प्रदेश में डेढ़ दशक बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत न मिल पाने की वजह उसके ही अपने कई बड़े नेता रहे हैं। इन नेताओं ने टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी के उम्मीदवारों को हराने का काम किया है। ऐसे ही 135 पार्टी नेताओं की शिकायत पार्टी की अनुशासन समिति की पास आयी हैं। खास बात यह है कि जिन नेताओं के खिलाफ शिकायतें आयी हैं उनमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक समेत प्रदेश महासचिव और जिला अध्यक्षों के
भी नाम शामिल हैं। यह शिकायतें कांग्रेस उम्मीदवारों और जिला अध्यक्षों ने पीसीसी को सौंपी है। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे नेता और कार्यकर्ताओं से अब जवाब तलब किया जा रहा है। इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद समिति प्रदेश अध्यक्ष को कार्रवाई की अनुशंसा करेगी।
– दिग्विजय की मेहनत भी हुई बेकार
समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने निष्क्रिय, नाराज और बागी नेताओं को पार्टी से जोडऩे में अहम भूमिका निभाई, लेकिन उनकी रणनीति पूरी तरह काम नहीं आई। 70 से ज्यादा नेताओं ने बागी होकर विधानसभा चुनाव में पर्चा दाखिल किया था, लेकिन दिग्विजय की समझाइश के बाद अधिकांश ने वापस ले लिया था। अब अनुशासन समिति के पास जिन बड़े नेताओं की शिकायतें आई हैं, उससे जाहिर है कि ऊपरी तौर पर हामी भरने वाले लोगों ने अंदरूनी तौर पर पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
– इन नेताओं ने किया भीतरघात
पन्ना : दिव्यारानी सिंह, जिला अध्यक्ष
विदिशा : रघुवीर सिंह सूर्यवंशी, पूर्व मंत्री और पान बाई, पूर्व विधायक
जावरा :भारत सिंह, पूर्व मंत्री
बडऩगर: सुरेंद्र सिसोदिया, पूर्व विधायक और वीरेंद्र सिसोदिया, पूर्व विधायक
पुष्पराजगढ़ : हिमाद्री सिंह, शहडोल से लोकसभा उम्मीदवार रहीं
धार : मुजीब कुरैशी, प्रदेश अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ
सिवनी: विनोद वाष्णिक, प्रदेश महासचिव और अनिल मार्को, प्रदेश महासचिव
वारासिवनी : शैलेंद्र तिवारी, महासचिव, जिला कांग्रेस
मंदसौर :श्यामलाल जोगवन, पहले उम्मीदवार रह चुके हैं
सेमरिया : प्रदीप हरगोरा
इनका कहना है
अनुशासन समिति को उम्मीदवारों और जिला अध्यक्षों से शिकायतें मिली हैं, जिन नेताओं के खिलाफ चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें आई हैं, उनको नोटिस दिए जा रहे हैं।
– चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष, कांग्रेस अनुशासन समिति