भाजपा के लिए चुनौती नहीं हैं नाथ व सिंधिया: प्रभात झा

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सासंद प्रभात झा का कहना है कि कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं हैं। वजह साफ है कि दोनों ही नेताओं का प्रभाव सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित है। वे कभी भी पूरे प्रदेश में प्रभावशाली नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा के बगल की सीट बैतूल और बालाघाट नहीं जितवा सकते। क्योंकि वे सिर्फ छिंदवाड़ा के नेता हैं। सिंधिया अपने संभाग की तीन लोकसभा सीट हार चुके हैं। इसी तरह से विपक्ष के बन रहे गठजोड़ को लेकर उनका कहना है कि कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी मप्र में कभी एक साथ नहीं आ सकते हैं। बसपा और सपा ने उप्र में जातिवाद का जहर घोला है, हम मप्र में ऐसा नहीं होने देंगे। प्रदेश में अगली बार भाजपा की सरकार को लेकर उनका कहना है कि पहले कहा जाता था कि भाजपा सरकार तो बना लेती है, लेकिन टिक नहीं पाती। पिछले तीन कार्यकाल ने इस धारणा को खत्म कर दिया है और चौथी बार सरकार भाजपा ही बनाएगी। कांग्रेस की कमजोरी को लेकर उनका कहना है कि राजनीति में सामने वाले की कमजोरी का फायदा तो उठाया ही जाता है, लेकिन हम अपने कामों को भी जनता के सामने रखेंगे। असंगठित श्रमिकों की जनकल्याण योजना एक बहुत कारगर योजना है। इसी तरह से एक ही चेहरे को सामने रखकर भाजपा के चुनाव लडऩे के प्रश्र पर श्री झा ने कहा कि हम किसी को थोप नहीं रहे हैं। सर्वे बताते हैं कि 77 प्रतिशत लोग मप्र में शिवराज को अपना नेता मानते हैं। इसी तरह से प्रदेश में कुछ स्थानीय दलों के मिलकर चुनाव लडऩे पर वे कहते हैं कि बसपा, सपा जैसी पार्टियों ने उप्र में जातिवाद का जहर घोला है, वैसा हम मप्र में नहीं होने देंगे। यदि पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो भी हम 123 जीतते हैं। बसपा और सपा मिलकर कांग्रेस के साथ नहीं आएंगे। हम कह रहे हैं कि इस बार जीतो तो 25 साल भाजपा की ही सरकार रहेगी। बीते कुछ उपचुनाव में भाजपा की हार पर उनका कहना है कि जो उपचुनाव हम हारे, वे सभी कांग्रेस की सीट थी। अटेर, चित्रकूट, मुंगावली, कोलारस में हम पहले के मुकाबले बहुत कम वोटों से पीछे रहे। दरअसल, हम वह चुनाव हारे नहीं हैं, बस कांग्रेस से छीन नहीं पाए। प्रदेश में भाजपा का आदिवासी, दलित सीटों पर भाजपा का जनाधार घटने को लेकर श्री झा का कहना है कि एससी और एसटी की 82 सीट मप्र में हैं। इसमें से जो 50 से 60 सीट जीतता है, सरकार वही बनाता है। झाबुआ में दिलीप सिंह भूरिया जैसा नेता हमारे पास नहीं था, इसलिए हम हार गए। एससी सीट पर भाजपा लगातार काम कर रही है। 2 अप्रैल की घटना भिंड, ग्वालियर क्षेत्र में सोशल मीडिया की वजह से हुई है। पार्टी में दिग्विजय सिंह की तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी नेताओं की द्वितीय पंति समाप्त करने को लेकर उनका कहना है कि भाजपा संगठन में कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय महासचिव हैं। मैं प्रदेश अध्यक्ष बना। प्रह्लाद पटेल मणिपुर में झंडे गाड़ रहे हैं। राजनीति में कोई किसी को खत्म नहीं कर सकता। योग्यता और भाग्य अलग-अलग चीज है। योग नहीं हो तो योग्यता धरी रह जाती है व अयोग्य को कुर्सी मिल जाती है