नई दिल्ली। राजनीतिक हंगामे का कारण बनी राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई खामी नहीं है। विमान की गुणवत्ता पर संदेह नहीं है और खरीद प्रक्रिया सही है। कोर्ट ने कहा कि विमान हमारी जरूरत है, इसलिए सवाल
उठाना गलत होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर 14 दिसंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने इन याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई की थी और फैसला रिजर्व रख लिया था। एडवोकेट एम.एल. शर्मा ने इस डील की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। इसके बाद एक अन्य वकील विनीत ढांडा ने ऐसी मांग करते हुए अर्जी डाली थी। यही नहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी इस डील के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। यही नहीं इनके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी एवं ऐक्टिविस्ट एडवोकेट प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर डील में अनियमितता की जांच की मांग की थी। बता दें कि केंद्र सरकार विपक्ष के इन दावों को लगातार खारिज करती रही है कि 36 राफेल जेट विमानों की खरीद में कोई अनियमितता बरती गई है। यही नहीं सरकार ने इसकी कीमत का ब्योरा सार्वजनिक करने से भी इनकार कर दिया है।