कांग्रेस का अध्यक्ष बन सकता है ये दिग्गज नेता, पिछले दरवाजे से होगी एंट्री!

कांग्रेस का अध्यक्ष बन सकता है ये दिग्गज नेता, पिछले दरवाजे से होगी एंट्री!

मंगल भारत भोपाल:-मंगल भारत का विशेष राजनीतिक विश्लेषण सलाहकार संपादक बलराम पांडेय

प्रदेश अध्यक्ष को लेकर.

भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावों के बाद से कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही जंग, अब नया रूप लेती दिख रही है। सीएम पद पर कमलनाथ के नाम के आगे मुहर लगने के बाद से ही जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक लगातार उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करते दिख रहे है।

वहीं पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं, वहीं यह चर्चा भी है कि अजय सिंह को दिग्विजय सिंह का आशीर्वाद प्राप्त है।

अभी इन बातों को लेकर गहमागहमी चल ही रही थी कि अचानक सूत्र एक नई रणनीति की ओर इशारा करने लगे। दरअसल सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ को सीएम बनवाने के बाद अब स्वयं दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की कोशिश में लग गए हैं।

यानि चेहरा अजय सिंह और गोविंद सिंह का दिखाकर वे पीछे से इस पद पर दावेदारी करते हुए एंट्री ले सकते हैं। भले ही कई जानकार इसे केवल मनगढ़त बात मानते हैं। लेकिन कुछ जानकार इसे जानबुझकर दिग्विजय सिंह की सोची समझी रणनीति का हिस्सा मानते हैं।

जानकारों के अनुसार दिग्विजय और सिंधिया के बीच का विरोध किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में जहां पहले सिंधिया सीएम के प्रबलतम दावेदारों में से एक थे, वहीं दिल्ली में हुई बैठक में कमलनाथ को सीएम घोषित किया गया। ऐसे में सिंधिया समर्थक दिल्ली पहुंचकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग करने लगे।

चर्चा है कि कमलनाथ को सीएम बनाने में दिग्विजय सिंह का भी खास हाथ रहा। वहीं अब जानकारों का कहना है कि सिंधिया की मजबूती को बनाए रखने के लिए उनका या उनके किसी समर्थक का प्रदेश अध्यक्ष बनना काफी जरूरी हो गया है। लेकिन इसमें भी दिग्विजय, सिंधिया को मजबूत नहीं होने देना चाहते, जिसके चलते कहा जा रहा है कि उन्हीं के इशारे पर अजय सिंह का नाम सामने लाया गया।

ये बताई जा रही है रणनीति…
राजनीति के जानकार डीके शर्मा की मानें तो यदि दिग्विजय प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं, तो उनकी इस रणनीति से इनकार नहीं किया जा सकता।

क्योेंकि अजय सिंह के सामने आने से सिंधिया और अजय सिंह आपस में अध्यक्ष पद को लेकर एक दूसरे के विरुद्ध गुट बना सकते बनाएंगे। जिसकी बात राहुल गांधी तक भी पहुंचेगी।

ऐसे में राहुल गांधी को दिग्विजय सीधा संदेश दे सकते हैं कि इन दोनों में से कोई भी बना तो प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान होगा, जिससे बचने के लिए दिग्विजय को प्रदेश अध्यक्ष पद मिलना आसान हो जाएगा। जिसके चलते भाजपा भी एक बार को प्रेशर में आ सकती है।

भले ही अब तक प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दिग्विजय सिंह का नाम ज्यादा सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है ये नाम जानबूझकर सामने नहीं लाया जा रहा है, जिसे समय आने पर अचानक सामने लाया जाएगा।

वहीं शर्मा के अनुसार दिग्विजय को राजनीति का पुराना लंबा अनुभव है, और उनकी काट के रूप में भाजपा में भी कम ही लोग हैं, ऐसे में उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना काफी हद तक साफ दिख रहा है।