रू-ब-रू/शिवराज ने मप्र को विकसित नहीं, भ्रष्ट-निकृष्ट राज्य बना दिया: मानक अग्रवाल

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल से मंगल भारत पत्रिका के प्रबंध संपादक मनीष द्विवेदी के साथ की विशेष बातचीत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मप्र कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल अलग मिजाज और अंदाज के राजनेता हैं। निकनेम मानक भाई और सफारी सूट उनकी पहचान है। उनके बारे में कहा जाता है कि मप्र पीसीसी का चीफ कोई भी रहे, पर कांग्रेस की खबरदारी मानक भाई ही करेंगे। उनका कहना है कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के ही नहीं देश के सबसे बड़े घोषणावीर मुख्यमंत्री हैं। शिव-राज में पिछले चौदह साल में जितनी विकास योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए गए, ग्राउंड लेवल उनका क्रियान्वयन जीरो रहा है। सरकार काम से ज्यादा बात करने में यकीन रखती है। अगर काम पर ध्यान देती तो प्रदेश का कबाड़ा नहीं होता। शिवराज दंभ भरते हैं कि हमने मप्र को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाया। जबकि सच यह है कि शिवराज ने मप्र को पहले कहीं ज्यादा भ्रष्ट-निकृष्ट राज्य बनाकर रख दिया है। प्रदेश पर कर्ज बढ़ता जा रहा है और आम आदमी अपने हक के लिए दर-दर की ठोंकरें खा रहा है। हालात यह हैंबच्चियों, महिलाओं से बलात्कार, भ्रष्टाचार और कुशासन के मामले में मप्र देश में नंबर वन प्रदेश हो गया है। गरीब, किसान, मजदूर, कर्मचारी और कारोबारी सब सरकार की खराब-लचर रीति-नीति से परेशान हंै। उनका कहना है कि पूरे मप्र से जो फीडबैक आ रहे हैं, उसके अनुसार शिवराज सरकार से जनता का मोहभंग हो चुका है। संदेश साफ है मप्र में जनता बदलाव चाहती है। इस बार कांग्रेस मप्र में बहुमत से सरकार बनाएगी। कांग्रेस मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल से बिच्छू डॉट कॉम के विशेष संवाददाता महेश दीक्षित ने राजनीतिक और सामाजिक सहित तमाम मुद्दों पर अनौपचारिक बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्यांश…
– मंगल भारत: राजनीति में कब और कैसे आए?
मानक अग्रवाल: राजनीति का ककहरा विद्यार्थी काल से ही सीखना शुरू कर दिया था। कॉलेज व विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति की। छात्र हित में खूब आंदोलन किए। अभा कांग्रेस के राजनीतिक प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। कांग्रेस की सदस्यता लेने के साथ वार्ड, ब्लाक और जिला पदाधिकारी से राजनीति में पदार्पण किया। कांग्रेस मप्र युवक कांग्रेस का अध्यक्ष रहा। इसके बाद मप्र सडक़ परिवहन निगम, राज्य सेतु विकास निर्माण निगम, मप्र पर्यटन विकास निगम और मप्र लघु उद्योग निगम रहा। कई वर्षों तक मप्र कांग्रेस का सचिव, महासचिव, उपाध्यक्ष और प्रवक्ता रहा। दो बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा। वर्तमान में मप्र कांग्रेस के मीडिया प्रभारी हंू।

– : मंगल भारत :राजनीतिक गुरु कौन है?
मानक अग्रवाल: पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी ही मेरे राजनीतिक गुरु हैं। वे ही मुझे राजनीति में लेकर आए। उनके सानिध्य में ही मैंने राजनीति की एबीसीडी सीखी। इसके साथ कांग्रेस की ऐसी कई राजनीतिक विभूतियों का सानिध्य मिला, जिन्होंने मुझे राजनीतिक सूझबूझ और समझ दी। सिखाया कि विपरीत परिस्थितियों में बिना सिद्धांतों से समझौता किए कैसे राजनीतिक चुनौतियों से जूझना है? जनता की सेवा करना है।

–मंगल भारत : जीवन का कोई ऐसा वाक्या, जो यादगार बन गया हो?
मानक अग्रवाल: बात 1984-85 की है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जब पायलट थे, तब वे अक्सर खुद विमान उड़ाकर भोपाल आते थे। तब उनसे जो मुलाकात हुई थी, वो मैं कभी नहीं भूल पाता हूूं। उनकी सहजता, सरलता और सुदर्शन व्यक्तित्व ने बेहद प्रभावित किया। जब वे भोपाल आते थे, तो अपने खानसामा को उसके लालघाटी स्थित घर पर लेने-छोडऩे खुद पहुंच जाते थे। यही नहीं वे कभी भी अपने किसी परिचित और साथी को परेशान देखते, तो बिना हिचक उसकी मदद करते थे। एक बार वे भोपाल से लौटकर दिल्ली में अपने मित्र पायलट नवीन के यहां रुक गए। उन्होंने देखा कि नवीन के घर न कूलर है, न टीवी-फ्रीज। अगले दिन राजीवजी खुद गाड़ी में कूलर-टीवी लेकर पायलट नवीन के घर पहुंच गए। ये ऐसे वाक्ये हैं, जो मेरे लिए यादगार बन गए।

