भोपाल मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि एमपी में कांग्रेस की लंगड़ी सरकार है और चुनाव नतीजों के बाद अगर वे चाहते तो राज्य में बीजेपी की लंगड़ी सरकार बना सकते थे, लेकिन उन्हें ऐसा करना मंजूर नहीं था. मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजों के बाद शिवराज सिंह चौहान पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं और जनता का आभार प्रकट कर रहे हैं.
इसी सिलसिले में शिवराज सिंह चौहान रविवार को हरदा जिले के सिराली गांव में थे. यहां पर उन्होंने लोगों के साथ बात की और कहा कि वे इस बार अपना काम गिनाने नहीं बल्कि जनता का आभार प्रकट करने आए हैं. शिवराज ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पूरे इस इलाके को बदलने की कोशिश की है. मध्य प्रदेश में 10 सालों से ज्यादा तक सीएम पद संभालने वाले शिवराज ने कहा कि राज्य के विकास के लिए उनकी कोशिश जारी रहेगी. उन्होंने कहा, “ये मच सोचना मैं सीएम नहीं रहा, कांग्रेस की भी पूरी सरकार नहीं बनी है, लंगड़ी बनी है…चाहता तो लंगड़ी सरकार मैं भी बना लेता, लेकिन मैंने कहा नहीं जब बनाऊंगा तो शानदार, पूरी की पूरी बहुमत के साथ.” शिवराज ने कहा कि कांग्रेस को सीटें ज्यादा मिली हैं, लेकिन वोट ज्यादा बीजेपी को मिले हैं.
जनता की तालियों के बीच शिवराज ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की सरकार में आसमान-जमीन का अंतर हैं.पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार का हफ्ता भी नहीं गुजरा है लेकिन अंतर दिखना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कभी यूरिया खाद की कमी नहीं हुई है, लेकिन यहां कालाबाजारी शुरू हो गई है, उन्होंने कहा कि बिजली ने भी आंख मिचौली शुरू कर दी है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले वे कलम चलाकर शासन करते थे लेकिन अब वे जनता के लिए लड़-लड़कर काम करेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने जनता को भरोसा दिलाया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि उनके शासनकाल में शुरू की गई सारी योजनाएं इस सरकार में भी चलती रहे. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ने इसे बदलने का बंद करने की कोशिश की तो वे जोरदार राजनीतिक लड़ाई करेंगे.
बता दें कि 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की बीच कांटे की टक्कर रही. कांग्रेस ने 15 सालों की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंका है. पार्टी को बहुमत से दो कम 114 सीटें मिली है, जबकि बीजेपी भी कांग्रेस के लगभग करीब ही रही. चुनाव में पार्टी को 109 सीटें मिली.