जोहानिसबर्ग टेस्ट आखिरकार भारत की झोली में आ गिरी. लेकिन बल्लेबाजों से सजी टीम इंडिया के गेंदबाज इस जीत के हीरो रहे. दक्षिण अफ्रीका के लिए अपनी जमीं पर 224 रनों का लक्ष्य कतई बड़ा नहीं था. लेकिन हर रोमांचक मैच का एक टर्निंग प्वाइंट होता है. इस मैच का भी एक टर्निंग प्वाइंट था, जिसे भारतीयों गेंदबाजों ने वक्त रहते भूना लिया.
एक वक्त अफ्रीकी टीम की मैच पर पकड़ बेहद मजबूत दिख रही थी. अब लग रहा था कि कोई करिश्मा ही भारतीय टीम को मैच में वापस ला सकता है. स्कोर 124 तक पहुंच गया था, तभी ईशांत शर्मा की गेंद करिश्मा कर गई और 124 रन पर ही हाशिम अमला का विकेट गिर गया.
हालांकि अब भी दक्षिण अफ्रीका की ही मजबूत स्थिति थी. लेकिन अमला का विकेट मिलते ही भारतीय खेमे में वो ताकत लौट आई हो जो अब तक दौरे पर नहीं दिखी थी. इसके बाद भारतीय गेंदबाज हावी होने लगे और इसका मनोवैज्ञानिक फायदा टीम इंडिया को मिला भी. हाशिम अमला के आउट होने के ठीक 7 रन बाद जब जसप्रीत बुमराह ने नए बल्लेबाज एबी डी विलियर्स को सिर्फ 6 रनों के निजी स्कोर पर चलता किया तो भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई. डी विलियर्स का कैच रहाणे ने लिया.
इसी विकेट ने भारतीय टीम की मैच में वापसी करा दी. डी विलियर्स के विकेट के बाद भारतीय टीम ने कभी पीछे मुंड़कर नहीं देखा. एक के बाद एक विकेट गिरते गए और भारत ने 63 रन से मैच अपने नाम कर लिया. हालांकि सीरीज 2-1 से दक्षिण अफ्रीका ने अपने नाम पहले ही कर लिया था.
मैच जीतने के बाद विराट कोहली ने भी माना, ‘गेंदबाज हमारे लिये सबसे सकारात्मक थे. हमने पहले कभी 60 विकेट नहीं लिए हैं. हम कुछ गलतियों में सुधार करना चाहते हैं जैसा कि बल्लेबाजी में निचले क्रम ने किया.’ ये मैच जीतने पर कोहली ने जज्बा दिखाने के लिये खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा, ‘इस जीत से अच्छा लग रहा है. बल्लेबाज के तौर पर अगर हम हालात का मुकाबला करने में सफल रहे तो विदेशों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.’
डीन एल्गर और हाशिम अमला की अर्धशतकीय पारियों की मदद से दक्षिण अफ्रीका चौथे दिन के पहले सत्र में हावी रहा लेकिन कोहली ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि जब विकेट गिरने लगेंगे तो मेजबानों के लिये वापसी करना मुश्किल होगा.