अभाव ग्रस्त स्कूलों में बनेंगे 22 सौ नए शौचालय

भोपाल/मंगल भारत। मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से


सूबे के सरकारी स्कूलों की बदहाली किसी से छिपी नही हैं। ऐसे में अब केन्द्र की मदद से प्रदेश में करीब 22 सौ सरकारी स्कूलों में शौचालय बनाने के साथ ही बंद पड़े शौचालयों को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार को भेज दिया है। इस काम के लिए विभाग के प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार ने केन्द्र से आठ करोड़ रुपए से अधिक की राशि मांगी है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्वच्छ भारत कोष के तहत शौचालयविहीन स्कूलों में नए शौचालय बनाने और अक्रियाशील शौचालयों को चालू करने के लिए प्रस्ताव मांगा था। अब शौचालयों के लिए स्वच्छ भारत कोष से 8.39 करोड़ रुपए मिलेंगे। अगर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के आंकड़ें को देखें तो उनकी संख्या 98963 है, जिसमें से 22361 क्लास रूम को कम रिपेयर की जरुरत है जबकि 19465 में अधिक काम करने की जरुरत है। राज्य शिक्षा केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, बालकों के लिए 1318 और बालिकाओं के लिए 925 नए शौचालय बनाने हैं। अक्रियाशील 3498 बालकों के और 2762 बालिकाओं के शौचालय की मरम्मत भी करानी है। इसके लिए 8390.39 लाख रुपए का बजट मांगा गया है।
स्कूलों के यह हैं हाल
प्रदेश में 1498 स्कूलों में क्लासरूम नहीं हैं। इसी तरह से 3127 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय तक नहीं हैं, जबकि 2022 स्कूलों में छात्राओं के लिए भी शौचालय नहीं हैं। उधर, अभी 36498 स्कूलों में बिजली और 34553 स्कूलों में हैंडवॉश तक की सुविधा नहीं है। इसी तरह से 7634 स्कूलों में लाइब्रेरी का अभाव है तो 1520 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है। 32541 स्कूलों में खेल मैदान भी नहीं हैं। 95102 स्कूलों में साइंस लैब भी नहीं है।