ग्रामीण इलाकों में पंचायत भवनों के साथ ही रेस्ट हाउस बनाने की हुई कटनी जिले से शुरुआत …
भोपाल/ मंगल भारत भा/। मुख्यमंत्री द्वारा अफसरों को गांवों का भ्रमण कर लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करने के लिए दिए गए निर्देशों के बाद अब ग्रामीण इलाकें में पंचायत भवनों के साथ ही रेस्ट हाउस बनाने की पहल कर दी गई है। इसकी शुरुआत कटनी जिले से की जा रही है। इसके तहत कटनी जिला पंचायत द्वारा दौरे पर आने वाले आला अफसरों के रुकने का इंतजाम पंचायत भवनों में ही करने का फैसला किया गया है। इसके लिए अलग से पंचायत भवन में एक रेस्ट हाउस बनाया जाएगा। खास बात यह है कि इसके निर्माण के लिए अलग से कोई राशि नहीं दी जाएगी बल्कि पंचायत भवन के लिए तय की गई राशि में से ही भवन के अन्य कक्षों के साथ ही रेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा।
इस तरह का अभिवन प्रयोग प्रदेश की अन्य ग्राम पंचायतों के लिए मॉडल बन सकता है। यह बात अलग है कि अब तक बने भवनों में पंचायत प्रतिनिधियों, कर्मचारियों के ही बैठने की ही पर्याप्त जगह नहीं होती है, ऐसे में ग्रामीणों की बात तो अलग ही है। यही वजह है कि अब जिला पंचायत ने नवीन भवन का मॉडल तैयार कराया है ताकि सुविधा के बीच गांव के लोग व पंचायत प्रतिनिधि बैठकर विकास की कार्ययोजना तैयार कर सकें। सरकार द्वारा कटनी जिले के पंचायत भवनों के लिए लागत 20 लाख और उसके निर्माण के लिए छह माह की अवधि तय की गई है। नए माडल के तहत बनाए जाने वाले भवनों के लिए पहले चरण में फिलहाल 13 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।
इनमें बड़वारा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत हरदहटा, विलायतकला, पिपरियाकला, ढीमरखेड़ा की महगवां बडखेरा, कटनी की हीरापुर कौडिय़ा, पौंसरा, रीठी जनपद की ढुढरी, अमगवां, लालपुरा, बडगांव और विजयराघवगढ़ जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत घुन्नौर, जारारोड़ा, हन्तला शामिल है। इसी तरह से दूसरे चरण में डेढ़ दर्जन भवनों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। यह है इस तरह के प्रयोग की वजह जिला पंचयात कटनी के सीईओ जगदीश चंद्र गोमे का इस मामले में कहना है कि ग्राम पंचायतों के निरीक्षण या अन्य कामों से जाने वाले अधिकारियों को चौपाल लगाने, ग्रामीणों से संवाद करने और अन्य जरुरी कामों से रात्रि विश्राम करना पड़ता है। अधिकांश ग्राम पंचयातों में रुकने की सुविधा नहीं होती है जिसकी वजह से मजबूरी में अधिकारी स्कूल भवन या अन्य स्थानों की तलाश करते हैं। इस समस्या को देखते हुए नए मॉडल के पंचायत भवनों में एक कक्ष ग्रामीण रेस्ट हाउस के नाम से सर्वसुविधा युक्त बनाने का प्रयोग शुरू किया गया है।