नुकसान नहीं होगा।

– : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति क्या है?
भूपेंद्र गुप्ता: कमलनाथजी के प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बाद लगभग 1 लाख से अधिक कार्यकर्ता ब्लाक, मंडल, सेक्टर और बूथ तक जोड़े गए हैं। बिना किसी प्रतिरोध के इतने बड़े स्तर पर नया नेतृत्व गांव-गांव तक विकसित किया गया है। यह सभी कार्यकर्ता नई तकनीक और सोशल मीडिया के संचार माध्यमों से जुड़े हुए हैं। इस तरह संगठनात्मक मजबूती भी पार्टी को दी गई है। कमलनाथजी को प्रदेश में विकास का आईकॉन माना जाता है। बुधनी क्षेत्र के सैकड़ों मतदाता छिंदवाड़ा घूम आए हैं और वे बुधनी की हालत पर शर्मिंदा हैं। कमलनाथजी की ओर मप्र का मतदाता विकास की आकांक्षा से भरकर विश्वास की नजर से देख रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस वचन-पत्र, भाजपा के भ्रष्टाचार और मप्र के लिए विकास के रोडमैप को घर-घर पहुंचा रही है। संघ के दुष्प्रचार, इतिहास की कुटिल व्याख्या और कूट रचनाओं कांग्रेस की मीडिया टीम रोजाना लड़ती है। भाजपा के झूठ वायदों को उजागर करती है और रफाल जैसे देश के बड़े घोटालों का पर्दाफाश करती है।

जीवन परिचय
– नाम: भूपेंद्र गुप्ता
– पिता: स्व. डॉ. गोपाल कृष्ण आजाद
– जन्म: 1952
– शिक्षा: 1978 में मैनिट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री
– मार्केटिंग मैनेजमेंट में कई सर्टिफिकेट कोर्स
– 2006-09 तक दैनिक भास्कर समूह में सतना यूनिट हेड
– अभिरूचि: पढऩा-लिखना और समाजसेवा

राजनीतिक कॅरियर ग्राफ
– सात साल तक मप्र युवक कांग्रेस में महामंत्री
– युवक कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता
– मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि
– मप्र कांग्रेस प्रदेश सचिव
– मप्र कांग्रेस कमेटी में विचार विभाग के अध्यक्ष
– मप्र के विधानसभा चुनाव-2018 में पोल खोल अभियान समिति के अध्यक्ष
– मप्र कांग्रेस कमेटी में मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष
– गांधीवादी विचारधारा के प्रवर्तक
– वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के सानिध्य में राजनीति शुरू की।