शोपियां/श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने कायरना हरकत को अंजाम देते हुए एक किशोर की गला रेतकर हत्या कर दी। राज्य में दो दिनों के अंदर यह दूसरी वारदात है। सूत्रों ने बताया कि शोपियां जिले में शनिवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने कुल तीन नागरिकों को अगवा किया था। इनमें से एक की हत्या कर दी और दो अन्य को छोड़ दिया। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इसे अमानवीय करार देते हुए घटना की निंदा की है।
अज्ञात बंदूकधारियों ने शनिवार सुबह शोपियां जिले के सदपोरा पयीन गांव से तीन नागरिकों फारूक अहमद, शाहिद अहमद और हुजैफ अहमद को अगवा कर लिया था। हुजैफ अहमद (19) का शव शनिवार शाम को लुंदौरा गांव से बरामद किया गया जबकि फारूक अहमद और शाहिद अहमद को सकुशल छोड़ दिया गया। जम्मू और कश्मीर पुलिस ने बताया, ‘आतंकवादियों ने शोपियां जिले के सैदपोरा इलाके से एक नागरिक का अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।’
इस बीच, पुलिस ने कहा कि शनिवार शाम को शोपियां जिले के मीमांदेर गांव से दो और नागरिकों हाकिब जावेद और इशफाक अहमद को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा अगवा कर लिया गया। इससे पहले गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात पुलवामा के निकलोरा इलाके में आतंकियों ने नदीम मंजूर नाम के एक छात्र की हत्या कर दी थी। इस वजह से इलाके में तनाव पैदा हो गया था।
पूर्व सीएम तथा नैशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर उब्दुल्ला ने घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘घाटी में एक युवा को मारने की एक और कायराना हरकत हुई है और इस बार आतंकवादियों ने उसका गला काट डाला। हमारे समाज में इस तरह के बर्बर कृत्य की कोई जगह नहीं है। अब इस मामले को जस्टिफाई करने के लिए चाहे कितनी भी बातें की जाएं, यह अमानवीय है और यह संघर्ष नहीं है। ‘
उमर ने एक दिन पहले पुलवामा जिले में 11वीं कक्षा के छात्र की हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों द्वारा हत्या को तकलीफदेह करार देते हुए कहा था कि इसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठनों से सहानुभूति रखने वालों से पूछा जाना चाहिए कि इन हत्याओं से कैसे कश्मीर एक बेहतर, ज्यादा स्वतंत्र स्थान बन सकता है।