मध्यप्रदेश के इस बड़े अफसर ने कांग्रेस से मांगा टिकट, पूरी भाजपा में मचा हड़कंप

रतलाम. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को उसी की सरकार के एक अफसर ने परेशानी में डाल दिया है। रतलाम जिले की विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक से नाराज वर्तमान में जिला पंचायत के सहायक परियोजना अधिकारी एवं पूर्व में जनपद पंचायत के सीईओ रहे अफसर ने कांग्रेस की बैठक में पहुंचकर मध्यप्रदेश के सह-प्रभारी संजय कपूर को अपना बायोडाटा भी दे दिया। अफसर की इस राजनीतिक महत्वाकांशा के बाद समूची भाजपा में हड़कंप मच गया है। दरअसल, संबंधित अफसर का आदिवासी वर्ग में अच्छा नेटवर्क है और उनके भाजपा के खिलाफ मैदान में उतर जाने से इसी वर्ग के कई अन्य अफसर भी मध्यप्रदेश की सरकार की चिंता को बढ़ा सकते है।
जीताऊ उम्मीदवार की तलाश का पहला दौर
रतलाम ग्रामीण विधानसभा में लोकसभा उपचुनाव के दौरान मिली बढ़त से उत्साहित कांग्रेस में मंगलवार को जीताऊ उम्मीदवार की तलाश का पहला दौर विवाद के साथ शुरू हो गया। भटी भड़ोदिया की बैठक में मध्यप्रदेश कांग्रेस के सह-प्रभारी संजय कपूर की मौजूदगी में जनपद के एपीओ लक्ष्मण डिंडोर के साथ पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष की पत्नी सहित ८ नेताओं ने अपने बायोडाटा देकर दावेदारी की है। अब कांग्रेस हाईकमान इनकी स्क्रुटनी कर चुनाव करेगा। बैठक में करीब डेढ़ हजार कार्यकर्ता व नेता मौजूद थे। प्रदेश सह-प्रभारी कपूर के साथ एआईसीसी पर्यवेक्षक धीरूभाई पटेल, संभाग प्रभारी राहुल रिछारिया, सांसद प्रतिनिधि डॉ. विक्रांत भूरिया, राजेश दवे, संजय चौधरी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़, नामली के राजेश भरावा, जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष रामचन्द्र धाकड़, प्रदेश कांग्रेस सचिव कोमल धुर्वे व कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रभु राठौड़ मंच पर थे। बैठक की शुरूआत में कपूर सहित अन्य नेताओं ने पोल खोल यात्रा और कांग्रेस संगठन की एकजुटता की बात कही व चुनावी तैयारी में जुटने का आव्हान किया।दावेदारी पर कांग्रेस मेें भी विरोध के स्वर उभर आए
बैठक में रतलाम ग्रामीण में कांग्रेस से विधायक के संभावित उम्मीदवारों के संबंध में रायशुमारी के बाद बायोडाटा लिए गए। ८ नेताओं ने अपना दावा किया। इस दौरान बैठक में आए रतलाम जनपद पंचायत के एपीओ लक्ष्मणसिंह डिंडोर ने अपना बायोडाटा दिया। इस पर प्रदेश कांग्रेस सचिव व पूर्व जिलाध्यक्ष कोमल धुर्वे ने सह-प्रभारी संजय कपूर के समक्ष डिंडोर की दावेदारी पर विरोध जता दिया। धुर्वे ने कहा कि डिंडोर शासकीय सेवक है और क्षेत्र के निवासी नहीं है। इस पर डिंडोर ने कपूर को बताया कि धुर्वे के आदिवासी वर्ग का होने पर संदेह है। इसका मुद्दा पहले भी उठ चुका है। कुछ अन्य दावेदारों ने भी स्थानीय उम्मीदवार को ही प्राथमिकता देने की मांग की है। कपूर ने सभी दावेदारों के सुझाव व आपत्ति पर संगठन स्तर पर चर्चा की बात कहकर आश्वस्त किया।
पहले प्रदेश प्रभारी से मिले, फिर टिकट की मांग
