हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उसके मजबूत माने जाने वाले विंध्य इलाके में मिली करारी हार को पार्टी पचा नहीं पा रही है। इस इलाके से आए परिणाम काफी चौंकाने वाले रहे हैं। खास बात यह है कि इस अंचल के सभी कांगे्रस के बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। इनमें नेता प्रतिपक्ष व इलाके के अजेय माने जाने वाले अजय सिंह से लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष
राजेन्द्र सिंह तक शामिल हैं। यही वजह है कि अब कांग्रेस संगठन द्वारा इस मामले में अदालत जाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल इस अंचल के तहत विधानसभा की तीस सीटें आती हैं, इनमें से कांग्रेस को महज 6 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। पार्टी की यह हालात ऐसे समय हुई जब प्रदेश में मौजूदा शिव सरकार को लेकर लोगों में नाराजगी थी। यही नहीं सुंदरलाल तिवारी जैसे नेता भी इस बार चुनाव में खेत रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस को लगता है कि यहां पर प्रशासन और ईवीएम के जरिए परिणामों को प्रभावित करने का खेल खेला गया है।
दिल्ली में हुआ मंथन
चुनाव परिणामों को कोर्ट ले जाने की रणनीति दिल्ली में तैयार हुई है। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने विधि विशेषज्ञों से परामर्श किया है। अजय सिंह को भी दिल्ली बुलाया था, उनके साथ भी इन सभी तथ्यों पर विचार किया गया। चुनाव परिणामों को कोर्ट में चुनौती देने के लिए पर्याप्त और पुख्ता साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले कांगे्रस इस मामले को अदालत में ले जा सकती है।
विंध्य में रहा है प्रभाव
विंध्य में कांगे्रस का वर्चस्व माना जाता रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 13 सीटें हासिल हुईथीं। इस बार पार्टी को 20 सीटें जीतने की उम्मीद थी। लेकिन वो महज छह सीटें ही जीत पाई। यहां के कांग्रेस नेताओं को ये चुनाव परिणाम गले नहीं उतर रहे हैं। यही नहीं इस अंचल को बसपा के प्रभाव वाला भी माना जाता है, लेकिन इस बार उसका भी यहां खाता नहीं खुल सका है।