मालवा-निमाड़ के 11 जिलों में मिल सकती है कांग्रेस को बढ़त

मप्र मालवा निमाड़ अंचल संघ का प्रभाव वाला इलाका होने की वजह से भाजपा का गढ़ माना जाता है। इस अंचल में करीब दो दशक से भाजपा को चुनावी बढ़त मिलती रही है। लेकिन इस बार बदले चुनावी समीकरण में यह गढ़ धराशाही होता दिख रहा है। राजनैतिक

विश्लेशकों की माने तो इस अंचल के तहत आने वाले 11 जिलों में इस बार कांग्रेस का प्रर्दशन भाजपा को बड़ा झटका दे सकता है। मतदान के प्रतिशत और अब तक सामने आयी प्रतिक्रियाओं के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मालवा-निमाड़ यानि कि इंदौर उज्जैन संभाग के 15 में से 11 जिलों में कांगे्रस को भाजपा पर बढ़त मिलती नजर आ रही है। मतदान के बाद जो समीकरण सामने आ रहे हैं वह सत्ता पक्ष के लिए सुखद नहीं हैं। ताजा स्थिति में भाजपा इंदौर खंडवा, बुरहानपुर और नीमच में भाजपा को बढ़त मिल रही है। उज्जैन व रतलाम में बराबरी की स्थिति बनती देखी जा रही है जबकि खरगोन, बड़वानी, धार, देवास, शाजापुर-आगर और मंदसौर, झाबुआ-अलीराजपुर में कांगे्रस को बढ़त मिलती दिख रही है।
भाजपा के पास इस अंचल में अभी 66 में से 57 सीटें हैं जबकि कांगे्रस के पास मात्र नौ। हालांकि मालवा निमाड़ की सीटों का जिम्मा संभालने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि हमें यहां 55 सीटें हर हालत में मिलेंगी। विजयवर्गीय ने मालवा निमांड की सभी 66 सीटों पर लगातार चुनाव प्रचार और रणनीति तैयार की। कांगे्रस के सांसद पूर्व प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया का कहना है कि कांगे्रस को यहां भारी समर्थन मिलेगा और हम 30 से 35 सीटें जीत रहे हैं।