शिवराज की ‘जनआशीर्वाद’ यात्रा के जबाव में राहुल निकालेंगे बस यात्रा

मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश में लगातार तीन चुनावों से भाजपा की सरकार बन रही है। लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा की ओर से संगठन और सीएम शिवराज सिंह चौहान स्वयं अभी से पूरी ताकत लगा रहे हैं। तमाम सर्वे में एंटीइंकमवेंसी की बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रथ पर सवार होकर प्रदेश में जनआशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। जिसे अच्छा जनसमर्थन मिल रहा है। इससे प्रदेश में करीब डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी की आस लगाए कांग्रेस में चिंता बढ़ गई है। यही वजह है कि हाल ही में दिल्ली में हुई प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेताओं की राहुल गांधी के साथ बैठक में अब राहुल गांधी की बस यात्रा निकालने का फैसला किया गया है। यह यात्रा अगले माह निकाली जाएगी। इसके लिए योजना तैयार करने का काम शुरु कर दिया गया है। इस यात्रा की शुरुआत ओंकारेश्वर से की जाएगी। इसके साथ ही कांग्रेस का चुनावी शंखनाद हो जाएगा। प्रस्तावित बस यात्रा की अरुण यादव और मीनाक्षी नटराजन को जिम्मेदारी दी गई है। राहुल गांधी की यात्रा का कार्यक्रम कमलनाथ भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस कर जारी करेंगे। जिस बैठक में इस यात्रा का फैसला किया गया उसमें प्रदेश से मप्र कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अजय सिंंह और प्रभारी दीपाक बावरिया मौजूद थे।
बाबरिया से अभद्रता पर राहुल ने दी चेतावनी
रीवा में हुई बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ हुई अभद्रता को राहुल गांधी ने गंभीरता से लिया है। बाबरिया राहुल की ही पसंद हैं। इस केस में राहुल गांधी इतने गुस्से में थे कि उम्मीद की जा रही थी कि राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में कोई भी अप्रिय निर्णय लिया जा सकता है। मगर ऐसा नहीं हुआ। आरोप अजय सिंह पर मढ़े जा रहे थे, मगर अन्य नेताओं के बीच बचाव में आने से मामले को ठंडा कर दिया गया। कहा जा रहा है कि चुनाव के ठीक पहले फ्रंट के नेताओं में से किसी पर भी कार्रवाई करने से बुरा सियासी मैसेज जाने से बचने के लिए कड़ी चेतावनी देकर मामले को रफा दफा कर दिया गया। इस दौरान तल्ख तेवर में राहुल ने दो टूक कहा कि भविष्य में ऐसी घटना का दोहराव न हो इसकी गारंटी सभी वरिष्ठ नेता लें।
बसपा से गठबंधन का फैसला छोड़ा राहुल पर
बैठक में बसपा सहित अन्य दलों के साथ गठबंधन पर भी चर्चा हुई। सभी नेताओं ने गठबंधन पर सहमति व्यक्त की। राहुल से कहा गया कि चूंकि अगले साल लोकसभा के चुनाव हैं इसलिए उन्हें ध्यान में रखकर आप जो उचित हो वैसा निर्णय करें। इसके साथ गठबंधन पर निर्णय का अधिकार राहुल गांधी को दे दिया गया।
क्या होगा इस बस यात्रा से
राहुल गांधी गुजरात की तरह लगभग दर्जन भर प्रमुख मंदिरों में जाएंगे और हिंदुत्व का कार्ड खेलेंगे।
राहुल अपनी कैंपेन व्यापमं, किसानों की खुदकुशी, फसल बीमा, ईटेंडर और महिला अपराध व मॉब लिचिंग जैसे मुददों पर फोकस करेंगे।
इस यात्रा में उनके साथ कमलनाथ भी रहेंगे। संदेश ये दिया जाएगा कि अब पार्टी कमरों की बैठक से मैदान में आ गई है।
यात्रा के दौरान होने वाली सभाओं में वहां ज्यादा भीड़ बुलाने की कवायद की जाएगी। जहां एंटी इनकमबेंसी व नाराजगी ज्यादा है।