अगर बीजेपी हमारा साथ नहीं चाहती तो हम भी उसे नमस्कार करने को तैयार, उद्धव के फैसले के बाद अब चंद्रबाबू नायडू की वॉर्निंग

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मंगल भारत अमरावती/नई दिल्ली.आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू ने कहा है कि अगर बीजेपी उनका साथ नहीं चाहती तो उन्हें भी उसे नमस्कार करने यानी अलायंस खत्म करने से कोई गुरेज नहीं होगा। बता दें कि इससे पहले शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वो अगला चुनाव अकेले ही लड़ेंगे। नायडू का यह बयान बीजेपी के स्टेट लीडर्स द्वारा उनकी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना करने के बाद आया है। बता दें कि नायडू की तेलगुदेशम पार्टी एनडीए का हिस्सा है। राज्य में भी बीजेपी और टीडीपी साथ हैं।

क्या कहा नायडू ने?

– शनिवार को एक बयान में नायडू ने आंध्र प्रदेश बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ लगातार की जा रही बयानबाजी पर सख्त नाराजगी जाहिर की। नायडू ने साफ कर दिया कि अगर बीजेपी नहीं चाहती तो वो अलायंस खत्म करने के लिए तैयार हैं।
– नायडू ने कहा- दोनों ही पार्टियों को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। क्योंकि गठबंधन धर्म निभाने की वजह से ही हम अब तक चुप रहे हैं।
– उन्होंने आगे कहा- अगर वो हमें नहीं चाहते तो कोई बात नहीं। हम भी उन्हें नमस्कार करके अपना रास्ता खुद तलाश कर लेंगे।

नायडू ने कहा- दोनों ही पार्टियों को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। क्योंकि गठबंधन धर्म निभाने की वजह से ही हम अब तक चुप रहे हैं।- फाइल

बीजेपी नेताओं को कंट्रोल करे सेंट्रल लीडरशिप

– नायडू ने राज्य के बीजेपी नेताओं की सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने पर कहा कि बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप को इन नेताओं को कंट्रोल करना चाहिए।
– बता दें कि केंद्र में टीडीपी एनडीए का हिस्सा है। वहीं, राज्य में बीजेपी और टीडीपी मिलकर सरकार चला रहे हैं।
– बीजेपी के स्टेट लीडर्स कई मुद्दों पर टीडीपी का विरोध करते रहे हैं। कुछ बीजेपी नेताओं ने तो यहां तक संकेत दिए हैं कि वो अपोजिशन पार्टी YSR कांग्रेस के साथ जाने को तैयार हैं।
– कुछ दिनों पहले YSR कांग्रेस के चीफ जगनमोहन रेड्डी ने कहा था कि अगर बीजेपी आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस देती है तो वो उसको सपोर्ट करने को तैयार हैं।

शिवसेना हो चुकी है अलग

– शिवसेना ने 23 जनवरी को बड़ा एलान किया था। पार्टी नेता और सांसद संजय राउत ने कहा था कि 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिवसेना NDA के साथ नहीं बल्कि अकेले चुनाव लड़ेगी। बीते कुछ महीनों से बीजेपी और शिवसेना के बीच तनाव की खबरें आ रही थीं। नोटबंदी को लेकर भी शिवसेना ने मोदी सरकार का विरोध किया था।