मोदी सरकार चार साल बाद हटाएगी एनसीईआरटी की किताब से विवादित अंश

केन्द्र की मोदी सरकार अपने चार साल के कार्यकाल के बाद अब जाकर अपनी ही पार्टी व सरकार के खिलाफ किताब में पढ़ाए जाने वाले विवादास्पद अंशों को हटाने की बात कह रही है। यह किताब एनसीईआरटी की है , जिसमें भाजपा को हिंदुत्व एजेंडे वाली पार्टी बताते हुए गोधरा कांड में गुजरात की तत्कालीन मोदी सरकार पर भी सवाल उठाए गए हैं। अब इस मामले ने तूल पकड़ा तो केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एनसीईआरटी के सचिव मेजर हर्ष कुमार ने प्रकाशन विभाग से पूरी जानकारी मांगी है। कक्षा 12वीं में राजनीति शास्त्र विषय की स्वतंत्र भारत में राजनीति-2 नामक यह किताब 2007 में प्रकाशित हुई थी। उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी। हालांकि, उसके बाद इस किताब के 10 संस्करण छप चुके हैं, जिसमें से चार मोदी सरकार के कार्यकाल में छपे हैं। फिलहाल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ऑस्ट्रेलिया में हैं। माना जा रहा है कि जावड़ेकर के लौटने के बाद सरकार इस मामले में कदम उठा सकती है।
-भाजपा ने सिब्बल पर लगाया आरोप
इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार ने एनसीईआरटी का दुरुपयोग किया था। 2007 में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल थे। उन्होंने जानबूझकर नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए गोधरा कांड को इस तरह किताब में शामिल करवाया था। झा का आरोप है कि कांगे्रस स्कूल शिक्षा में इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ करती रही है।
– गलत तथ्यों वाली किताब नहीं पढ़ाई जाए
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी का कहना है कि इतिहास के गलत तथ्य बच्चों को पढ़ाना ठीक नहीं है। यह कांग्रेस सरकारों की साजिश है। वे इन तथ्यों को बदलने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे, इसलिए हम इतिहास और राजनीति शास्त्र की किताबें एनसीईआरटी की नहीं ले रहे हैं, लेकिन प्रदेश के सीबीएसई स्कूलों में यह किताब ना पढ़ाई जाए इसके लिए भी अधिकारियों से चर्चा करेंगे। उधर, भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने भी इस मामले में तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
– किताब में सही तथ्य हैं
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने भाजपा के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा, विद्वानों की समिति ने सभी ऐतिहासित तथ्यों का अध्ययन करके यह किताब लिखी है। इसमें कपिल सिब्बल का कोई हाथ नहीं हो सकता है। इस किताब में सही तथ्य सामने आए हैं। किताब से खुलासा होता है कि गुजरात की तत्कालीन की मोदी सरकार ने वहां गोधरा कांड के समय वहां का माहौल बिगाड़ा था।