– मंगल भारत :-मध्यप्रदेश के अब तक के मुख्यमंत्रियों में सबसे अच्छा मुख्यमंत्री किसे मानते हैं?
मानक अग्रवाल: मप्र में मुख्यमंत्री कई हुए। सभी ने कुछ न कुछ मप्र के विकास हित में काम किए हैं। लेकिन स्व. प्रकाशचंद्र सेठी से अच्छा मुख्यमंत्री अब तक न हुआ और न भविष्य में होगा। उनकी भीतर गजब की प्रशासनिक सूझबूझ थी। वे जनता की नब्ज पहचानते थे। उन्हें शासन-प्रशासन चलाने की गहरी समझ थी। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिनकेमौखिक निर्देश भी ब्यूरोक्रेसी के लिए आदेश होते थे। वे जो कहते थे, मजाल है कि उनके निर्देश की कोई अनदेखी कर दे। एक बार का वाक्या है-स्व. दाऊ ने एमएन बुच को, जो कि उस समय वन विभाग के प्रमुख सचिव हुआ करते थे सुबह कोई काम बताया। शाम को दाऊ ने श्री बुच से पूछा कि क्या हुआ काम का। बुच ने कहा कि मैं देखता हूं। अगले दिन पता चला कि श्री बुच का तबादला कर दिया गया है। तो काम के मामले में अर्जुन सिंह को अपने आदेश-निर्देश की जरा अनदेखी पसंद नहीं थी। इसी तरह स्व. श्यामाचरण शुक्ला, श्री मोतीलाल वोरा और श्री दिग्विजय सिंह की अपनी कार्यशैली रही है। इन सभी के मुख्यमंत्रित्वकाल में मप्र के विकास को नई दिशा और गति मिली है।

मंगल भारत:- मप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे आप क्या कहेंगे?
मानक अग्रवाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणावीर और झूठे मुख्यमंत्री हैं। उनकी कलई खुल चुकी है। उनसे बड़ा झूठा मुख्यमंत्री हमने नहीं देखा। उनकी जितनी भी योजनाएं, जिनकी तारीफें करते हुए वे फूले नहीं समाते, उनमें से 80 फीसदी योजनाएं क्रियान्वयन के स्तर पर पूरी तरह से लाप हैं। जिनके लिए योजनाएं हैं, उन्हें उनका लाभ नहीं मिल रहा है। आज प्रदेश के किसान-कर्मचारी, व्यापारी-मजदूर सब परेशान हैं। यह तो शिवराज का भाग्य है, और मप्र का दुर्भाग्य, जो डम्पर कांड, व्यापमं घोटाला और सिंहस्थ भ्रष्टाचार जैसे तमाम बड़े आरोपों के बावजूद वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं।

– मंगल भारत:- तमाम आरोपों के बावजूद मप्र कांग्रेस पिछले तेरह सालों में सडक़ से लेकर सदन तक कोई बड़ा आंदोलन शिवराज सरकार के खिलाफ खड़ा नहीं कर सकी, आखिर क्यों?
मानक अग्रवाल: यह कहना ठीक नहीं है। कांग्रेस ने खूब आंदोलन किए। कांग्रेस कार्यकर्ता जन समस्याओं को लेकर कमोवेश हर दिन सडक़ पर उतर रहे हैं। प्रदेश स्तर पर व्यापक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हो सकता है कुछ कमियां रहीं, जिनकी वजह से हम सफल नहीं हो सके। लेकिन अब हम सफल होंगे।

– मंगल भारत :-भाजपा कहती है कि, मप्र में कांग्रेस का अपना वोट बैंक है। लेकिन कांग्रेस की नेतृत्व विहीनता कहो या गुटबाजी ने उसे अपराजेय बना रखा है। आप क्या कहेंगे?
मानक अग्रवाल: नेतृत्व विहीनता नहीं, बल्कि अब तक कांग्रेस नेताओं की एकजुटता की कमी से भाजपा अपराजेय रही है। लेकिन अब कमलनाथजी के मप्र कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही हाथ की पांचों अंगुलियां एक हो चुकी हैं। कांग्रेस के हर कार्यकर्ता-नेता ने भाजपा को सबक सिखाने के लिए हुंकार भर दी है। देखना आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता काबिज और भाजपा सत्ता से बेदखल होगी।

– :मंगल भारत :-आगामी 2018 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति क्या है?
मानक अग्रवाल: हम पूरी ताकत से आगामी विधानसभा से लड़ेंगे। सत्ता पर काबिज होंगे। एक बूथ-दस यूथ की हमारी तैयारी है। इस बार मैदान में सक्रिय, नए और ऊर्जावान युवा उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा। दो से तीन बार हार चुके लोगों को चाहे वह कितने ही बड़े क्यों न हों, टिकट नहीं दिए जाएंगे। अब न पक्षपात चलेगा और सिफारिश चलेगी। जिन उम्मीदवार को टिकट देंगे, उन्हें चुनाव की तारीख के ऐलान कि पांच महीने पहले बता दिया जाएगा कि आपको चुनाव लडऩा है।

