शिव सरकार ने आपात निधि की राशि को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किया खर्च, खुलासा

प्रदेश में पन्द्रह सालों तक सत्ता पर काबिज रही भाजपा सरकार ने खूब मनमानियां की हैं। इसका खुलासा हाल ही में आई कैग की रिपोर्ट से हुआ है। खास बात यह है कि पैसे की कमी बता कर सरकार ने कई जरुरी विकास कामों को बंद कर दिया था, लेकिन इसी दौरान सरकार और उसके चहेते अफसरों ने आकस्मिकता निधि की राशि को सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर उड़ा दिया। कैग ने इस गड़बड़ी को पकड़ा है। यह जानकरी सामने आने के बाद प्रदेश की

नई सरकार जांच और जिम्मेदारी तय करने की बात कह रही है। दअरसल आकस्मिकता निधि आपात स्थितियों में खर्च करने के लिए होती है। इसके लिए सरकार द्वारा एक कोष का प्रावधान किया जाता है। मध्यप्रदेश में भी कोष निर्धारित है, लेकिन इसके खर्च को लेकर सरकार और उसके चहेते अफसर मनमानी करते रहे। वर्ष 2017 में भाबरा में शहीद चंद्रशेखर आजाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्कृति विभाग ने इस पर 16 करोड़ रुपए खर्च किया था। वित्त विभाग ने इसके लिए 3.49 करोड़ रुपए आकस्मिकता निधि से दिए। नियंत्रक एवं महालेखाकर (कैग) की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में इस खर्च पर आपत्ति करते हुए लिखा है कि राज्य सरकार को संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारण अनुसार सुनिश्चित करना चाहिए कि आकस्मिकता निधि सिर्फ आकस्मिक कार्यों में ही खर्च हो।’
वित्तीय वर्ष के अंत में सर्वाधिक खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में अधिक राशि खर्च की। मार्च 2017 में 34 प्रकरणों में 14169.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए। यहां तक कि 28 मार्च, 30 मार्च और 31 मार्च 2017 को सरकार ने 2148.01 करोड़ रुपए विभिन्न योजनाओं के लिए स्वीकृत किए। इनमें इंदिरा आवास योजना, निर्मल भारत अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, मध्याह्न भोजन वितरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शामिल है। रिपोर्ट में लिखा है कि वित्त वर्ष के अंतिम माहों में सामान्यत वित्तीय अनियमितता माना जाता है। सरकार को सुझाव दिया है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों अत्याधिक खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए।