बौने लोगों को भी मिलेगा सरकारी नौकरी में आरक्षण

बौनेपन का शिकार होकर समाज में हास्य का पात्र बनने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने ऐसे लोगों को अब नौकरी में प्राथमिकता देने का फैसला किया है। उन्हें अब सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार ने दिव्यांगों के लिए सीधी भर्ती के आरक्षित प्रतिशत कोटे को नए सिरे से विभाजित कर दिया है। इसके तहत चार श्रेणी में डेढ़-डेढ़ प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसमें एसिड अटैक, कुष्ठ रोग से मुक्त, सेरेब्रल पाल्सी और मस्कुलर डिस्ट्राफी के शिकार व्यक्तियों को भी रखा गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में दिव्यांगों के लिए सीधी भर्ती से भरे जाने वाले द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों में छह प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। इसमें अभी तक दो प्रतिशत दृष्टिबाधित, दो प्रतिशत श्रवण बाधित और दो फीसदी अस्थिबाधितों के लिए पद आरक्षित रखे गए हैं। केंद्र सरकार ने इन श्रेणियों को अब 4 हिस्सों में विभाजित कर दिया है।
इसमें दृष्टिबाधित व कमदृष्टि, बहरे व कम सुनने वाले, लोकोमोटर डिसेबिलिटी-सेरेब्रल पाल्सी, कृष्ठ रोग मुक्त, बौनापन, एसिड अटैक पीडि़त और मस्कुलर डिस्ट्राफी, ऑटिज्म, बौद्धिक दिव्यांगता, स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी व मानसिक बीमारी के साथ बहुविकलांगता को शामिल किया गया है। इसके हिसाब से प्रदेश में सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण (कोटा) की व्यवस्था नए सिरे से बनाई गई है। इसके तहत डेढ़ प्रतिशत आरक्षण का लाभ दृष्टिबाधित और कमदृष्टि, डेढ़ फीसदी बहरे और कम सुनने वाले, डेढ़ प्रतिशत सेरेब्रल पाल्सी, कृष्ठ रोग मुक्त, बौनापन, एसिड अटैक पीडि़त व मस्कुलर डिस्ट्राफी और डेढ़ प्रतिशत स्थान ऑटिज्म, बौद्धिक दिव्यांगता, स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी और मानसिक बीमारी के साथ बहुविकलांगता वालों के लिए आरक्षित रहेंगे।
अधिक दिव्यांगता वाले को दें प्राथमिकता
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह देखने में आ रहा है कि सरकारी नौकरी उन्हें ही दी जा रही है, जिनमें दिव्यांगता का प्रतिशत कम है। ये बात सरकार की मंशा के खिलाफ है। इसे देखते हुए विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शासकीय सेवा में आरक्षण का लाभ उन्हें देने में प्राथमिकता दें, जिन दिव्यांगजन की नि:शक्तता का प्रतिशत अधिक है।