रू-ब-रू/सीटें भले कम हो जाएं, पर सरकार भाजपा की बनेगी: नारायण त्रिपाठी

मैहर में रिश्वत लेने से डरते हैं अफसर-कर्मचारी
भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से मंगल भारत के   sampadakकी विशेष बातचीत
प्रदेश के चर्चित एवं दबंग नेताओं में शुमार श्री नारायण त्रिपाठी देश के इकलौते ऐसे भाजपा विधायक हैं कि जिनके क्षेत्र में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जनता से रिश्वत लेने में डरते हैं। यदि अफसर अंजाने में रिश्वत ले भी लेता है, तो विधायक त्रिपाठी की क्षेत्र में इतनी दहशत है कि उसे लौटानी पड़ती है। विधायक त्रिपाठी का दावा है कि आगामी विधानसभा में भले ही सीटें कुछ कम हो जाएं, लेकिन मध्यप्रदेश में चौथी बार सरकार भाजपा ही बनाएगी। उनका कहना है कि मप्र में कांग्रेस खत्म हो चुकी है। कमलनाथ मप्र के नहीं, छिंदवाड़ा के नेता हैं। उनके पास कार्यकर्ता नहीं, सब पेड वर्कर हैं। त्रिपाठी का कहना है कि मप्र के अब तक के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं। उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में जितने जनहित के काम हुए हैं, उतने पिछले 70 सालों में नहीं हुए। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास को नई परिभाषा दी है। भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी सुशासन के नए मानदंड स्थापित किए हैं। भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से बिच्छू डॉट कॉम के विशेष संवाददाता महेश दीक्षित ने राजनीतिक और सामाजिक सहित तमाम मुद्दों पर अनौपचारिक बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश…

– मंगल भारत: राजनीति में कब और कैसे आए?
नारायण त्रिपाठी: मैं बचपन से विद्रोही स्वभाव का रहा हूं। तथा मैं परिस्थितिजन्य राजनेता हूं। जब मैं 12 साल का था। मेरा यज्ञोपवित संस्कार होना था। मुझे गुरु के आदेश पर भिक्षाटन और अठबमना संस्कारों का पालन करना था। इसमें भिक्षा मांगने के साथ, झूठा खाना पड़ता है। लेकिन मैंने दोनों संस्कारों का विरोध कर दिया और कह दिया कि न तो मैं भीख मांगूगा और न झूठन खाऊंगा। इसी तरह जब मैं गृहग्राम लटागांव जागीरदारी में गांव के मजदूर-किसान और गरीबों को प्रताडि़त होते देखता, तो बेचैन हो जाता था। अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को लेकर कई आंदोलन किए। स्कूल-कॉलेज में स्टूडेंट पॉलीटिक्स की। मप्र में 1993-94 में प्रथम पंचायती राज चुनाव में पत्नी सरपंच और मैं खुद जनपद सदस्य निर्वाचित हुआ। तमाम राजनीतिक विरोधाभास के बावजूद मैं तीन बार से विधायक निर्वाचित होता रहा हूं।

– मंगल भारत: आपका राजनीतिक गुरु कौन है?
नारायण त्रिपाठी: अर्जुन सिंह जिंदाबाद के साथ राजनीति में आया तथा राजनीति में मुलायम सिंह यादव मेरे मार्गदर्शक हैं। इसके अलावा मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेरी राजनीति को नई दिशा दी है। मुझे उनके कृत्तित्व-व्यक्तित्व ने बेहद प्रभावित किया।

– मंगल भारत: आपको किस तरह की फिल्में पसंद हैं?
नारायण त्रिपाठी: भारतीय संस्कृति, देशभक्ति और ऐतिहासिकता से ओत-प्रोत एवं प्रेरक फिल्में पसंद हैं। मुकद्दर का सिंकदर, त्रिशूल, शक्ति, बागबान, थ्री इडियट और ओह माय गॉड जैसी सार्थक फिल्में प्रभावित करती हैं।

– Mangal Bharat: अभिनेताओं में आपकी पसंद?
नारायण त्रिपाठी: अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार के अभिनय ने बेहद प्रभावित किया।

– Mangal Bharat: अभिनेत्रियों में पसंद?
नारायण त्रिपाठी: हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित के मौलिक-स्वभाविक अभिनय ने प्रभावित किया।

