ग्वालियर। भाजपा से बगावत कर ग्वालियर दक्षिण से चुनाव में उतरीं पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि वे मैदान से नहीं हटेंगी। समीक्षा ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा से नाता तोडऩे की पुष्टि करते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। समीक्षा के चुनाव लडऩे से अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है। महापौर रहते हुए समीक्षा का लोगों से सीधा संपर्क रहा। उन्हें इसका लाभ मिल सकता है।वे भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकती हैं।
कुशवाह और समीक्षा के समर्थक भाजपा कार्यकर्ता दो खेमों में बंट सकते हैं। इसमें जिसका पलड़ा भारी होगा,परिणाम उसकी ओर भी झुक सकता है।माना जा रहा है कि ऐन चुनाव के वक्त हुई इस फूट का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक को भी मिल सकता है। एक और स्थिति बन सकती है। दो पक्षों में सीधे मुकाबले में चुनौती केवल प्रतिद्वंद्वी से ज्यादा वोट पाने की होती है। यहां दो बड़े दलों के उम्मीदवारों के साथ ही एक जाने-पहचाने नाम की मौजूदगी से मतों का तीन हिस्सों मेंं विभाजन होने के आसार बन गए हैं।
ऐसे में मुकाबला जटिल माना जा रहा है। इससे कुशवाह और पाठक दोनों खेमों में भी बेचैनी है। वहीं समीक्षा ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा से नाता तोडऩे की पुष्टि करते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। समीक्षा ने कहा कि भाजपा को काम करने वालों की नहीं बल्कि गुलामों की जरूरत है। समीक्षा के मैदान में बने रहने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए समीक्षा ने कहा कि भाजपा में परिवारवाद और वंशवाद तेजी से बढ़ा है।
महिला कार्ड खेलते हुए समीक्षा ने कहा, भाजपा ने यहां एक भी महिला को टिकट नहीं दिया। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा महिलाओं का सम्मान नहीं करती है। समीक्षा ने क्षेत्रीय विधायक और भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह का नाम लिए बगैर उन पर आरोप लगाया कि १५ साल में इस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। उनसे जब यह पूछा गया कि आप भी इस दौरान महापौर रहीं, ऐसे में आप भी दोषी हैं, तो समीक्षा ने कहा कि मेरे कार्यकाल में विकास हुआ, लेकिन विधायक ने कोई कार्य नहीं कराए।
उन्होंने विधायक पर एक ही जाति के लोगों को बढ़ाने का आरोप भी लगाया। समीक्षा ने कहा कि वे बुधवार को चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रचार में जुट जाएंगी। इससे पहले समीक्षा को मनाने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगाया था। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के निवास पर
चर्चा के बावजूद बात नहीं बनी। तोमर के अलावा, भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ, महापौर विवेक नारायण शेजवलकर समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे बात की लेकिन कोई कामयाब नहीं हुआ।