रीवा-सतना के कलेक्टरों पर चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप, निर्वाचन आयोग ने दिल्ली भेजी रिपोर्ट

शिकायतकर्ता ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा प्रमुख बिन्दुओं की जांच ही नहीं की गई

मंगल भारत रीवा। रीवा और सतना जिले में मतदाता सूची बनाने के काम में की जा रही गड़बडिय़ों और डेटा लीक करने की शिकायत पर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जांच कराने के बाद भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा गया है। जिस पर शिकायतकर्ता अजय दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि जिन बिन्दुओं पर जांच की मांग की गई थी, जिस पर जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से कोई जांच नहीं कराई गई है। जिस संस्था की शिकायत थी उसे बचाने का भी काम किया गया है।
आरोप था कि आद्या इंटरप्राइजेज नाम की संस्था को रीवा और सतना जिले में फोटो निर्वाचक नामावली तैयार करने की जवाबदेही सौंपी गई है। यह कार्य जिले और प्रदेश के बाहर संस्था द्वारा कराया जा रहा था। जिसकी वजह से गोपनीयता भंग होने की आशंका थी। साथ ही मतदाताओं का डाटा भी बाहर भेजे जाने की आशंका थी। इस मामले में दोनों जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से जांच रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें संस्था को क्लीनचिट दी गई है और शिकायत को नस्तीबद्ध करने की मांग उठाई गई है।

प्रदेश के निर्वाचन कार्यालय ने भेजी जानकारी
प्रदेश के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राकेश कुशरे ने भारत निर्वाचन आयोग को जानकारी भेजी है, इस रिपोर्ट में दोनों जिलों के कलेक्टरों का प्रतिवेदन और आद्या इंटरप्राइजेज की ओर से आरोपों पर दिए गए जवाब की प्रति भी भेजी गई है। शिकायतकर्ता को भी इसकी प्रति आयोग ने दी है। जिस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए अजय दुबे ने फिर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मांग उठाई है कि मतदान के तीन महीने पहले ही अगस्त में शिकायत की थी लेकिन जांच रिपोर्ट लंबे अंतराल के बाद भेजी गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला निर्वाचन अधिकारी रीवा ने त्रुटिपूर्ण और अधूरी जांच रिपोर्ट संस्थान और कर्मचारियों को बचाने लिए भेजा है।

शिकायतकर्ता का नहीं सुना पक्ष
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने अपने शिकायती आवेदन में कहा है कि जांच के दौरान शिकायतकर्ता का पक्ष जानने का प्रयास नहीं किया गया, जिससे साबित होता है कि मामले को रफदफा करने का प्रयास किया गया है। साथ ही निजी वेंडर द्वारा क्रय किए गए कच्चे सामान के दस्तावेजों का परीक्षण नहीं किया गया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों के रिश्तेदारों को निजी वेंडर द्वारा काम पर रखने की जांच नहीं की गई है। कर्मचारियों की सूची भी नहीं दी गई। सतना के जिला निर्वाचन अधिकारी ने अब तक शिकायतकर्ता को जांच से जुड़ी कोई सूचना नहीं दी है।
– जांच के लिए टीम भेजने की मांग
शिकायत में कहा गया है कि रीवा और सतना में निर्वाचक नामावली तैयार करने की जांच के लिए विशेष टीम भेजी जाए। साथ ही उसी दौरान शिकायत के बिन्दुओं पर भी पक्ष लिया जाए, जिससे सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।