NH-39: बनने से पहले ही उखड़ गया सीधी-सिंगरौली मार्ग, 2014 में ही खत्म हो चुकी है फोरलेन की समय सीमा

मंगल भारत सीधी। राष्ट्रीय राजमार्ग-39 सीधी-सिंगरौली का निर्माण कार्य अभी अधूरा पड़ा है। लेकिन, जिन सड़कों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है वह भी अब उखडऩे लगी हैं। बीच सड़क पर गहरे गड्ढे बन चुके हैं। इससे यात्रियों को फिर से सीधी व सिंगरौली सफर में हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। निर्माण एजेंसी भी संविदाकार की गुणवत्ता को दरकिनार कर कराए गए कार्य पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रही है। बता दें कि, सीधी से सिंगरौली तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित है।

2014 में ही समय सीमा खत्म
सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए 2014 तक का समय दिया गया था। निर्माण कार्य का ठेका टेक्नो यूनिक कंपनी को मिला। कंपनी द्वारा शुरू से ही कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। निर्माण कार्य कछुए की गति से किया जा रहा है। आलम यह है कि अवधि बीतने के चार साल बाद भी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण करना तो दूर टू-लेन सड़क का कार्य भी नहीं पूर्ण किया गया है।

यहां सड़क जर्जर
सीधी जिले में गोपद नदी पुल तक टू-लेन सड़क का निर्माण लगभग पूर्ण कर लिया गया है। लेकिन यह सड़क बनते ही उखडऩे लगी है। जोगीपुर, कुचवाही, कुबरी, पड़रिया, बहरी सहित अन्य स्थानों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। इससे तेज रफ्तार से आने वाले वाहनों में दुर्घटना का भी खतरा पैदा हो गया है। इसके पीछे कारण है कि अर्थ वर्क से लेकर जी-1 व जी-2 कोट में गिट्टी बिछाने सहित डामरीकरण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। संबंधित इंजीनियरों द्वारा भी मौके पर रहकर गुणवक्ता युक्त कार्य कराना उचित नहीं समझा गया।

870 करोड़ का टेंडर
इसका खामियाजा अभी से इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। फोरलेन सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग-39 सीधी से सिंगरौली तक निर्माण कार्य के लिए 870 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था। जिसे वर्ष 2014 में पूर्ण करना था, वहीं इस सड़क की गुणवत्ता की गारंटी के लिए वर्ष 2041 तक का समय दिया गया हैं। लेकिन 2041 तो दूर 2018 में ही आधी-अधूरी बनी सड़क ही टूटने लगी है।