…यह ‘दाग’ अच्छे नहीं

पिंकी भदौरिया और मशर्रत दोनों के नाम प्रस्तावित करने वाले नेताओं पर क्या संगठन दिखाएगा कार्रवाई की हिम्मत .

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा नेता अपने चहेते अपराधियों और उनके परिजनों को तक टिकट दिलाने में पीछे नहीं रहे। इसकी वजह से जहां संगठन पर सवाल खड़े हुए तो वहीं बाद में उनके टिकट निरस्त कर दूसरे प्रत्याशी भी मैदान में उतारने पड़े। बदनामी हुई अलग से। अब सवाल यह बना हुआ है कि संगठन और सरकार क्या अपराधियों को टिकट दिलाने वाले नेताओं पर भी कोई कार्रवाई करेगी या फिर उन्हें ऐसे ही छोड़कर उन्हें अपराधियों को प्राश्रय देने के मामले में उन पर चुप्पी साध लेगी। खास बात यह है कि जिन दोनों प्रत्याशियों के टिकट काटे गए हैं उन्हें और उनके परिवार के मामले में पूरा भोपाल जिसमें नेता अफसर व जनता सभी जानते हैं। लगातार मीडिया में यह मामला सुर्खियों में छाए रहने के बाद आखिरकार संगठन को उनके टिकट काटने पर मजबूर होना पड़ा। फिलहाल इस तरह के लोगों को टिकट देने से भाजपा द्वारा बनाई गई जिले से लेकर प्रदेश तक की समिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
खास बात यह है कि भोपाल में ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई शहरों में इसी तरह के अपराधियों को भी टिकट दिए गए हैं। इनमें सागर के शुक्रवारी वार्ड से अपराधी बबलू कमानी की पत्नी किश्वर बी का भी नाम शामिल है। इसके बाद भी भोपाल में दो टिकट काटने में संगठन को तीन दिन का समय लग गया। बीते रोज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान दिया कि भाजपा स्वच्छ राजनीति की पक्षधर है। कांग्रेस ने अपराधियों को ही नेता और जनप्रतिनिधि बनाने का काम किया है। इसके बाद शाम को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े दो प्रत्याशियों का टिकट काट दिया। भाजपा की भोपाल संभाग की चयन समिति ने नरेला विधानसभा क्षेत्र के दो दागियों को पार्षद का टिकट दिया था। इसमें वार्ड 44 से जिस भूपेंद्र सिंह चौहान (पिंकी भदौरिया) और वार्ड क्रमांक 40 से बाबू मस्तान की पत्नी मशर्रत का नाम शामिल है। वे सट्टेबाजी सहित अन्य संगीन अपराधों से जुड़े हैं। मशर्रत भाजपा से ही पूर्व पार्षद रही हैं। कांग्रेस सरकार में पुलिस ने बाबू मस्तान का मकान ढहाया था। उनका नाम नरेला विधानसभा क्षेत्र में बड़े सट्टा किंग के रूप में जाना जाता है। इसके पहले इंदौर में भाजपा ने युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद को टिकट दिया था, लेकिन उनका टिकट घोषित होने के दूसरे ही दिन काट दिया गया था। अहम बात यह है कि प्रदेश की शिव सरकार द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में भी इन दोनों ही अपराधियों पर कोई कार्रवाई होती अब तक नहीं दिखी है, जबकि अनसे छोटे अपराधियों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई होने की खबरें आती रहती हैं।
महापौर के 11 प्रत्याशी मैदान में, एक निरस्त
भोपाल महापौर पद के लिए 12 दावेदारों ने नामांकन फार्म दाखिल किया था। इसमें एक फार्म फरहीन खान का निरस्त हो गया है। अब 11 दावेदार महापौर पद के लिए शेष हैं। इसमें भाजपा की मालती राय, कांग्रेस प्रत्याशी विभा पटेल, आप प्रत्याशी रईसा बेगम मलिक, भाजपा से मंजू दायमा, बीएसपी से प्रिया मकवाना, आप से रानी विश्वकर्मा, जय लोक पार्टी से संगीता प्रजापति, निर्दलीय सीमा नाथ, जनता दल यूनाइटेड से मंजू यादव, इंडियन नेशनल कांग्रेस से ज्योति मण्डलीक, निर्दलीय लेखा जायसवाल मैदान में हैं।
