भोपाल। मप्र की 15वीं विधानसभा के पहले सत्र में मंगलवार को कांग्रेस के एनपी प्रजापति को प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने बिना मतदान कराएं विधानसभा अध्यक्ष घोषित कर दिया। स्पीकर पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी विजय शाह को अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन आज नियमों का हवाला देकर प्रोटेम स्पीकर ने कांग्रेस के प्रस्ताव को तो स्वीकार किया लेकिन भाजपा का प्रस्ताव और मतदान स्वीकार नहीं किया। इधर
प्रोटेम स्पीकर ने तर्क दिया कि कांग्रेस का प्रस्ताव यदि पारित नहीं हुआ तो ही भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाएगा। भाजपा विधायक इस बात से नाराज होकर नारेबाजी पर उतर आए। उन्होंने गर्भ ग्रह में जाकर हंगामा किया और चुनाव मतदान से कराए जाने की मांग की। जब मामला ठंडा नहीं हुआ तो प्रोटेम स्पीकर को सदन की कार्यवाही दो बार 10 स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा का पैदल मार्च
विधानसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर सदन में हुए घटनाक्रम के विरोध में भाजपा विधायकों ने राज भवन तक पैदल मार्च किया। भाजपा के मुताबिक राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर स्पीकर के लिए चुनाव कराने की मांग की जाएगी। भाजपा ने कहा कि वे राज्यपाल द्वारा अधिकृत व्यक्ति को भेजकर फिर से चुनाव कराने के मांग करेंगे।
इधर पूरे घटनाक्रम से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एनपी प्रजापति का चुनाव असंवैधानिक है। सदन में नियमों को ताक पर रखकर उनके नाम की घोषणा की गई। वे राज्यपाल से मिलकर दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।