– मंगल भारत :-आखिर उम्मीदवारों के नामों की सूची कब जारी करे देंगे?
मानक अग्रवाल: संभवत: अगले महीने संभावित उम्मीदवारों के नामों की सूची कर दी जाए, ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं।

– :मंगल भारत:- मप्र में अगर कांगे्रस सत्ता काबिज होती है और मुख्यमंत्री के चेहरे की बात होती है तो आपकी व्यक्तिगत पसंद कौन होगा- कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी या अजय सिंह?
मानक अग्रवाल: कमलनाथजी के नेतृत्व में कांग्रेस एकजुट है। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हाईकमान ही तय करेगा और वही हमारी पसंद होगी।

– मंगल भारत :-आपको नहीं लगता कि कांग्रेस मप्र में अकेले भाजपा को फाइट देने में सक्षम नहीं है। इसलिए बसपा और सपा जैसे तमाम क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है।
मानक अग्रवाल: कांग्रेस कमजोरी की वजह से नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में जातिगत वोटों का विभाजन न हो इसके लिए तीसरे मोर्चे के दलों से गठबंधन का विचार का हो रहा है। इन दलों से गठबंधन की शर्ते और आधार क्या होगा, यह अभी तय नहीं है।

– :मंगल भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया था कि सबका साथ-सबका विकास, इस पर क्या कहेंगे?
मानक अग्रवाल: पूरे देश में जहां देखो, वहां एक ही दृश्य है-सबका साथ-देश का नाश। मोदी अहंकारी-दंभी राजनेता हैं। वे चेहरे से राजनेता कम, हिटलर ज्यादा दिखाई देते हैं। नरेन्द्र मोदीजी की बातों को जनता अब जुमला समझने लेने लगी है। उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। मोदी जब विदेश से स्वदेश लौटते हैं, तो सोशल मीडिया पर लोग यह कहने लगे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत आ रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य नहीं है कि देश का प्रधानमंत्री जुमला बनकर रह गया है।

–मंगल भारत -डीजल के दामों में वृद्धि और महंगाई को लेकर क्या कहेंगे?
मानक अग्रवाल: हमारी यानी मनमोहन सरकार के समय पेट्रोल-डीजल के दाम (महंगाई) बढऩे पर जो लोग बैलगाड़ी पर चलते थे, वे लोग ही अब सत्ता में हैं। मोदी जनता से जो वादे कर सत्ता में आए थे, वे सब अब हवा हवाई हो चुके हैं। जीएसटी-नोटबंदी ने जनता, व्यापारी-कारोबारी और किसान सबकी कमर तोडक़र रख दी है। जनता कराह रही है और मोदी कह रहे अच्छे दिन आने वाले हैं।

– Mangal Bharat:-यदि पार्टी ने टिकट दिया तो आप विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?

मानक अग्रवाल: जी हां, पार्टी ने मौका दिया तो जरूर विधानसभा चुनाव लडूंगा। इसके लिए मैं होशंगाबाद विधानसभा सीट से दावेदार हूं।

– Mangal Bharat: आखिर आपका अंतिम साध्य क्या है?
मानक अग्रवाल: बस यही अभिलाषा है पद मिले, न मिले, राजनीति में रहूं न रहूं, जीवन की अंतिम सांस तक जनता की सेवा करता रहूं।

मानक अग्रवाल: जीवन परिचय
– नाम: मानक अग्रवाल
– पिता: स्व. हनुमानदास अग्रवाल
– जन्म: 2 नवंबर 1951
– शिक्षा: एमकाम, एलएलबी
– अभिरुचि: वकालत और समाजसेवा
सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– 1971 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। अभा कांग्रेस कमेटी के राजनीतिक प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। वार्ड, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष और जिला कांग्रेस के पदाधिकारी से सक्रिय राजनीति में आए। इसके बाद मप्र यूथ सोशलिस्ट फोरम के अध्यक्ष रहे।
– 1977-78 में मप्र युवक कांग्रेस अध्यक्ष रहे। – 1977-79 में जनता पार्टी के शासन काल में भूख हड़ताल और कई आंदोलन किए। – 1981 में मप्र सडक़ परिवहन निगम, – 1986 में मप्र सडक़ परिवहन निगम, 1988 में राज्य सेतु विकास निर्माण निगम, 1998 में मप्र पर्यटन विकास निगम और 2002 में मप्र लघु उद्योग निगम के चेयरमैन रहे। मप्र कांग्रेस के सचिव बने। ठ्ठ 1987 में इंडो-सोवियत संघ के ट्रेजरर बने।
– 1989 के लोकसभा चुनाव में मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता रहे। – 1993 में भोपाल दक्षिण और 1998 में इटारसी क्षेत्र से कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। मप्र कांग्रेस के महासचिव, उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बनाए गए। वर्तमान में मप्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं।