अल्ट्राट्रेक सीमेंट भूमि अधिग्रहण और अवैध क्षमता से ज्यादा तीव्रता की ब्लास्टिंग से निर्धारित गहराई के मापदंड से माइनिंग ब्लास्टिंग दूषित कैमिकल कचरा कारबन युक्त जहरीला धुआ छोड़ने और धूल डस्ट को लेकर पिछले पाच दिनो से जारी किसान कंपनी के कर्मचारी और क्षेत्रीय ग्रामीणों स्वयंसेवी संगठनों द्वारा की जा रही हड़ताल आज जिलाधिकारी अभिशेक कुमार सिंह के आश्वासन और मध्यस्थता के बाद कई विवादित नाटकीय उठापटक मोड़ और भारी उतार चढाव झेलने के बाद आखिरकार पाचवे दिन जाकर खत्म हो गई है। मालूम हो कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से आसपास के ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है इसके साथ में जिन व्यक्तियों की भूमि जेपी सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड जिसे की अल्ट्राट्रेक सीमेंट ने खरीद लिया है ने सीमेट प्लांट के लिए अधिग्रहित की थी साथ ही कंपनी ने योग्यता अनुसार परमानेंट नौकरी देने की शर्त पर किसानो की भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दी गई थी जिस पर अब घमासान मचा हुआ है । पिछले 5 दिनों से जारी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन अल्ट्राट्रेक सीमेंट पावर प्लांट में प्लांट के मुख्य गेट के सामने किया जा रहा है उससे कंपनी को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि अनशन कारी मेन गेट के सामने टेंट लगाकर अनशन कर रहे हैं जहां से कोई भी वाहन अंदर या बाहर नहीं अा जा रहा है कंपनी को शायद पहले ही इसकी भनक लग चुकी थी जिससे कंपनी ने अपनी जरूरत के हिसाब से कच्चा माल तैयार कर स्टोर कर लिया था । मंगल भारत राष्ट्रीय पत्रिका द्वारा भी ग्रामीणों किसानों मजदूरो की समस्या साथ ही कंपनी के रवैए को समझने के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट पावर प्लांट मे चल रहे धरना प्रदर्शन स्थल पहुंची थी मंगल भारत राष्ट्रीय पत्रिका का पहुचना इसलिए भी जरूरी था कि उक्त मुद्दे से लगभग 30 से 40 हजार लोगों से जुड़ी समस्या का मुद्दा था। काफी शिकायतो के बाद जिले में नई नवेली कमलनाथ सरकार ने नई सौगात के रूप में आए युवा प्रतिभाशाली कर्तव्य निष्ठ जिला कलेक्टर अभिषेक कुमार सिंह ने मामले पर गंभीरता से संज्ञान मे लेते हुए चुरहट एसडीएम आइएएस अर्पित वर्मा और रामपुर तहसीलदार को जांच सौपी थी अर्पित वर्मा की जाच चल ही रही थी फाइनल जाच रिपोर्ट पूरी होने से पहले ही ग्रामीणों किसानों स्वयंसेवी संगठनों के अंदर भभकते आग के शोलो से धधकते लवा का ज्वालामुखी अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन के रुप मे फट पड़ा। शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों किसानो करमचारियो सामजिक सगठनो और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन के बीच में सुलह कराने की लगातार कोशिसे जारी थी लेकिन हड़तालियो मे कई गुटो की भागेदारी होने के चलते बात नहीं बन पा रही थी मंगल भारत राष्ट्रीय पत्रिका की ग्राउड जीरो की पड़ताल तथा छानबीन में पता चला है कि धरना प्रदर्शन करने वाले आम किसानों क्षेत्रीय आम निवाशियो की माग है की मुख्य बड़ी समस्या कंपनी द्वारा दूषित केमिकल युक्त कचरा डस्ट जहरीला चिमनी का धुआ नियम को ताक पर रखते हुए प्रबंधन द्वारा असमयिक गहरी ब्लास्टिंग के खिलाफ धरना प्रदर्शन के साथ है। एक दूसरा गुट जिनकी जमीन सीमेंट प्रबंधन कंपनी द्वारा अधिग्रहित की गई थी 122 किसानों की उन्हें परमानेंट नौकरी देने का वायदा किया गया था जो कंपनी ने पूरा नहीं किया उसके एवज में CH कार्ड होल्डर्स कंपनी के कर्मचारी जो नियमित की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन मे शामिल थे। कई प्रकार की बातें सूत्रों से मिली हैं मंगल भारत राष्ट्रीय पत्रिका की पड़ताल में मामले से जुड़े कुछ सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं हकीकत के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालना मंगल भारत पत्रिका का प्रमुख उद्देश्य है। कुछ लोग इसको राजनीतिक रूप भी दे रहे हैं साथ ही निजी वर्चस्व के लिए दिखावटी हिस्सेदारी जताई जा रही है ऐसा भी नहीं है कि प्रदर्शनकारियों में सब निजी हित वाले हैं कुछ स्वयंसेवी संगठन पूरी तरह साथ हैं क्षेत्र के युवा समाजसेवी एवं विंध्य पुनरुत्थान के संयोजक अरुण द्विवेदी और विंध्य पुनरुत्थान संघ के अध्यक्ष अंबुज पांडे जिला शारीरिक प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संदीप तिवारी सपाक्स के राकेश द्विवेदी राकेश पाडे कई किसानो एवं मजदूर संगठन प्रदर्शन में साथ हैं। पड़ताल पर मालूम हुआ कि किसानों और ग्रामीणों के मुद्दे अलग हैं स्वयं सेवी संस्थाएं उनका मुद्दा अलग है एवं कंपनी के कर्मचारियो के मुद्दे अलग हैं ।पिछले 5 दिनों से जारी प्रदर्शन की सनसनीखेज रिपोर्ट में सबसे पहले जिला कलेक्टर अभिषेक कुमार सिंह की गठित टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच तो की है लेकिन फाइनल रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है एसडीएम आईएएस अर्पित वर्मा और रामपुर नैकिन तहसील दार बी.पी. शुकला ने संयुक्त जांच की है जिस पर अर्पित वर्मा ने कहा कि वहां पर जो पाइप देखी गई दूषित कचरा निष्पादन के लिए हमने कटवा दिया है आंखों से यह नहीं देखा कि कैमिकल युक्त दूषित पानी नहर में निष्पादित हो रहा है लेकिन पहले निष्पादन होता था ज्यादा कुछ नहीं कह पाऊंगा उसके लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत पड़ेगी जहां तक ब्लास्टिंग का मामला है तो क्योंकि हमने जब ब्लास्ट करवाया तो ऐसा नहीं दिखा कि ब्लास्टिंग से 4 किलोमीटर दूर के मकानों में दरारे आ सकती हैं या कंपन होता है एक्सपर्ट ही बता सकेंगे जो ब्लास्टिंग सामने हुई है उसमें इतनी तीव्रता नहीं पाई गई की आसपास नुकसान हो सकता है कंपनी को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि ब्लास्टिंग निर्धारित समय पर की जाए ब्लास्टिंग से पहले सायरन बजा कर अलर्ट सुनिश्चित करने का निर्देश भी कंपनी को दिया गयाहैं । 122 ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित हुई थी और सी एच कैटेगरी की जॉब भी दी गई थी अब नियमितीकरण को लेकर यही कर्मचारी हड़ताल पर हैं उनकी सीधी मांग है कि हमें नियमित कर दिया जाए और मुआवजा दिया जाए हम संतुष्ट हो जाएंगे कर्मचारियों का मानना है कि अगर कंपनी हमें नियमित कर दे और ब्लास्टिंग से जो दरार पड़ती है उसका मुआवजा निर्धारित कर दे तो हम हड़ताल बंद कर देंगे यह मुद्दा अटपटा लगता है क्योंकि अगर ब्लास्टिंग होगी तो दरार की समस्या बनी ही रहेगी कितनी बार मुआवजा वितरित होगा कितनों को घर बनाना पड़ेगा यह तो अनवरत चलता रहेगा कुल मिलाकर नियमित नौकरी की मांग पूरी हो जाए कर्मचारियों का मुख्य मुद्दा है ।ग्रामीण और किसानों के मुद्दे जिनकी जमीन अधिग्रहित नहीं है उनका कहना है कि कंपनी द्वारा दूषित और केमिकल युक्त कचरा निष्पादन करने की कोई ठोस व्यवस्थित प्रणाली नहीं है उसे हमारे जमीनों पर छोड़ा जाता है जिससे हमारी जमीने बंजर हो रही हैं और हमेशा पानी से भरी रहती है जिससे हमें लाखों रुपए का नुकसान सहना पड़ रहा है कंपनी द्वारा जो डस्ट छोड़ी जाती है उससे फसल बर्बाद हो जाती है साथ ही कई प्रकार की बीमारियां भी पैदा हो रही हैं कार्बन युक्त धुआ छोड़े जाने से प्राकृतिक वातावरण भी यहां का दूषित है और एनजीटी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है कंपनी शर्त अनुसार कोई व्यवस्था नहीं की है सिर्फ दिखावे के लिए सब कुछ कागज में ही व्यवस्था चल रही है ।