मंगल भारत भोपाल :-सरकारी कार्यक्रमों के लिए निजी बसों का अधिग्रहण और उनके किराए का भुगतान करने में बड़ा घोटाला सामने आया है। इसमें खास यह है कि प्राइवेट ऑपरेटर्स को मनमाने ढंग से भुगतान कर लाभ पहुंचाया गया है। अनूपपुर से अमरकंटक की दूरी महज 68 किमी है, लेकिन किराए का भुगतान प्रति बस 381 रुपए प्रति किमी के हिसाब से किया गया है।
इसी तरह प्रदेशभर से 15 मई को नर्मदा सेवा समापन यात्रा में निजी बसों का अधिग्रहण कर अमरकंटक भेजा गया था। हालांकि, परिवहन विभाग के अफसर इस गड़बड़ी से पल्ला झाड़ रहा है, उसका कहना है कि बसों के अधिग्रहण का काम उसका था, भुगतान तो जिला पंचायत के सीईओ द्वारा किया गया था। वहीं विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव का कहना है कि बसों के अधिग्रहण के बाद भुगतान में जो गड़बड़ी की बात सामने आई है, उसकी जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई कर
25 किमी की दूरी का किराया तीन गुना
भोपाल से अमरकंटक की दूरी 551 किमी है। प्रति बस भुगतान 49,501 रुपए किया गया। यानी बस के आने-जाने के किमी जोड़ लिए जाएं तो दूरी 1102 किमी होती है। किराए का भुगतान हुआ लगभग 45 रुपए प्रति किमी। वहीं अशोकनगर से अमरकंटक की दूरी 575 किमी और किराए का भुगतान प्रति बस डेढ़ लाख किया गया। रतलाम से अमरकंटक का बस किराया 40,000 रुपए दिया गया।
कहीं जीरो की गलती हो गई होगी
परिवहन विभाग के अफसर अपनी सफाई में कह रहे हैं कि हो ही नहीं सकता कि अशोकनगर से अमरकंटक तक का बस का किराया डेढ़ लाख रुपए हो। जिलों से जानकारी एकत्र करने पर टाइपिंग में जीरो इधर से उधर हो गया होगा। अफसरों का कहना है कि बस के किराए में जो लोग अमरकंटक गए थे उनके भोजन के साथ ही ड्राइवर का भत्ता और अन्य खर्च भी शामिल है।