सनातन धर्म के पर राजनीति आखिर कब तक :- कुलदीप अग्निहोत्री.

सनातन धर्म के पर राजनीति आखिर कब तक :- कुलदीप अग्निहोत्री.

आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अग्नि संस्था के संस्थापक अध्यक्ष कुलदीप अग्निहोत्री ने धर्म पर राजनीति करने वाले नेताओं एवं राजनीतिक दल पर साधा निशाना उनका कहना था, “भारत में धर्म की राजनीति संजय से चलती आ रही है कभी मंदिर पर तो कभी मस्जिद पर कभी गुरुद्वारे पर तो कभी चर्च, राजनीति भी विकसित हो चुकी है धर्म की राजनीति से एक कदम आगे बढ़ गई है जो अब जाति की राजनीति कहलाती है, राजनीति में धर्म और जातिवाद विकास का रोड़ा बनते हैं. भारत के दो प्रचलित और विकसित रूप जो हिंदू सनातन धर्म व इस्लामिक मजहब है, धर्म का प्रचार और प्रसार तो आम बात है मगर इन धर्म और मजहब पर जब राजनीति की जाती है तब धर्म और मजहब के साथ-साथ इंसानियत भी शर्मसार हो जाती है. इन दिनों भारत में चुनावी माहौल चल रहा है, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है, जिसके चलते राजनीतिक मुद्दों विपरीत धर्म का मुद्दा चल रहा है. एक और राम मंदिर जो कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है, एक और पंजाब में किसान आंदोलन और खालिस्तान, उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर अंदरूनी घमासान, एक और मणिपुर और गोवा में हिंदुत्व को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है.”
राम मंदिर का मुद्दा किस एक राजनीतिक दल व नेताओं का नहीं है, समस्त हिंदू सनातन धर्म का है, सऊदी अरब में अगर मस्जिद विकास का रोड़ा बनता है तो उसे थोड़ा भी जा सकता है, और किसी अन्य स्थान पर उसे स्थगित किया जा सकता है. मंदिर केवल हमारे श्रद्धा और आस्था का विषय नहीं है यह हमारी संस्कृति को प्रकृति का देन है जो केवल सनातन धर्म को प्राप्त हुआ, भारत के नेताओं के और राजनीतिक दल को चाहे वह किसी भी पार्टी के क्यों ना हो उन्हें हिंदू धर्म का सम्मान करना चाहिए, राजनीति करने के लिए तो अनेकों मुद्दे हैं सिर्फ हिंदू धर्म वा राम मंदिर ही नहीं.

अगर वे श्री राम के अस्तित्व पर सवाल करते हैं तो हम भी उनके अस्तित्व पर सवाल करेंगे, श्री राम और धर्म पर सवाल पूछने वाले राजनेता व राजनीतिक दल कभी इंसान से उनका हाल तो पूछ लिया करें. धर्म हमारे जीवन को सजाने का काम करता है और हम धर्म को बदनाम करने का काम करते हैं सिर्फ राजनीति के लिए, जिनकी टुकड़ों और आशाओं में हम पलते हैं हम उन्हीं से उल्टा सवाल करते हैं कि आप का अस्तित्व क्या है, हम भगवान को केवल आस्था के भाव से देखें उनकी कृपा हम पर सदैव बनी रहेगी.