ग्रामीणों और किसानों की मांग है कारबन युक्त धुआ और डस्ट रोकने की व्यवस्था भी कंपनी द्वारा की जाए और दूषित केमिकल युक्त कचरा की प्लांट के द्वारा निष्पादन की समुचित किया जाए। अब बारी आती है क्षेत्र के कई किसान संगठनों स्वयंसेवी संस्थाओं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिनका स्टैंड हड़ताली कर्मचारी एवं क्षेत्रीय किसानों से थोड़ा अलग है। अल्ट्राट्रेक सीमेंट कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों ग्रामीणों और किसानों के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विंध्य पुनरुत्थान संघ जोकि प्राकृतिक पर्यावरण संसाधनों प्राचीन धरोहरो विरासतो सनातन सभ्यता सुसंस्कृत जनहित के सामाजिक जलते मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद करने वाली एक स्वयं सेवी संस्था है आंदोलन का सपोर्ट करते हुए पुनरुत्थान संघ के संयोजक अरुण द्विवेदी अध्यक्ष अंबुज पांडे राकेश पाडे द्वारा बताया की हमारे संस्थान द्वारा ऐसे कई ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से देश और समाज के सामने रखता आया है हमारा मानना है कि अगर भूमि अधिगहण के समय अल्ट्राटेक या जे.पी. सीमेट ने रिगुलर नौकरी देने का अनुबंध किया था तो रिगुलर करना चाहिये लेकिन यहा कंपनी की लापरवाही से कई और प्रकार की गंभीर, समस्या उत्पन्न हो चुकी है जिसका दुष्प्रभाव हमारे पर्यावरण के साथ साथ हमारे स्वास्थ्य पर भी हो रहा है इस कंपनी के लापरवाही मनमानी तानाशाही से क्षेत्रवासी त्रस्त हो चुके हैं इसके फलस्वरूप यह आक्रोष फूट पड़ा है क्योंकि यहां के किसानों की भूमि अधिग्रहण में कई विसंगतियां शुरू से ही हैं पहले इसे किसी दूसरे कंपनी ने अधिग्रहित किया उसके बाद राजनीतिक उठापटक के चलते जेपी प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया इसके बाद जे.पी. प्राइवेट लिमिटेड ने घाटा दिखाते हुए अल्ट्राटेक सीमेंट को बेचा जिसके बाद अब अल्ट्राट्रेक इस फैक्ट्री को संचालित कर रही है लेकिन फैक्ट्री संचालित करने के जो तयशुदा अनुबंध हैं उसका पालन नहीं किया जा रहा और सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ा कर सीमेंट प्रबंधन द्वारा धड़ल्ले के साथ प्रोडक्शन जारी है किसी भी प्रकार से पर्यावरण को सुरक्षित रखने का कोई उपाय कंपनी द्वारा नहीं किया गया है सिर्फ दिखावटी बंदोबस्त कागजों में ही चल रहा है फैक्ट्री द्वारा रात्रि के दौरान खतरनाक केमिकल युक्त जहरीला धुआं वतावरण मे छोड़ा जाता है क्योंकि दिन में लोगों की नजर रहती है इसलिए रात में चिमनी धुआ का निष्पादन किया जाता है जिससे कई तरह के टीवी कैंसर त्वचा रोग श्वास रोग उत्पन्न हो रहे हैं और ज्यादा मात्रा में अब लोग शिकार हो रहे है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी का मामला भी इनके ऊपर बनता है और विंध्य पुनरुत्थान संघ हाई कोर्ट में ऐसी कई फैक्ट्रियों को लेकर याचिका दायर करके इनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराएगी क्योंकि इसका दुष्प्रभाव जब अभी ऐसा चल रहा है तो आने वाले निकट भविष्य में कैसी गंभीर समस्या उत्पन्न होगी कल्पना कर सकते है। नियम का उल्लंघन करके ज्यादा गहराई में ब्लास्टिंग होने से मकानों की दीवारें क्रेक हो रही है साथ ही क्षेत्र के जल स्तर मे भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है कंपनी का एकत्रित कैमिकल युक्त विसाक्त पदार्थ को कंपनी द्वारा दिखावे मात्र के लिए निष्पादन प्लांट बनाए हुए हैं ।शासन के नियमों का खुला उल्लंघन एवं सरेआम धज्जियां उड़ाने वाली अल्ट्राटेक कंपनी को उसकी मनमानी अब नहीं करने देंगे देश को ऐसी एक नहीं हजारों कंपनियों ने खोखला कर दिया है जिससे बेरोजगारी और राहत पुनर्वास रोटी कपड़ा मकान पानी बिजली सड़क इत्यादि कई प्रकार की समस्याओं का लगातार जन्म हो रहा है शाइनिंग इंडिया मॉडर्न इंडिया स्वर्णिम मध्य प्रदेश कर्ज माफी का हो हल्ला दिल्ली मॉडल गुजरात मॉडल वक्त है बदलाव का स्मार्ट सिटी एक्सप्रेस वे स्टार्टअप इंडिया गेट ऑफ इंडिया और ना जाने कितने फलाना फलाना हवाई फायर सरकार और राजनेताओं द्वारा बंद किया जाए। आज भी हमारे देश में लोग 10 से 20 किलो मीटर पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है जिसके जिम्मेदार साधारण तौर से यही सब भ्रष्ट व्यवस्था की देन हैं जो यह हजारों फैक्ट्री या खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रही हैं कई जगह तो ऐसी असमान स्थिति हो चुकी है कि वहां कई जैविक विविधता में भी प्रभाव पड़ा है। वहीं कंपनी पक्ष से संपर्क साधने पर कोई भी जवाब नहीं मिला हमने इस बाबत रामपुर नैकिन थाने के सब इंस्पेक्टर राजेश पांडे जो कि इस हड़ताल में शांति व्यवस्था कायम रहे उसके लिए हर वह कदम उठाया जिससे शांति कायम रह सके ।रामपुर नैकिन के थाना प्रभारी के तौर पर कार्यभार संभालने वाले राजेश पांडे जब से आए है तब से क्षेत्रीय अपराधियों अराजक तत्व खनिज माफियाओं रेत माफिया अवैध गांजा शराब का व्यापार करने वाले कारोबारियो पर लगातार सख्त कार्यवाही अभियान चलाकर किए हैं जो बदस्तूर जारी है कंपनी के हड़ताल के संबंध में जब हमने उनका स्टैंड जानना चाहा तो मंगल भारत से उन्होंने कहा कि हमें जो वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मिले हैं उसके लिए रामपुर नैकिन पुलिस द्वारा लगातार बदलते घटनाक्रम के दौरान भी पूरी सुरक्षा और शांति व्यवस्था को कायम रखा हमारी चौकी पिपराव से भी काबिले तारीफ सहयोग प्राप्त हुआ और चौकी प्रभारी अभिषेक पांडे ने अच्छा कार्य किया डियुटी के दौरान युवा होने के साथ-साथ कॉन्फिडेंशियल डिसीजन लेने और समझने की काबिलिअत भी चौकी प्रभारी के अंदर दिखी।हमारा मोटिव क्लीयर था कि अगर पब्लिक कोई नुकशान पहुचाएगी कंपनी को तो कंपनी को प्रोटेक्शन देगे और अगर कंपनी नुकशान पहुचाएगी आम पब्लिक को तो पुलिश आम पब्लिक को प्रोटेक्शन देगी पुलिश भक्षण नही करती है पुलिश आम नागरिक समाजिक सौहार्द देश की सासकीय असासकीय सर्वाजनिक संम्पत्ती कई प्रकार के शोषणों से और संवैधानिक मौलिक अधिकार इत्यादिक की सुरक्षा करने के लिये है ऐसे मुद्दो मे कई लोग अपनी निजी महत्वाकांक्षा को साधने के चक्कर में वेवजह मामले को तूल देते रहते है और जनभावना भड़काने का कुचक्र करते है ऐसे लोग से सजग रहने की जरूरत है यही हमारा ऐक्शन फ्लान था हमारे अधिकारी एएसपी सूर्यकांत शर्मा खुद यहां आकर सुरक्षा का जायजा किये थे और लगातार नजर रखे हुये थे और उनके ही निर्देशानुसार हम लोग शाती कायम रखने मे पूरी तरह से कामयाब रहे है आंदोलनकारियों ने पुलिस प्रशासन की खिलाफ पहले तो काफी आक्रोश व्यक्त किया लेकिन राजेश पांडे थाना प्रभारी रामपुर की कार्य दक्षता से प्रभावित होकर आंदोलनकारियों ने पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगाए प्रदर्शनकारियों ने थाना प्रभारी राजेश पांडे की स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए थाना प्रभारी राजेश पांडे की मौजूदगी में उनके सम्मान के लिए पुलिस प्रशासन जिंदाबाद के नारे लगे जिसका पूरा क्रेडिट राजेश पांडे को जाता है। वहीं क्षेत्र के सामाजिक अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में तेज बहादुर सिंह परिहार का धरना प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी रही और ग्रामीणों किसानों की आवाज को हमेशा समाज के सामने तेज बहादुर ने रखने का प्रयास किया और तेज बहादुर का कहना है कि हम अपने उद्देश्य में आगे भी इसी तरह कार्य करते रहेंगे डेढ़ महीने की अवधी कलेक्टर महोदय द्वारा चाही गई जो हमने मानते हुए अभिषेक कुमार सिंह जिलाधिकारी की मध्यस्थता में भरोसा जताते हुए सहमति दिए हैं अगर कोई कोताही बढ़ती गई तो व्यापक जन आंदोलन होगा।