रामपुर नैकिन सीईओ प्रभात मिश्रा द्वारा ग्राम पंचायत पड़खुरी 588 सरपंच राम शिरोमणि यादव सचिव दिलीप कुमार सिंह रोजगार सहायक अखिलेश तिवारी को सीईओ द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार करने को खुली छूट जिला सीईओ प्रभात मिश्रा के दम पर जिला सीईओ एवं एसडीएम चुरहट के आदेशों की सरपंच सचिव रोजगार सहायक द्वारा सरेआम उड़ाई जा रही धज्जियां

ग्राम पंचायत पड़खुरी 588 नैकिन के सरपंच राम शिरोमणि यादव सचिव दिलीप सिंह रोजगार सहायक अखिलेश तिवारी सीईओ प्रभात मिश्रा की “उदासीनता” के मद्देनजर एसडीएम आईएएस अर्पित वर्मा के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं विगत कुछ दिनों से रामपुर नैकिन जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मिश्रा की कारगुजारी के मामलो के बारे मे नित रोज एक के बाद एक कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं| रामपुर नैकिन जनपद अंतर्गत 50 ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां के सरपंच सचिव और रोजगार सहायक के ऊपर सीईओ प्रभात मिश्रा पूरी तरह मेहरबान है चाहे सरपंच सचिव कितना भी भ्रष्टाचार करें और सरेआम नियमों की धज्जियां उडाये जनपद सीईओ को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग कई बार जनपद सीईओ प्रभात मिश्रा से इस बाबत शिकायत कर चुके हैं कि नए सचिव दिलीप कुमार सिंह द्वारा ग्राम पंचायत में आते ही नियमों की कुंडली में ग्रामीण उलझे हैं सचिव दिलीप कुमार सिंह का कहना है कि जो पहले यहां सचिव सस्पेंड हो कर गए हैं हम उनके जैसे नहीं हैं हमारी बात कुछ और है पूरे जनपद पंचायत के अंदर हमारे नाम का खौफ चलता है सीईओ क्या है काहे सीईओ पैसा नहीं लेते हैं वह भी पैसा लेते हैं हम लोग इसीलिए भ्रष्टाचार नहीं करते हैं उनके लिए ही भ्रष्टाचार करते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार बड़े अधिकारियों द्वारा ही कराया जाता है और हमारे घर में CEO जैसे कई अधिकारी आते जाते रहते हैं यहां जो कुछ भी होगा अब हमारे मर्जी से होगा हम अपना नियम कानून खुद तय करते हैं ना कि शासन-प्रशासन के तय नियम कानूनों पर काम करते हैं ग्रामीणों ने बताया इस कदर सचिव का जवाब सुनकर हम लोग हैरान रह जाते हैं कि हे भगवान कब हम लोगों को भ्रष्टाचारियों से निजात मिलेगी यहां तो एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचारी आ रहे हैं अब तो लगता है कि हम लोग शासन प्रशासन से उम्मीद करना ही छोड़ दें ।भ्रष्टाचार करने के लिए सरपंच सचिव रोजगार सहायक मिलकर के उपखंड अधिकारी चुरहट अर्पित वर्मा द्वारा जो पंचायत कार्यालय पंचायत भवन में संचालित करने का निर्देश दिया था उस निर्देशों को सरपंच सचिव रोजगार सहायक द्वारा अवहेलना करते हुए फिर से सामुदायिक भवन में भ्रष्टाचार करने के लिए स्थानांतरित और संचालित कर रहे हैं ।ग्रामीणों ने बताया है कि बिना कोई आदेश के बिना किसी सक्षम अधिकारी की जानकारी के बगैर सरपंच सचिव रोजगार सहायक तीनों मिलकर के पीसीओ से मिलीभगत करके यह षडयंत्र रचे हैं क्योंकि सामुदायिक भवन ग्राम से कुछ दूरी है पहाड़ के किनारे स्थित होने के चलते वहां ग्रामीण जनता बहुत कम पहुंच पाती है और आदिवासी मुहल्ला होने के चलते वहां पर कोई इनका विरोध करने वाला नहीं पहुंच पाता है वहां पर यह लोग मनमानी तरीके से प्रस्ताव लिख कर के पंचायत में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं पिछली वर्ष इसी सब कारणों के चलते ग्रामीणों ने 1 महीने से ऊपर धरने पर बैठ गए थे तब जाकर माननीय डीएम महोदय ने पंचायत कार्यालय को ग्राम पंचायत भवन में संचालित करने का निर्देश दिया पुराने सचिव ने साठगांठ करके पंचायत भवन की बिल्डिंग को जर्जर घोषित करवा दिया था ।सरपंच राम शिरोमणि यादव के कार्यकाल में रवि शंकर पांडे सचिव सस्पेंड हो गए थे लेकिन जनपद सीईओ प्रभात मिश्रा की उदासीनता लापरवाही के चलते वह 1 महीने के अंदर ही बहाल हो गए। जिस भ्रष्टाचार को प्रदीप शुक्ला PO मनरेगा भूपेंद्र पांडे ए पी ओ. पीएम आवास वाईएस परिहार एसडीओ जिला पंचायत सीधी की टीम ने ग्राम भ्रष्टाचार की जांच करते हुए 22 लाख से ऊपर की राशि का गबन पाया था एवं बकाया वसूली की पेशकश करते हुए अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत किए थे जिस पर कार्यवाही करते हुए जिला पंचायत की न्यायालय से सरपंच राम शिरोमणि यादव को बर्खास्त कर दिया गया साथ ही सचिव को भारी दबाव ना नुकुर के चलते निलंबित किया गया जांच में सरपंच सचिव के अलावा इंजीनियर अमर सिंह हर्षित पांडे और एसडीओ आरसी सिंह भी गलत मूल्यांकन के एवं गलत एसटीएस पास करने के दोषी पाए गए उक्त अधिकारियों के ऊपर भी निलंबन की कार्यवाही की गई थी । ग्रामीणों को झटका उस समय लगा जब कमिश्नर द्वारा गठित की गई जांच टीम ने 22 लाख से अधिक के घोटाले को एक लाख साठ हजार रुपए साबित कर दिया जबकि मौके पर ना ही कहीं कुछ काम कराया गया और ना ही कोई मेंटीनेंस फिर भी दोनों टीमों की जांच में इतना बड़ा अंतर स्पष्ट प्रदर्शित करता है कि कहीं ना कहीं दाल में जरूर काला है सरपंच सचिव दोनों हेकड़ी बांटते फिरते हैं कि हम जनपद सीईओ से 20 लाख और जिला पंचायत सीईओ से भी 20 लाख रुपए वसूलेंगे हम ने दोनों के ऊपर कोड आफ कंडेम किया है अभी वह छोटे-मोटे भ्रष्टाचारियों के चक्कर में फंसे होंगे हमारे दिमाग में बड़े-बड़े पट खनी खाते हैं ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब हम लोग सीईओ के पास शिकायत करने जाते हैं तो सीईओ प्रभात मिश्र भी यही कहते हैं कि भ्रष्टाचार को कोई नहीं खत्म कर सकता और भ्रष्टाचार को हम रोकने में कतई सक्षम नहीं हैं जहां तक बात है तुम्हारे ग्राम पंचायत पडखुरी की उस ग्राम पंचायत के अनपढ़ जाहिल मूर्ख लोग काम नहीं करने देते हैं मनमानी काम करवाना चाहते हैं भ्रष्टाचार कोई नहीं खत्म कर सकता इसलिए हम अनपढ़ जाहिल गवार लोगों की ग्राम पंचायत में कभी नहीं जाने का निर्णय लिया और उस ग्राम में चाहे सरपंच सचिव कितना भी भ्रष्टाचार करें हम से कोई लेना देना नहीं है मुझे नफरत है उस ग्राम पंचायत से और वहां के जाहिल लोगों से। सीईओ का साफ कहना है कि नहीं होगी कार्यवाही होने दो भ्रष्टाचार हम कार्यवाही अपने तरीके से करते हैं हमारी इच्छा होगी तो हम कार्यवाही नहीं करेंगे और इच्छा होगी तो कार्यवाही करेंगे सरपंच सेक्रेट्री हमारे चहेते हैं ग्रामीणों के मन से नहीं चलेंगे हमारे मन से चलेंगे