मप्र में डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी करने के बाद अब सरकार अपने दल के कार्यकर्ताओं को सत्ता में जल्द से जल्द भागीदारी देने की तैयारी में जुट गई है। दरअसल यह पूरी कवायद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही है। यह पार्टी के वे कार्यकर्ता होंगे जो भाजपा शासनकाल में पार्टी का झंडा बुंलद किए रहे। फिलहाल विभिन्न कमेटियों में 12 हजार कार्यकर्ताओं की नियुक्ति किए जाने की
तैयारी की जा रही है। दरअसल चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने साफ कहा था कि उनकी पार्टी की सरकार के दरवाजे 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुले रहेंगे, जिसने कार्यकर्ता पर ध्यान नहीं दिया उनको पद से हटा दिया जाएगा। राहुल की मंशा के मुताबिक अब प्रदेश के कार्यकर्ताओं को 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति और जनभागीदारी समितियों में पद दिए जाएंगे। जिन कार्यकर्ताओं ने 15 साल से पार्टी के प्रति निष्ठा से काम किया है और चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने में मेहनत की है, उनकी सूची तैयार की जा रही है। इनकी नियुक्ति लोकसभा चुनाव से पहले जिलास्तर पर कर दी जाएगी।
20 सूत्री क्रियान्वयन समितियां फिर होगी गठित
दिग्विजय सरकार के समय काम करने वाली 20 सूत्री क्रियान्वयन समितियों को फिर से जिंदा किया जा रहा है। भाजपा शासनकाल में इन समितियों को बंद कर दिया गया था। इनके जरिए जिले तक कांग्रेस का बड़ा नेटवर्क काम करता रहा है। जिलास्तर पर इन समितियों में कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नियुक्ति देकर उपकृत किया जाता रहा है। इनका दखल जिलास्तर पर चल रही विकास योजनाओं में होता है। सरकार इनके जरिए अपने कामकाज की निगरानी करेगी, यदि कहीं विकास योजनाओं में कोताही बरती जा रही है तो उसकी रिपोर्ट भी ये कार्यकर्ता सरकार को सौंपेंगे। 20 सूत्री कार्यक्रमों में समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सम्मानपूर्वक जीवनयापन और उन्नति कराने और आर्थिक विषमता को दूर करने जैसे काम शामिल हैं।
जनभागीदारी समितियों में भी नियुक्ति
स्कूल-कॉलेज में बनी जनभागीदारी समितियों में भी भाजपा कार्यकर्ताओं का कब्जा रहा है। इन समितियों में से भाजपा कार्यकर्ताओं के स्थान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बैठाया जाएगा। एनएसयूआई कार्यकर्ता शिकायतों का पुलिंदा लेकर सरकार के पास पहुंचने लगे हैं जिसमें कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार का कच्चा चि_ा शामिल है। इन कार्यकर्ताओं ने घोटालों की जांच कराने और भाजपा-संघ से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने की मांग भी की है। जनभागीदारी समितियों के जरिए कार्यकर्ताओं का सीधा दखल स्कूल,कॉलेज प्रशासन के कामकाज में होता है, इसके अलावा छात्रों को भी सीधे पार्टी के झंडे तले लाया जा सकता है।
इन समितियों में भी मिलेगी नियुक्ति
जिला सतर्कता समिति
उपभोक्ता संरक्षण समिति
जिला वक्फ कमेटी
जिला जन अभियोग निराकरण समिति
15 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति