शिवराज, भार्गव व मिश्रा के बीच फंसा नेता प्रतिपक्ष का पद

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब भाजपा के सामने नेता प्रतिपक्ष को लेकर नई चुनौती सामने आ गई है। इस पद के दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। हालांकि इस पद के लिए जिन दो अन्य नामों की चर्चा में हैं उसमें मंत्री रह चुके गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा का नाम भी चर्चा में बना हुआ है। इस पद के लिए दावेदारों के नामों की चर्चा के लिए दो दिन पहले भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक की जा चुकी है। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष कके अलावा विधानसभाा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी

दिग्गज नेताओं द्वारा विचार-विमर्श कियागया। अगर सूत्रों की माने तो बैठक में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर प्रमुखता से चर्चा की गई। इनके अलावा नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव की दावेदारी पर भी विचार विमर्श किया गया। इस संबध में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि इस संबध में प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेज दिया है। वहीं से नाम तय होगा।
28 दिसंबर के बाद होगा फैसला
बताया जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर भेजे गए नामों व पार्टी के हार की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के नेतृत्व से सवाल जवाब कर सकते हैं। मोदी 28 दिसंबर को मप्र सहित तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य मंत्रियों से चुनावी रणनीति और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा करेंगे। बैठक के दौरान विधानसभा में मिली हार के अलावा आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी दिग्गज नेताओं ने चिंतन किया।
शाह की समीक्षा रिपोर्ट भेजने पर चर्चा
मप्र भाजपा चुनाव प्रबंध समिति की बैठक में भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेन्द्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भावरचंद गहलोद, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहाग भगत, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रबंध समिति सदस्यगण फग्गन सिंह कुलस्ते, राजेन्द्र शुक्ला, भूपेन्द्र सिंह लालसिंह आर्य, सह संगठन महामंत्री अतुल राय प्रमुख रूप से शामिल हुए। बैठक में विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार को लेकर आला नेताओं के बीच चिंतन हुआ। साथ ही हार की समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजने पर भी चर्चा की गई।