पिछले दिनों में एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर के सुरक्षाबलों ने इस साल अब तक 250 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है
मंगल भारत नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बंटवारे की देन है। सालों से घाटी में आतंकवाद को खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन जितना खत्म किया गया, उतना ही आतंकवाद बढ़ा, लेकिन पिछले चार-पांच सालों में देखा जाए तो सेना आतंकियों का काल बनी है। साल दर साल घाटी में आतंकियों की मौत के आंकड़ों में इजाफा हुआ है। 2018 में भी कश्मीर में आतंकियों के मारे जाने का आंकड़ा 2017 के मुकाबले काफी ज्यादा रहा है। इसकी बड़ी वजह ये रही कि 2018 में भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ जिसकी बदौलत सेना को कश्मीर में ‘फ्री हैंड’ किया हुआ है।
घाटी के अंदरूनी इलाकों में घुसकर आंतकियों का हो रहा है सफाया
घाटी में 24 दिसंबर 2018 तक 257 आतंकी मारे जा चुके हैं, जो कि 2017 के मुकाबले काफी ज्यादा है। 2017 में जम्मू-कश्मीर में 213 आतंकवादी मारे गए थे। इस साल आतंकियों की मौत के आंकड़े में इजाफा होने की बड़ी वजह ये भी है कि सेना कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में घुस-घुसकर आतंकियों का सफाया कर रही है। इनमें स्थानीय आतंकियों को भी मौत के घाट उतारा जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 50 से ज्यादा आतंकियों को गिरफ्तार करने में भी कामयाबी मिली है।
दो दिन पहले ही त्राल में ढेर हुए 6 आतंकी
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट की वजह से ही आतंकियों को अपने सिर पर मौत मंडराती हुई नजर आ रही है। ऑपरेशन ऑलआउट के तहत बड़ी कार्रवाई शनिवार को ही की गई थी, जहां सेना ने त्राल के अवंतिपुरा इलाके में अलकायदा के 6 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इन आतंकियों का संबंध अंसार गजवत-उल-हिंद आतंकी समूह से भी था।
इन बड़े आतंकियों को सेना ने मार गिराया
इस साल मारे गए 250 से ज्यादा आतंकियों में कई बड़े आतंकियों का नाम भी शामिल हैं। इनमें अबु मतीन, अबु हमास, समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर, सद्दाम पड्डार, अबु कासिम, अबु माविया, मन्नान वानी, मेहराजुद्दीन बांगरू, सब्जार अहमद सोफी, जावेद नट और जहूर अहमद ठोकार जैसे आतंकी एनकाउंटर में मारे गए। हालांकि इन सबके बीच जाकिर मूसा की तलाश में सुरक्षाबल अभी भी लगे हुए हैं।
सेना ने तय कर लिया ‘मिशन 2019’
साल 2018 अपने अंतिम चरण पर है और अगर देखा जाए तो इस साल घाटी में सेना का ऑपरेशन ऑलआउट सफल रहा, क्योंकि पिछले साल से ज्यादा आतंकी इस साल मारे गए। 2018 खत्म होने से पहले ही सेना 2019 का प्लान सेट कर लिया है। अगले साल में प्रवेश करने से पहले सुरक्षाबलों ने आतंक पर आखिरी वार करने के लिए कमर कस ली है। मिशन 2019 के तहत ये लक्ष्य रखा गया है कि मार्च से पहले घाटी को आतंक मुक्त बनाना है, ताकि राज्य में लोकसभा व विधानसभा चुनाव को बिना किसी दखल के कराया जा सके। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव सबसे बड़ी चुनौती है।
घाटी में अभी भी 240 आतंकी सक्रिय
हालांकि भारतीय सेना के लिए ये इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि कश्मीर घाटी में अभी भी 240 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें ज्यादातर विदेशी यानि कि पाकिस्तानी हैं। इनमें कुछ की संख्या स्थानीय के रूप में भी है। ये जानकारी सेना के सूत्रों से दी गई है। इसके अलावा सेना ने अपनी हिट लिस्ट में 20 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को शामिल किया है। ये सभी मोस्ट वांटेड आतंकवादी दक्षिणी कश्मीर के हैं।