मप्र के विदिशा विधानसभा के चुनावी क्षेत्र का मीडिया प्रभारी का जिम्मा संभाल रहे पार्षद रुचि सक्सेना एवं शांता स्मृति फ्रैक्चर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. पीयूष सक्सेना के खिलाफ एक 22 वर्षीय युवती ने सिविल लाइंस थाने में दरिंदगी का प्रकरण दर्ज कराया है। पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 8 साल से डॉ. सक्सेना दरिंदगी कर रहा है।
वहीं प्रकरण दर्ज होने के बाद डॉ. सक्सेना को भाजपा के प्रदेश कार्यालय मंत्री सत्येंद्र भूषण सिंह ने डॉ.सक्सेना को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। युवती की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज होने के बाद डॉक्टर फरार हो गया। पुलिस ने परिवार के सदस्यों के बयान लिए हैं। पीड़िता ने बताया, ”मैं सीए की पढ़ाई कर रही हूं। डॉ. साहब साल 2010 से मेरे साथ दरिंदगी कर रहे हैं। मुझे फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर परेशान किया जा रहा है। 10वीं कक्षा में जब उनके पास पढ़ने जाती थी तभी से वे मुझे गलत तरीके से टच करते आ रहे हैं। एक बार वे मुझे भोपाल से कार से रायसेन के रास्ते लेकर आए।
रायसेन क्षेत्र में एक सुनसान जगह कार रोककर मेरे साथ ज्यादती की। इसके बाद उन्होंने मेरे फोटो लिए। साल 2014 में विदिशा से बाहर पढ़ने चली गई। साल 2015 में जब इंदौर पढ़ने गई तब भी मुझे कॉल करके परेशान किया गया। कई घटनाओं से मैं परेशान हो गई। तब मैंने अपनी मां को ये सारी बात बताई। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कराने थाने आना पड़ा।”
इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो नपाध्यक्ष और भाजपा प्रत्याशी मुकेश टंडन पीड़िता एवं उसके परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस बात की जानकारी कांग्रेसियों को लग गई। यहां जैसे ही मुकेश टंडन पीड़िता के घर से बाहर निकले तो कांग्रेसियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं एक गुट भी डॉ सक्सेना के घर बाहर पहुंचा और नारेबाजी की।