समर्पित हो जाने पर भगवान भक्त के बस में हो जाते हैं- शिव देव जी महाराज

*समर्पित हो जाने पर भगवान भक्त के बस में हो जाते हैं*- *शिव मूरत देव जी महाराज*

उत्तर करौदिया केंद्रीय विद्यालय के पास वह रही रस ज्ञान गंगा की धारा कथा के चतुर्थ दिवस में वृंदावन से पधारे पूज्य श्री शिव मूरत देव जी महाराज ने प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए बताया की भक्त प्रहलाद की कई प्रकार की यातनाएं की गई लेकिन भक्त प्रहलाद का अटल विश्वास रहा और वह यही कहते रहे परमात्मा कण कण में है भक्त प्रहलाद को खौलते हुये तेल में डलवाया गया हाथी से रौंदवाया गया पहाड़ों से फेंक पाया गया उसके बावजूद भक्त प्रहलाद का कुछ नहीं बिगड़ा तब खंभे से बांधकर तलवार से प्रहार करने को दौड़ा और कहा कि अब तेरा नारायण जहां भी हो तो तेरी रक्षा कर ले भक्त प्रहलाद ने अपने पिता हिरण्यकश्यप से बताया कि परमात्मा कण कण में है हिरण्यकश्यप ने कहा क्या इस खंभे में भी तेरा भगवान हैं प्रह्लाद ने कहा हां पिताजी और जैसे ही गदा से खंबे को प्रहार किया नरसिंह भगवान का अवतार हुआ नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का उद्धार किया उसके बाद गज और ग्राह की कथा सुनाते हुए कहा कि जो श्रजन पालन विसर्जन करते हैं उनकी भगवान अपने सुदर्शन चक्र से रक्षा करते हैं एवं ग्राहक को मोक्ष दिया संकट में पड़े गजेंद्र की रक्षा की तत्पश्चात कृष्ण कथा और राम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम है वही भगवान कृष्ण लीला पुरुषोत्तम है राजा बलि एवं भगवान वामन के अवतार की कथा का श्रवण कराया गया एवं वामन अंगुल के भगवान ने भक्तों के सामने अपना सर्वस्व लुटा दिया और कहा मांगो क्या वरदान चाहिए इच्छा अनुसार मनोवांछित फल प्रदान किया यह कार्यक्रम सीधी क्षेत्र सभी भक्त परिजनों के द्वारा आयोजन किया गया है संयोजक दीप नारायण द्विवेदी जी के माध्यम से हो रहा है कथा ज्ञान यज्ञ में हजारों की संख्या में भक्तजन अमृत मई कथा का श्रवण लाभ प्राप्त कर रहे हैं