– Mangal Bharat: मध्यप्रदेश के अब तक के मुख्यमंत्रियों में सबसे अच्छा मुख्यमंत्री किसे मानते हैं?
नारायण त्रिपाठी: शिवराज सिंह चौहान, अब तक मप्र में जितने मुख्यमंत्री हुए, उनमें सर्वश्रेष्ठ हैं। पहले राजा-महाराजा, कारोबोरी मुख्यमंत्री होते थे, लेकिन अब किसान का बेटा मुख्यमंत्री हैं। शिवराजजी ने सरकार के मायने बदले। सरकार का समाजीकरण किया। प्रदेश के आम गरीब, किसान, मजदूर, लड़कियों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की। जिस प्रदेश में लडक़ी के जन्म को अभिशाप माना जाता था, वह शिव-राज में लाडली लक्ष्मी हो गई। तमाम ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जो सीधे आम आदमी के दिल को छूती हैं। लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्यादान योजनाओं को दूसरे राज्यों ने मॉडल के रूप में अपनाया है।

– Mangal Bharat: अबकी बार 200 पार, क्या आपको लगता है भाजपा मप्र में चौथी बार सरकार बना पाएगी?
नारायण त्रिपाठी: इसमें हमें जरा भी संशय नहीं हैं। भले ही कुछ सीटें कम हो जाएं, लेकिन हम चौथी बार मध्यप्रदेश में बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे।

– Mangal Bharat: संघ और पार्टी विधायक-मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है, इस पर क्या कहेंगे?
नारायण त्रिपाठी: यह अच्छी बात है। हर विधायक-मंत्री के काम का रिपोर्ट कार्ड तैयार होना ही चाहिए। वर्ना यह कैसे तय होगा कि कौन लायक है और कौन नालायक?

– Mangal Bharat: पार्टी का जो सर्वे आ रहा है, उसके अनुसार आधे से ज्यादा विधायक-मंत्रियों को टिकट कट सकते हैं? क्योंकि ये वे विधायक-मंत्री हैं अपने क्षेत्र में पूरे कार्यकाल में निष्क्रिय रहे? क्या कहेंगे आप?
नारायण त्रिपाठी: जिन्होंने काम नहीं किया, उन्हें टिकट क्यों मिलना चाहिए? टिकट उन्हीं दावेदारों को मिलना चाहिए जो पूरे समय जनता के बीच सक्रिय हैं और जिनकी जनता में छवि अच्छी है।

– Mangal Bharat: क्या अटेर, चित्रकूट, मुंगावली (अशोकनगर) और श्योपुर(शिवपुरी) विधानसभा उपचुनाव में हार अब भाजपा सरकार के जाने का संकेत नहीं ?
नारायण त्रिपाठी: जब कोई बड़ा दांव खेलना हो तो चार कदम पीछे भी हटना पड़ता है। इसलिए हम इन सीटों पर हारें, बल्कि ये सीटें हम कांग्रेस से छीन नहीं पाए यह कहना ज्यादा सही होगा। क्योंकि ये सीटें हमारी कभी थी ही नहीं। इसलिए इन सीटों पर कांग्रेस का जीतना स्वाभाविक था।

– Mangal Bharat: कांग्रेस के नए अध्यक्ष कमलनाथ के बारे में आप क्या कहेंगे?
नारायण त्रिपाठी: कमलनाथ का कोई व्यापक जनाधार नहीं। वे प्रदेश के नहीं, छिंदवाड़ा के लीडर हैं। उनके पास कार्यकर्ता नहीं, पेड वर्कर हैं। जो कभी जमीन पर पैदल नहीं चला, हवाई जहाज से नीचे नहीं उतरा, वे प्रदेश को कैसे जीतेंगे, कांग्रेस को कैसे जिताएंगे, सोच सकते हैं। इसी तरह से कांग्रेसी कहते हैं कि राहुल गांधी पीएम कैंडिडेट हैं। अब आप ही बताइए जो गांव-खेत-खलिहान को न जाने, वह पीएम कैसे बन सकता है?

– Mangal Bharat: फिर कमलनाथ को लेकर भाजपा में इतनी हताशा क्यों?
नारायण त्रिपाठी : फिलहाल तो कांग्रेस-कमलनाथ हताशा में है। कमलनाथ खुद इतने कमजोर नेता हैं कि अध्यक्ष बनने के बाद उनके सपोर्ट के लिए पार्टी को चार-चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पड़ेे हैं।