जनपद पंचायत सीईओ रहे लक्ष्मण डिंडोर और विधायक मथुरलाल डामर के बीच एक बैठक में आदेश नहीं मानने की बात पर विवाद हो गया था। विधायक डामर, डिंडोर के खिलाफ कलेक्टोरेट मेें धरना देने पहुंच गए थे। सूचना पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित सहित अन्य नेताओं ने उनको मनाया और वापस लेकर आए थे। इसके बाद विधायक ने डिंडोर पर मनमानी के आरोप लगाकर निलंबन की मांग कर दी थी। इस विवाद के कुछ दिनों बाद २४ जुलाई २०१७ को शासन ने डिंडोर को निलंबित कर जिला पंचायत में अटैच कर दिया। डिंडोर इसके विरोध में हाईकोर्ट गए और २४ जून २०१८ को स्टे ले आए, लेकिन इस अवधि में रतलाम जनपद में अन्य अधिकारी की पदस्थापना हो जाने के कारण उनको जिला पंचायत में पदस्थ कर दिया गया। शासन ने नए आदेश के तहत उनको जिला पंचायत मेें बतौर एपीओ पदस्थापना दे दी। वे झाबुआ जिले के मूल निवासी है और अब रतलाम ग्रामीण से कांगे्रस से दावेदारी कर रहे है। करीब दो माह पूर्व वे प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से मिले थे। इसी दौरान कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की पटकथा लिखी गई थी, उनको सांसद का करीबी माना जाता है।पहले प्रदेश प्रभारी से मिले, फिर टिकट की मांग
जनपद पंचायत सीईओ रहे लक्ष्मण डिंडोर और विधायक मथुरलाल डामर के बीच एक बैठक में आदेश नहीं मानने की बात पर विवाद हो गया था। विधायक डामर, डिंडोर के खिलाफ कलेक्टोरेट मेें धरना देने पहुंच गए थे। सूचना पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित सहित अन्य नेताओं ने उनको मनाया और वापस लेकर आए थे। इसके बाद विधायक ने डिंडोर पर मनमानी के आरोप लगाकर निलंबन की मांग कर दी थी। इस विवाद के कुछ दिनों बाद २४ जुलाई २०१७ को शासन ने डिंडोर को निलंबित कर जिला पंचायत में अटैच कर दिया। डिंडोर इसके विरोध में हाईकोर्ट गए और २४ जून २०१८ को स्टे ले आए, लेकिन इस अवधि में रतलाम जनपद में अन्य अधिकारी की पदस्थापना हो जाने के कारण उनको जिला पंचायत में पदस्थ कर दिया गया। शासन ने नए आदेश के तहत उनको जिला पंचायत मेें बतौर एपीओ पदस्थापना दे दी। वे झाबुआ जिले के मूल निवासी है और अब रतलाम ग्रामीण से कांगे्रस से दावेदारी कर रहे है। करीब दो माह पूर्व वे प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से मिले थे। इसी दौरान कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की पटकथा लिखी गई थी, उनको सांसद का करीबी माना जाता है।इन दावेदारों ने भी किया कांग्रेस से दावा
दावेदारों में पूर्व विधायक लक्ष्मीदेवी खराड़ी पलसोड़ी, पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय जयदीप भंवर की पत्नि सविता भंवर, ग्रामीण कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष कोमल धुर्वे सहित पुरुष उम्मीदवार नाथुलाल कटारा मुंदड़ी, आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष किशन सिंघाड़, वरिष्ठ कांग्रेसी थावरचंद भूरिया महु, प्रदीप ओहरी झरखेड़ी, जनपद पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश सोलंकी, शांतिलाल निनामा, आशीष डेनियल सहित लक्ष्मण डिंडोर ने अपन बायोडाटा दिया है। अब कांग्रेस संगठन इन नामों की स्कु्रटनी कर चुनाव करेगा।