धड़ल्ले से चल रहा बंगाली डॉक्टरों का क्लीनिक
प्रशासन द्वारा शिकंजा नहीं कसने के कारण बढ़ जाता है बंगाली डॉक्टरों का मनोबल
सीधी जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर मझौली और मड़वास क्षेत्र में बंगाली डाक्टरों का जमावड़ा लगा हुआ है। जो कि बिना डिग्री डिप्लोमा के बाहर से आकर अपनी क्लीनिक खोल कर बैठ जाते हैं।हम झोलाछाप डॉक्टर की बात कर रहे हैं। जिनका जाल ग्रामीण अंचलों में बुरी तरह फैला है। मड़वास में ऐसे कई फर्जी डॉक्टर है जो कि बाहर से बंगाल और बिहार से आकर गरीब जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ये कथित डॉ बुखार से लेकर किसी भी प्रकार के मर्ज तक का इलाज करने से नहीं चूकते।
मझौली तहसील अंतर्गत दर्जनों बंगाली डॉक्टर आकर अपना जमावड़ा लगा लिए हैं।
वैसे तो बंगाली डॉक्टरों के पास किसी भी प्रकार की मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है लेकिन यह किसी भी प्रकार की दवाई करने में नहीं चूकते और धड़ल्ले से अपनी क्लीनिक खोलकर गरीब जनता का खून चूस रहे हैं । अब ये अलग बात है कि इनके इलाज से कितने बचे और कितनों को जान से हाथ धोना पड़ा है। लेकिन इन्हें क्या ये तो अपनी दुकान में बाकायदा ग्लूकोस की सीसी दवा और सभी प्रकार की दवा रखे हैं। वहीं गांव की भोली भाली जनता भी क्या करे, झटपट दवा के चक्कर में वो भी इलाज कराने पहुंच जाते हैं।