– मंगल भारत: जब भाजपा सरकार केंद्र में काबिज हुई, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था कि अच्छे दिन आने वाले हैं? पर अच्छे दिन तो आए नहीं, जनता अब पीएम मोदी की नीति-नीयत पर सवाल कर रही है, क्या कहेंगे आप?
नारायण त्रिपाठी : यह कांग्रेस की पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश है। आंखों से कांग्रेसी चश्मा हटाइए। कांग्रेस के 70 साल और मोदी के 48 महीने के शासनकाल को आमने-सामने रख लीजिए, पता चल जाएगा कि मोदी के पीएम बनने के बाद गरीब, मजदूर, किसान और व्यापारी हित में कितने काम हुए हैं। नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़वे और कठिन फैसले लेकर मोदी ने यह साबित किया है कि, वोटों की खातिर देशहित से समझौता नहीं किया जा सकता। मोदी के कड़वेफैसलों से जनता नहीं, माल्या-नीरव मोदी जैसे बेइमान परेशान हैं।

– Mangal Bharat: क्या पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर नहीं पहुंच रहे हैं? इसकी वजह से दूसरी चीजें महंगी हो रही हैं? आखिर पेट्रोल-डीजल के दाम कब कम होंगे?
नारायण त्रिपाठी : पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ें, इसके लिए हम स्थाई समाधान पर काम कर रहे हैं। जल्द ही दाम कम होंगे।

– मंगल भारत: आप पर आरोप है कि आप अवसरवादी राजनीति करते हैं? पहले सपा, फिर कांग्रेस और अब भाजपा में हैं। इस बारे में क्या कहेंगे?
नारायण त्रिपाठी : मैं अवसरवादी नहीं, परिस्थितिजन्य राजनेता हूं। पहले सपा, फिर कांग्रेस और इसके बाद भाजपा में जाना परिस्थितिवश हुआ। अमरसिंह से टकराव हुआ तो सपा और अजय सिंह ने मेरे कार्यक्षेत्र में दखल दिया तो कांग्रेस छोड़ी। इसके बाद 18 अगस्त 2015 को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैहर पहुंचे। स्थानीय स्टेडियम में आयोजित बड़े राजनीतिक कार्यक्रम में उन्होंने मुझसे कहा कि ऊंट की चोरी निहुरे-निहुरे कब तक चलेगी, तो उनके सम्मान आमंत्रण पर मैंं भाजपा परिवार में शामिल हो गया। इसके बाद मंच से मैं जो मांगता गया, मुख्यमंत्री मैहर को देते चले गए। उन्होंने मैहर को इतना दिया कि इतना आने वाले 50 सालों तक कोई नहीं कर सकता था।

– Mangal Bharat: आपकी डेढ़ साल की उपलब्धियां बताएंगे?
नारायण त्रिपाठी : उपलब्धियां इतनी हैं कि मैहर की जनता सौ साल तक हमें याद करेगी। 1860 करोड़ रुपए की योजना प्रांरभ कर मैहर के हर गांव-हर घर को पीने का पानी पहुंचा रहे हैं। 23 करोड़ से मिनी स्मार्ट सिटी, 8 करोड़ से 160 बेड का अस्पताल, 10 करोड़ से कॉलेज भवन, 3 करोड़ से टाउन हाल, 50 करोड़ से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ पूरे मैहर विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव तक करोड़ों रुपए खर्च कर नवीन सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है।

– Mangal Bharat: आखिर आपका अंतिम साध्य क्या है?
नारायण त्रिपाठी : देश-समाज से धर्म, संप्रदाय और जातिवाद के जहर को खत्म करना ही अंतिम साध्य है।

नारायण त्रिपाठी: जीवन परिचय
– नाम: नारायण त्रिपाठी
– पिता: श्री श्याम सुंदर त्रिपाठी
– जन्म स्थान: ग्राम लटागांव, जिला सतना
– वैवाहिक स्थिति: विवाहित
– पत्नी: श्रीमती माया त्रिपाठी
– संतान: दो पुत्रियां, तीन पुत्र
– शिक्षा: बीए, संस्कृत आचार्य
– व्यवसाय: कृषि
– अभिरुचि: समाज सेवा
सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– मप्र समाजवादी युवजन सभा के प्रदेशाध्यक्ष रहे।
– वर्ष 2003 से वर्तमान तक शिवम कला नगर प्रोत्साहक के संस्थापक।
– 2003 में बारहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित।
– वर्ष 2006 में समाजवादी पार्टी के मप्र अध्यक्ष। वर्ष 2009 में कांग्रेस की सदस्यता।
– वर्ष 2013 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित।
– 27 अगस्त 2015 को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
– फरवरी 2016 में उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर पुन: विधानसभा सदस्य निर्वाचित।
– 23 फरवरी 2016 को विधानसभा सदस्य की सदस्यता ग्रहण की।