आगरा अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद से जुड़ी तीन महिलाओं ने ताज महल में बनी 400 साल पुरानी मस्जिद में पहुंचकर पूजा-अर्चनी कर डाली। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद दक्षिणपंथी विचारों वाला स्थानीय संगठन है। इस संगठन की इन तीनों महिलाओं ने यहां पहुंचकर मस्जिद परिसर में बाकायदा ‘धूप-बत्ती’ जलाई और ‘गंगाजल’ भी छिड़का। सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम का विडियो वायरल हो रहा है।
बाद में इस संगठन की जिला अध्यक्ष मीना देवी दिवाकर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अगर मुस्लिमों को यहां हर दिन नमाज पढ़ने की इजाजत है, तो फिर हम भी यहां हमारे तेजोमहालय में पूजा-अर्चना कर सकते हैं (दक्षिणपंथी विचारों वाले संगठन और उनके कार्यकर्ता ताजमहल को तेजमहालय कहते हैं)।’
इस घटनाक्रम पर ताज की सुरक्षा में तैनात CISF के कमांडेंट ब्रज भूषण ने कहा कि उन्हें इस घटना के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि उनके जवानों को मस्जिद में जाने की अनुमति नहीं है। इस बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के एक अधिकारी ने बताया कि वह इस विडियो की प्रमाणिकता की जांच कर रहे हैं।
इस घटना पर जब ASI के सुपरीटेंडिंग आर्कोलॉजिस्ट (आगरा सर्कल) वसंत सावरंकर से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने बताया, ‘हमने घटना की जानकारी मिलने के बाद ASI स्टाफ को घटनास्थल पर जांच के लिए भेज दिया था। लेकिन हमें वहां कोई धूप या पूजा की अन्य सामग्री नहीं मिली।’
उन्होंने कहा, ‘इस संदर्भ में लोकल पुलिस को सूचना दे दी गई है और CISF से भी CCTV फुटेज सौंपने को कहा है, ताकि इस दावे की सही पुष्टि की जा सके।’
सावरंकरन ने कहा, ‘अगर सीसीटीवी फुटेज से इस घटना की पुष्टि हो जाती है, तो इन हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।’ उधर राष्ट्रीय बजरंग दल के नेता गोविंद पराशर, जिन्होंने शुक्रवार को ताजमहल परिसर में पूजा करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, ‘जब ASI के प्रतिबंध के बावजूद मुस्लिमों पर नियम का उल्लंघन करने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, तो फिर हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई भी ऐक्शन कैसे लिया जा सकता है।’
मस्जिद के इमाम सादिक अली ने कहा, ‘मस्जिद में पूजा करना गलत है और जिन्होंने ऐसा किया है उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाना चाहिए।’