सरकार से जाने के ऐन पहले अपने चुनावी फायदे के लिए शिव सरकार द्वारा शुरू की गई संबल और बिजली बिल बकाया योजना से अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका लगता तय माना जा रहा है। दरअसल यह झटका बकाया राशि के भुगतान को लेकर लगना तय है। अगर बीते माह तक के आंकड़ों को देख जाए तो तीन विद्युत कंपनियों को सरकार से करीब 2892 करोड़ से
अधिक राशि लेना है। इसके एवज में अब तक सरकार सिर्फ इन कंपनियों को 130 करोड़ रुपए का ही भुगतान कर सकी है। अब इस माह की राशि भी इस बकाया रकम में शामिल होने जा रही है, जिससे सरकार के खाली खजाने से भुगतान मुश्किल होता जा रहा है। भाजपा सरकार के खराब वित्तीय प्रबंधन के चलते पहले से ही सरकारी खजाना न केवल खाली हो चुका है, बल्कि सरकार पर बड़ा कर्ज चढ़ चुका है ऐसे में एसके सामने राशि भुगतान का बड़ा संकट खड़ा होना तय है। अब शिव सरकार सत्ता से बाहर हो चुकी है ऐसे में सब्सिडी राशि का भारी बोझ कमलनाथ सरकार को उठाना होगा।
सरकार के सामने मुश्किल
15 साल के वनवास के बाद सत्ता मे आई कांग्रेस सरकार पर 1.81 लाख करोड़ से अधिक का कजऱ् और अपनी बड़ी घोषणाओं पर अमल का दबाव है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के चंद घंटे बाद ही किसानों के कर्ज माफी की फाइल पर दस्तखत भी कर दिए। लेकिन पैसा आएगा कहां से ये सबसे बड़ा सवाल है।
ये है योजना
– गरीब परिवार को बकाया बिजली बिल पूर्ण माफ
– हर माह सिर्फ 200 रुपए बिल
– लाखों लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया और उन्हें बिजली बिल माफी के सर्टिफिकेट भी दे दिए गए.लेकिन सरकार ने बिना एडवांस राशि दिए ही योजना के नाम पर इतिश्री कर दी। विद्युत कंपनियों ने भी इस पर कोई ऐतराज नहीं जताया। लेकिन अब जो आंकड़ा सामने आया है उसने बिजली कंपनियों के बल्कि सरकार के भी होश उड़ा दिए हैं।
कंपनियों की मौजूदा स्थिति
– पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सरल बिजली बिल योजना के तहत 194 करोड़ (नवंबर माह तक) की सब्सिडी सरकार से लेना है।
– मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 223.06 करोड़ (नवंबर माह तक)
– पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 273.65 करोड़ की सब्सिडी सरकार पर बकाया है।
– बकाया बिजली बिल माफी योजना के तहत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 517.08 करोड़ (नवंबर माह तक) की सब्सिडी राशि सरकार से लेना है।
– मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 1184.08 करोड़
– पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 500.94 करोड़ रुपए सरकार पर बकाया है।