भाजपा स्वच्छ राजनीति की पक्षधर: शिवराज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी स्वच्छ राजनीति की पक्षधर है। जैसे ही इंदौर नगर निगम में किसी अदातन अपराधी के परिवार के सदस्य को टिकट दिए जाने का मामला संज्ञान में तो प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद और हमने बात की और उस टिकट को निरस्त किया। आगे भी अगर ऐसी कोई बात जानकारी में आएगी तो यह बात पक्की है कि भाजपा किसी आदतन कुख्यात अपराधी को जनप्रतिनिधि के पद पर प्रतिष्ठित नहीं करेगी। हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। सार्वजनिक जीवन में जनता से चुने हुए प्रतिनिधि लोक सेवा, जन कल्याण और विकास के लिए होते हैं। यहां अपराधियों को कोई स्थान नहीं है। हां, कोई राजनीतिक मामला है, आदतन अपराधी नहीं है, तो बात अलग है। कई बार आपस में लड़ाई-झगड़ा हो जाता है। परिवार में भी झगड़े होते हैं। ऐसे मामले अलग हैं लेकिन कुख्यात आदतन अपराधी जो जुआं, सट्टा, अनैतिक गतिविधियां में लिप्त हैं, उसे भाजपा अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगी। यदि कहीं बना होगा, तो उसे भी वापस ले लेगी।
होल्ड वार्डों के भी प्रत्याशी तय
बीजेपी ने वार्ड 20 से पूजा शर्मा, वार्ड 28 से किशन सूर्यवंशी, वार्ड 29 से राजेंद्र राठौर, वार्ड 46 से आशाराम शर्मा, वार्ड 57 से सुरेंद्र बाडिया और वार्ड 66 से संतोष शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, वार्ड 49 से नाम परिवर्तन कर बाबूलाल यादव को प्रत्याशी बनाया है। वार्ड 49 से संगठन ने पहले दूसरा नाम तय किया था, लेकिन उसका जाति प्रमाण पत्र दूसरे राज्य से बना होने की वजह से उसका नामाकांन फार्म निरस्त होना तय माना जा रहा था, जिसकी वजह से पार्टी को उनकी जगह यादव का नाम तय करना पड़ा।
दो नामांकन होल्ड, 20 रिजेक्ट
महापौर सहित 85 वार्डों में पार्षद पद के लिए जमा किये 810 नामांकन पत्रों की जांच सोमवार को की गई, जिसमें बीस फार्म रिजेक्ट किए गए। पूर्व पार्षद व कांग्रेस प्रत्याशी संतोष कंसाना और राहुल देवराज के नामांकन होल्ड किये गये हैं। कंसाना के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। वहीं जाधव ने कांग्रेस से नामांकन दाखिल किया है। इनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई है। कलेक्टर की सुनवाई के बाद तय होगा कि नामांकन मान्य होगा या रिजेक्ट किया जाएगा। इसी तरह से टीटी नगर में कुल 139 नामांकन जमा हुए थे। यह नामांकन वार्ड 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 46, 47 के थे। जांच में दस फार्म रिजेक्ट किए है। एक वार्ड में डबल नामांकन होने से अमित शर्मा, योगेंद्र सेन, नितिन परिहार, शंकर मकोरिया, कौशल्या रजक, और संजय कुमार का नामांकन निरस्त किया है। कोलार एसडीएम सर्कल में वार्ड 80, 81, 82, 83, 84, 85 में 41 नामांकन जमा किए गए थे। जिसकी जांच में सभी नामांकन सही निंकले है। जिसके तहत 22 को होने वाली नाम वापसी के बाद वार्डों में स्थिति साफ हो जाएगी। इधर, एमपी नगर सर्कल में आने वाले 18 वार्डों में तीन नामांकन निरस्त हुए हैं। इसमें वार्ड 56, 66 और 68 से एक-एक प्रत्याशी हैं। इसी तरह से बैरागढ़ एसडीएम सर्कल में वार्ड 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18 और 21 के नामांकन दाखिल किए गए है। जिसमें 109 नामांकन आए थे। जांच के बाद पांच नामांकन रिजेक्ट किए गए है। इधर शहर सर्कल में 126 नामांकन जमा किये गये थे। संविक्षा के दौरान चार नामांकन निरस्त कर दिये गये।
अब 122 दावेदार मैदान में शेष रह गये हैं।