कोतवाली में धूल खा रही भारत माता की प्रतिमा!, कोई नहीं ले रहा सज्ञान, भारत माता की राजनीति करने वाले भी चुप्पी साधे हुए हैं

कोतवाली में धूल खा रही भारत माता की प्रतिमा!

डेढ़ साल पहले कोतवाली में लाकर रखा गया था प्रतिमा को!

बलराम पांडे सलाहकार संपादक मंगल भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका)

मंगल भारत सिवनी (साई)। इधर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम के विवाद को लेकर सोमवार की दोपहर में कलेक्टर कार्यालय जाकर वंदे मातरम गया जायेगावहीं लगभग डेढ़ साल से कोतवाली प्रांगण में पीछे की ओर रखी धूल खा रही भारत माता की प्रतिमा की सुध लेने की फुर्सत किसी को नहीं मिल पायी है।

ज्ञातव्य है कि साल की पहली तारीख को प्रदेश सचिवालय वल्लभ भवन सहित सिवनी के कार्यालयों में वंदे मातरम का गायन नहीं हुआ था। इसके बाद हो हल्ला होने पर राज्य शासन के द्वारा वंदे मातरम गायन के लिये नये दिशा निर्देश जारी किये गये थे। आने वाले महीने की एक तारीख को प्रदेश भर के सरकारी कार्यालयों में वंदे मातरम का गायन किया जा सकता है।

वंदे मातरम न होने से नाराज भारतीय जनता पार्टी की जिला ईकाई के द्वारा सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में वंदे मातरम गायन की बात कही गयी है। वहींसोशल मडिया पर यह बात भी उछल रही है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में रहते हुए भी लगभग डेढ़ साल से कोतवाली परिसर में रखी भारत माता की प्रतिमा को सम्मान जनक स्थान पर रखवाने का प्रयासजिला या नगर भाजपा के द्वारा नहीं किया गया है।

ज्ञातव्य है कि उप नगरीय इलाके मरझोर में बिजली विभाग में कार्यरत विपत लाल विश्वकर्मा के द्वारा अपने खुद के व्यय पर बनवायी गयी भारत माता की प्रतिमा को 2017 में स्वाधीनता दिवस के पूर्व ही जप्त कर कोतवाली ले जा लिया गया थाभारत माता आज भी कोतवाली प्रांगण में ही ढंकी रखी हुई हैं।

विपत लाल विश्वकर्मा द्वारा किए गए कार्यों को सराहना करने की वजह रुकावट पैदा कर रही है प्रशासन

विपत लाल विश्वकर्मा फाइल फोटो

उक्त संबंध में बताया जाता है कि विपत लाल विश्वकर्मा के द्वारा भारत के स्वाधीनता संग्राम पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी भी अपने निवास पर सालों से सजाकर रखी गयी हैजिसका निरीक्षण अनेक नेताओं और नागरिकों के द्वारा भी किया जा चुका है। उनके द्वारा मरझोर में सरकारी जमीन पर भारत माता की लगभग पाँच टन वजन की भारत माता की प्रतिमा को स्थापित करवाया गया था।

बताया जाता है कि 2017 में इसकी शिकायत के उपरांत तत्कालीन अनुविभागीय राजस्व अधिकारी से किये जाने के उपरांत प्रशासन के द्वारा इस प्रतिमा को एक ट्रॉली में रखकर इसे कोतवाली ले जाया जा रहा था। उस दौरान बारिश में नमी के चलते ट्रैक्टर के साथ चल रही इस ट्रॉली का संतुलन बिगड़ा और यह पलट गयीजिससे भारत माता की प्रतिमा भी जमीन पर गिर गयी।

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इसके बाद से डेढ़ साल बीतने के बाद भी भारत माता की प्रतिमा आज भी कोतवाली प्रांगण में ढंकी हुई रखी है। इसे कहीं स्थापित करवाने की चिंता न तो प्रशासन को नजर आ रही है और न ही सियासी दलों के नुमाईंदों को!

लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा वंदे मातरम गायन की चिंता की जा रही है वह ठीक है पर भारत माता की प्रतिमा के बारे में भाजपा को सत्ता में रहते हुए सोचना चाहिये था। वहींउस समय विपक्ष और वर्तमान में सत्ता में बैठी काँग्रेस के द्वारा इस मामले में तब से लेकर अब तक मौन ही साधे रखा गया है।

विपतलाल विष्वकर्मा का कहना है

बंदेमातरम कहने ना कहने पर राजनीतिक गलियारों मैं इतना बड़ा हल चल मचाया जा रहा है कि कोई बहुत बडी बात हो गई।हमारे पूर्व मुख्यमंत्री यह कहने लगे कि हम बल्लभ भवन में देश भक्तों के साथ रास्ट्रगान चालू करेंगे ।जबकि हमारे संगठन के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री ;माननीय मुख्यमंत्री ;माननीय राष्ट्रपति ; माननीय कलेक्टर महोदय ओर ऐसा कोई जगह या ऐसा कोई संघठन बाकी ना हो जहा वीर महापुरुष जीवनी अनुसंधान सेवा समिति रजिस्ट्रेशन नंबर 04 /18/01/18470/16 के द्वारा निवेदन नहीं किया गया है वह यह कि भारत माता कोतवाली पुलिस थाना सिवनी मध्यप्रदेश में 13/08/2017 से कैद है भारत माता को आजाद कराने के लिए कोई नेता अधिकारी संघठन आगे चलकर नहीं आ रहे है बाते करते हैं बंदेमातरम राष्ट्रगान की जबकि अभी कई लोगों को यह मालूम ही नहीं होगा की बनारस में बंदेमातरम कहने पर पंडित चंद्रशेखर आज़ाद को 14 वर्ष की उम्र में 14 कोड़ो की सजा दी गई थी तब से उन्होंने यह प्रतिज्ञा की थी कि आज़ाद कभी अग्रेज फिरंगियों के हॉतो नहीं आऊँगा ओर उन्होंने एक गोली बचाई ओर अपने आप को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली ऐसे थे हमारे शहीद पंडित चंद्रशेखर आज़ाद । आप का अपना राष्ट्रप्रेमी देश भक्त जय हिंद जय भारत