इसी ग्राम पंचायत जैसे कई अन्य ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने हमसे जवाब सवाल कर दिए थे और भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिए तो मैंने उनकी ऐसी हालत करवा दी है की आज वह सब पछताते हैं और अब हमारे रहमों करम पर जो काम हो रहा है उसी मे खुश है अब आते हैं तो हमारी ही “दुहाई” भी देते हैं अभी तुम्हें मालूम नहीं है कि हमारा “तरीका” कैसा है हम भी देखते हैं हमारे रहते सरपंच सेक्रेट्री को कौन काम करने से रोकता है वह काम करेंगे और उन पर कोई कार्यवाही भी नहीं होगी तुम लोग सिर्फ देखते रहोगे बस••••• यह मेरा•••••यानी प्रभात मिश्रा का “कमिटमेंट” है “”नोट”” कर लो “दिमाग” में अच्छी तरह से ••••••क्या••••• सीईओ प्रभात मिश्रा। पंचायत में इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद सांठगांठ करके यह दिलीप कुमार सिंह आए हैं एवं आते ही उन्होंने भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है ग्राम पंचायत कार्यालय में कभी उपस्थित नहीं होते ऊपर से फोन लगाने पर कहते हैं कि यहां मोहोनिया आ जाओ अगर नहीं आ सकते हो तो जाओ जनपद में हमारी शिकायत कर देना हम अपने मन से आते जाते हैं और जो करवाना हो तो हमारे घर ग्राम गोपालपुर में आकर मिले ।

?????हमारे ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की हालत कुछ इस कदर है कि शायद “कैग” और “जेपीसी” स्तर की जांच एजेंसी को सौंपना पड़ेगा और हाई कोर्ट में मामला तो चल ही रहा है हम माननीय उच्चतम न्यायालय हाई कोर्ट में अपनी बात रखेंगे कि क्यों ना हमारे ग्राम पंचायत पडखुरी 588 की जांच हाई कोर्ट की गठित टीम द्वारा कराई जाए क्योंकि अगर जिलाधिकारी की गठित टीम ने गलत जाच किया है तो जाच अधिकारियो के ऊपर निलंबन की कार्यवाही की जाय और सरपंच सचिव को तत्पश्चात निर्णय किया जाय क्योंकि यहां पी.ओ.मनरेगा प्रदीप शुक्ला प्रधानमंत्री आवास एपीओ भूपेंद्र पांडे SDO वाईएस परिहार उपयंत्री वृंदावन परमार और माननीय उपखंड अधिकारी चुरहट एसडीएमआईएस अर्पित वर्मा की जांच रिपोर्ट को दूसरी जाच कमेटी जो कमिश्नर द्वारा गठित की गई उसकी जांच में घोटाला 22 लाख से घटकर 1लाख 60000 का घोटाला सिद्ध बताया गया दोनो टीम की जाच मे धरती आसमान का सनसनी खेज अंतर क्यों ••••इसका खुलाशा होना चाहिये कि “दोषी” कौन है ?इसको कैसे परिभाषित इसके मतलब बाकी अन्य अधिकारी क्या भ्रष्ट हैं बेईमान हैं या भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं या तो फिर कमिश्नर द्वारा जो टीम गठित की गई उसमें कोई गड़बड़ी है या जिला पंचायत की न्यायालय का निर्णय गलत है बडा सवाल अब यहा से सुरू होता है यह छोटा मामला नहीं है इसकी जांच माननीय उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की हम पूरी कोशिश करेंगे और हमने जब ठान ही लिया है कि भ्रष्टाचार हमारे ग्राम में नहीं रहेगा तो हम इसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं लेकिन भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने के लिए कतई तैयार नहीं है ।

हरी मिश्रा
संयोजक
जनता बोल आंखें खोल
यूनियन अगेंस्ट करप्शन
संभागीय प्रभारी
ब्राह्मण एकता परिषद
मो:9644106882