लंबे समय तक शासन व प्रशासन में रहकर सरकार सुविधाओं का उपभोग करते रहे कई अफसर अब इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने को आतुर बने हुए हैं। यह अफसर भाजपा व कांग्रेस से टिकट की चाह रखे हुए हैं। इसके लिए पूर्व हो चुके कई अफसर लगातार टिकट पाने वालों की कतार में खड़े हुए दिख रहे हैं। इनमेंं पुलिस व प्रशासनिक सेवाओं से सेवानिवृत्त हो
चुके कई वरिष्ठ अफसर शामिल हैं। इस वजह से प्रमुख राजनैतिक दलों में हडक़ंप मचा हुआ है। इसकी वजह है कार्यकर्ताओं में इन अफसरों को लेकर नाराजगी। अपने रसूख और ऊंची पहुंच के चलते सरकार में लगातार मलाईदार पदस्थापना पाने वाले यह अफसर अब नेताओं से रिश्तेदारी निकालकर उनके जोर पर सुर में सुर लगाने में लगे हुए हैं। हालांकि एट्रोसिटी एक्ट और आरक्षण के मुद्दे पर मैदान में उतरने वाली सपाक्स पार्टी में भी कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल हो चुके हैं।
इन नामों पर भाजपा में असमंजस
रिटायर्ड आईएएस अफसर एसएनएस चौहान पन्ना से रिटायर्ड अधिकारी पन्नालाल अवस्थी चित्रकूट, रिटायर्ड आईपीएस अफसर हरि सिंह यादव दतिया से, सूरज डामोर की धार और झाबुआ से अशोक सिंह भदौरिया अटेर विस सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि इनके टिकटों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस में यह है दावेदार
पूर्व आईपीएस सुजान सिंह, पूर्व आईपीएस एके सिंह, पूर्व आईपीएस आरपी बिसौरे अपने लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस की डाटा रिसर्च एंड एनॉलिसिस डिपार्टमेंट की प्रदेश समन्वयक रिटायर्ड आईएएस अफसर अजिता वाजपेयी पांडेय भी इस दौड़ में शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस के लिए खुलकर काम करने वाले पूर्व अफसरों में लक्ष्मीकांत द्विवेदी कटनी जिले से टिकट मांग रहे हैं। अखिलेंद्र अरजरिया कांग्रेस में रिसर्च और प्रशासनिक टीम का काम देख रहे हैं। वीके बाथम घोषणा पत्र समिति में प्रशासनिक सेक्टर संभाले हुए हैं।