णसी। आयुर्वेद कालेजों के उन शिक्षकों व पीजी छात्रों (रेजीडेंट डाक्टर) पर आफत आने वाली है जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं।
बायोमीट्रिक व्यवस्था असफल होने के बाद आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति व आयुष मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआइएम) ने बड़ा कदम उठाया है।
इसके तहत अब सभी की हाजिरी आधार और जीपीएस यानी ‘अग्बास’ (आधार इनेबल जीपीएस टैग्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम) एप से जोड़ी जाएगी। इसकी लांचिंग इसी गणतंत्र दिवस पर की गई।
यह व्यवस्था पहली फरवरी से देश के सभी सरकारी, गैर सरकारी व अर्द्ध सरकारी आयुर्वेद व यूनानी कालेजों पर लागू होगी।
सिर्फ कैंपस में काम करेगा ‘अग्बास’ एप के माध्यम से हाजिरी के लिए मंत्रालय की ओर से सभी आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी कालेजों को निर्देश जारी किया गया है।
एप की खासियत है कि यह सिर्फ कालेज कैंपस में ही काम करेगा। इसमें लगा जीपीएस सिस्टम बता देगा कि कालेज में नियुक्त शिक्षक व पीजी डाक्टर की लोकेशन क्या है। वहीं आधार से पहचान भी पुख्ता हो जाएगी।
देश में 600 कालेज
आयुष मंत्रालय के अधीन देश में करीब 600 कालेज हैं। विश्व के अन्य देश भी मानते हैं कि आयुर्वेद में रोग को जड़ से मात देने की शक्ति है। बावजूद इसके बेहतर परिणाम नहीं मिले।
काफी मंथन के बाद पता चल पाया कि देश में आयुर्वेद, यूनानी से जुड़ी लंबी फौज तो है लेकिन, उपस्थिति ईमानदारी पूर्वक नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने उपस्थिति दुरुस्त करने की पहल की है।
‘देश के सभी आयुर्वेद, यूनानी कालेजों में शिक्षकों एवं परास्नातक छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए आधार व जीपीएस से लिंक्ड यह एप लांच किया गया है ताकि हाजिरी में किसी भी स्तर की धोखाधड़ी रोकी जा सके। शुरुआत पहली फरवरी से होनी है। इसके कड़ाई से पालन के लिए भी सभी संस्थानों को पत्र खिला गया है।’
– वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार