मध्य प्रदेश में CM कमलनाथ ने दी पुलिसकर्मियों को सौगात, मिलेगा एक दिन का साप्ताहिक अवकाश.
भोपाल : मध्यप्रदेश में जल्द ही पुलिसकर्मियों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। वर्तमान में पुलिस कर्मियों को मध्यप्रदेश में साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलता। पुलिस कर्मियों की पत्नियों ने इस साल यह मांग उठाते हुए भोपाल सहित कई स्थानों में प्रदर्शन भी किये थे। कांग्रेस ने विधानसभा के अपने ‘वचन पत्र’ में पुलिस कर्मियों को सप्ताह में एक दिन का अनिवार्य अवकाश देने की घोषणा की थी।
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को यहां पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों से चर्चा की और पुलिस बल के लिये साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस बल के लिये आपात परिस्थितियों में अवकाश उपयोग नहीं करने पर क्षतिपूर्ति की व्यवस्था हो। कमलनाथ ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में तकनीकी संसाधनों को आधुनिक किया जाये। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपराधिक और गैर कानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो टालरेंस रखें।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये समग्र दृष्टिकोण के साथ रणनीति बनायी जाये। महिलाओं के विरुद्ध अपराध के नियंत्रण के लिये संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ कार्य किया जाये। कमलनाथ ने कहा कि सुशासन (गुड-गवर्नेंस) का प्रमुख आधार पुलिस बल है। राज्य की छवि पुलिस व्यवस्था पर निर्भर है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह मलय श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने प्रदेश की शांति एवं कानून-व्यवस्था का ब्यौरा दिया। साथ ही आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों और नियंत्रण के प्रयासों की जानकारी दी।
CM कमलनाथ के खिलाफ बिहार की अदालत में परिवाद पत्र दायर
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों को लेकर की गयी विवादित टिप्पणी को लेकर बुधवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया । सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाश्मी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कमलनाथ के खिलाफ उक्त परिवाद पत्र भादवि की धारा 153 और 504 के तहत बुधवार को दायर कराया।याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कमलनाथ की टिप्पणी से दोनों प्रदेश के लोग आहत हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि कमलनाथ ने निवेश को प्रोत्साहन देने वाली योजना की घोषणा करते हुए गत 18 दिसंबर को कहा था कि मध्य प्रदेश के लोग बेरोज़गार रह जाते हैं जबकि उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोग नौकरियां ले जाते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के 70 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार देने पर निवेशकर्ता कंपनी को प्रोत्साहन देने की बात की । कमलनाथ की उक्त विवादित टिप्पणी का जहां बिहार में सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा ने देश के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक बताया था वहीं कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राजद ने कहा था कि उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए ।