सरकार गंवाने के बाद अब सूबे के पूर्व मुखिया रहे शिवराज सिंह चौहान की परेशानियां बढऩा शुरू हो गई हैं। नई सरकार के पहले ही विस सत्र में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान अपने दल की किरकिरी होने की बदनामी के बीच कैग की ताजा रिपोर्ट में भी उनकी
सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। इस रिपोर्ट मे कहा गया है कि भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान 9500 करोड़ से ज्यादा के घोटाले किए गए हैं। इस खुलासे के बाद कमलनाथ सरकार ने जांच कराने का ऐलान कर दिया है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में विभिन्न विभागों में अरबों का घोटाला हुआ है। ऐसे मामलों में सरकार भी कार्यवाही करती नजर नही आयी , बल्कि ऐसे कारनामों को अंजाम देने वालों को संरक्षण देते जरुर नजर आती रही है। हद तो तब हो गई जब कहीं करोड़ों रुए का बजट होने के बाद भी छात्रों को चारपाई तक नहीं दी गई, तो कहीं सरकारी खजाने को चपत लगाकर ठेकेदारों को जमकर उपकृत किया गया। ऐसे कई घोटाले कैग ने उजागर किए हैं। भाजपा सरकार में विभाग इन घोटालों पर लीपापोती कर मामला ठंडे बस्ते में डाल देते थे। ऐसे जानिए, किस-किस तरह के हुए घोटाले…
– 6270 करोड़ की चपत
वाणिज्य कर विभाग में तो घोटालों की ये स्थिति रही कि कैग ने जानकारी मांगी तो 8042 प्रकरणों में दस्तावेज ही पेश नहीं किए गए। इसके चलते कैग ने घोटाले की आशंका जताई है। वहीं, 6270.37 करोड़ रुपए उत्पाद शुल्क, वाहन कर, भू-राजस्व व स्टाम्प-पंजीकरण, खनन और जलकर में कम पाए गए। वाणिज्यकर विभाग खुद 3081 करोड़ रुपए की कम वसूली मान चुका है। इसमें कैग के ऐतराज के बाद ही 5.15 करोड़ रुपए वसूले गए।
– टर्नओवर में ही 873 करोड़ की हेर-फेर
आबकारी विभाग ने सॉफ्टवेयर पर 2.16 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि इसका बजट 2.05 करोड़ था। जो सॉफ्टवेयर बना वो अधूरा था। इसके अलावा 125 प्रकरणों में 872 करोड़ का टर्नओवर कम बताया गया। इसमें 226.13 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पकड़ी गई। खनन विभाग में 67.03 करोड़ करोड़ रुपए ठेकेदारों से लेना थे, लेकिन छोड़ दिए गए।
– ओंकारेश्वर व पेंच परियोजना में 572 करोड़ का घोटाला
कैग ने ओंकारेश्वर और पेंच परियोजना में 572 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पकड़ी है। ओंकारेश्वर सागर परियोजना की नहर प्रणाली से धार, खरगोन और खंडवा जिलों के 1.47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की क्षमता विकसित करनी थी। अब तक 3075 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बाद भी एक भी चरण का काम पूरा नहीं हुआ है। अफसरों ने ठेकेदारों का बचाव किया और 85 करोड़ का जुर्माना नहीं वसूला। ऊपर से 60 करोड़ का कर्ज ठेकेदारों को देकर इसमें से 55 करोड़ रुपए का समायोजन सामग्री मूल्य वृद्धि के विरुद्ध कर दिया। इसी परियोजना के ठेकेदारों को 101 करोड़ रुपए का अनियमित भुगतान किया गया। ऐसा ही खेल पेंच परियोजना में भी हुआ है। 263 करोड़ रुपए का अनियमित भुगतान हुआ। सामग्री की दर 46 करोड़ रुपए बढऩे का हवाला देकर ठेकेदारों को 113 करोड़ का अनुचित लाभ दिया गया।
– डेढ़ अरब का घोटाला, छात्रों को चारपाई तक नहीं मिली
आदिम जाति कल्याण विभाग में 147 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार बिना क्षमता विकसित किए ही 330 छात्रावासों का उन्नयन 2012 में किया गया। इनमें 247 में न तो शौचालय थे और न ही बच्चों के लिए सोने के लिए जगह थी। एक चारपाई पर दो-दो बच्चों को सुलाया गया। 41 आवासीय विद्यालयों में 3674 बच्चों के विरुद्ध केवल 2094 चारपाई उपलब्ध कराई गई थी।
– 113 करोड़ के फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्र
कैग की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि आदिम जाति कल्याण विभाग ने 113 करोड़ रुपए के जो उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र सरकार को भेजे गए थे, वे अवास्तविक थे। इनका कोई रिकॉर्ड नहीं था। वहीं, रुपए चालू खाते से निकालकर अलग से खोले गए बचत खाते में जमा किए गए, जबकि ऐसा प्रावधान ही नहीं है।
– लागत बढऩे से भी नुकसान
जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में 9557.16 करोड़ की 242 अपूर्ण परियोजनाएं थीं। इनमें से 24 परियोजनाओं में 4800.14 करोड़ की राशि बढ़ गई।
– निवेश एवं प्रतिलाभ व अग्रिम कर्ज
वर्ष 2012-17 के दौरान सरकार की उधार एवं कार्यशील सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश पर प्रतिलाभ के बीच अंतर के कारण राज्य को 4857 करोड़ रुपए की हानि हुई। केवल 2016-17 में 1224 करोड़ रुपए की हानि हुई।
– लाभांश घोषित न किया जाना
राज्य सरकार की नीति के अनुसार सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को कर के बाद लाभ का कम से कम 20 प्रतिशत लाभांश के रूप में भुगतान करना आवश्यक है। सार्वजनिक क्षेत्र के 25 उपक्रमों ने लाभ अर्जित करने के बावजूद 37.49 करोड़ का लाभांश घोषित नहीं किया।
– कमलनाथ ने बैठाई जांच
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैग रिपोर्ट के घोटालों पर जांच बैठा दी है। उन्होंने शुक्रवार को हर विभाग से उनके यहां की गड़बडिय़ों की जांच करके रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। उन्होंने जवाबदेही भी तय करने के लिए कहा है, ताकि दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा सके। कमलनाथ ने कहा है कि कैग रिपोर्ट से सामने आ गया है कि पिछली सरकार में किस तरह का गठजोड़ भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा था। हम सारे मामलों की विस्तृत जांच करवाएंगे। हम एक जन आयोग बनाएंगे। सारे मामले उसको सौंपेगे। सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि अभी तो यह ट्रेलर है, अभी पूरी पिक्चर बाकी है। अभी कई खुलासे होंगे, देखते जाइए।