नहीं चल रहे सहारा श्री के अच्छे दिन.
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के बीते कई साल से अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। पहले उन पर ग्राहकों द्वारा जमा राशि समय पर नहीं लौटने की वजह से एक के बाद एक प्रकरण दर्ज हुए और अब उनकी तबीयत भी बेहद नासाज हो गई है। यह बात अलग है कि हाल ही में उन्हें मुंबई स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में न्यूरोलॉजिकल सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था। उनकी सर्जरी हो चुकी है और वह सफल भी रही है। 73 वर्षीय सहारा प्रमुख को कुछ दिन पहले ही एक मस्तिष्क रोग का पता चला था। जांच के समय डॉक्टर्स ने उन्हें मस्तिष्क को कोइलिंग करने की सलाह दी थी। सुब्रत राय के मस्तिष्क की कोइलिंग स्टेंट और एंडो सेक्युलर डिवाइस के माध्यम से की गई। ऑपरेशन के बाद कंपनी ने एक बयान में बताया कि सुब्रत राय की सर्जरी पूरी तरह से सफल रही। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि सहाराश्री सुब्रत राय सहारा पूरी तरह से ठीक हैं।
आईपीएस अवार्ड के बाद बदलेंगे प्रभार
हाल ही में राज्य पुलिस सेवा के 1995 बैच के दस अफसरों को आईपीएस अवार्ड कर दिया गया है। इसके आदेश गृह विभाग ने जारी कर दिए हैं। जिन अफसरों को आईपीएस अवार्ड हुआ है उनमें निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन।के नाम शामिल हैं। अब इन अफसरों की नई पदस्थापना की जानी है। बताया जाता है कि सीपी के ओएसडी के रूप में एडीसीपी मुख्यालय रामजी श्रीवास्तव को पदस्थ किया जाना लगभग तय हो गया है। उनकी इस पदस्थापन के लिए पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया है। इसी तरह से उनकी जगह सीपी की ओएसडी रश्मि मिश्रा को एडीसीपी मुख्यालय पदस्थ किया जाना भी तय माना जा रहा है।
अब भी जारी है कांग्रेस में रिमोट से सत्ता चलाने की परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के समय उनकी सुरक्षा में की गई जैसी गंभीर चूक पर पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा प्रियंका गांधी को ब्रीफ करने के बाद दिए गए बयान को गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बेहद चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि इससे यह तो एक फिर सिद्ध हो गया है कि गांधी परिवार में रिमोट से सत्ता चालने की परंपरा अभी भी अनवरत रूप से जारी है। डॉ. मिश्रा का कहना है कि प्रियंका जी कौन से संवैधानिक पद पर हैं, जो उन्हें सीएम चन्नी ब्रीफ कर रहे हैं। वो भी पीएम मोदी की सुरक्षा जैसे गंभीर विषय पर। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से साबित हो गया है कि मनमोहन सिंह की सरकार को सोनिया गांधी रिमोट से चलाती थीं।
अब मृत्यु अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
मप्र में कोविड-19 के कारण मृत्यु होने पर दिवंगत के उत्तराधिकारी को 50 हजार रुपए का अनुदान पाने के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति प्रदान कर दी गई है। इसके लिए अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू कर दी गई है। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के मुताबिक भारत सरकार और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने आवेदन के लिए मोबाइल पर भी उपयोग किया जा सकने वाला ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है। ताकि दिवंगत व्यक्ति के उत्तराधिकारी को सरल और आसान तरीके से सहायता प्राप्त हो सके। इसके लिए मृतक के उत्तराधिकारी आॅनलाइन आवदेन एमपी ई-सर्विस के पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा दी गई है। आवेदन करने से पूर्व मोबाइल-कम्प्यूटर से ओटीपी प्राप्त कर आवेदन से जुड़े दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से कलेक्टर कार्यालय जाकर भी आवेदन किया जा सकता है।