आप और गोगापा का जिला पंचायत चुनाव में खुला खाता
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में पंचायतों के तीसरे चरण के चुनाव के रुझान भी अब सामने आ गए हैं। पहले दो चरणों की तरह मतदाताओं ने एक बार फिर वंशबेल और परिवारवाद को तो नकारा ही है साथ ही उन नेताओं को भी करारा जबाब दिया है जो खुद ही पदों पर जमे रहना चाहते हैं। तीसरे चरण के अब तक सामने आए रुझानों में भाजपा व कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के परिजन और करीबी रिश्तेदारों को मतदाताओं ने हराकर सबक सिखाते हुए साफ संदेश दे दिया है। खास बात यह है की अब तक जो रुझान आए हैं उसमें भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने-अपने समर्थितों के जीत के दावे किए जा रहे हैं। यह बात अलग है की अधिकृत तौर पर नतीजे 14 तारीख को आएंगे।
तीसरे चरण के चुनाव में सबसे बड़ा झटका परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को उनके भतीजे अरविंद सिंह टिंकू राजा की हार से लगा है। वे 5000 से ज्यादा वोटों सें सरबजीत सिंह लोधी से हारे हैं। लोधी को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का समर्थक माना जाता है। यह बात अलग है की राजनैतिक दांवपेंच से इसके पहले राजपूत के भाई हीरा सिंह जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध रुप से चुने जा चुके हैं। वैसे भी अब तक जो भी रुझान आए हैं उनमें भाजपा को गहरा झटका लगता दिखाई दे रहा है, वहीं इन रुझानों की वजह से कांग्रेस में उत्साह का माहौल दिखना शुरू हो गया है। कांगे्रस में इसी तरह से निकाय चुनाव में भी बड़ा उलटफेर होने की आशा बंधी हुई है। राजधानी से सटे सीहारे जिले के बुधनी विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो इस बार भाजपा को पांच में से दो सीटों का नुकसान हो रहा है। पूर्व में 2014-15 में बुधनी विधानसभा की जिला पंचायत सदस्य की पांचों सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी , लेकिन इस बार 3 पर भाजपा और 2 पर कांग्रेस समर्थित जीते हैं। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी से कांग्रेस समर्थित कमलेश यादव ने भाजपा के आशाराम यादव को हराया है। वहीं, नसरुल्लागंज में कांग्रेस समर्थित ब्रजेंद्र भी जीत गए हैं। इन्हें मिलकार अब तक सीहोर जिले की 17 जिला पंचायत सीटों में से 8 पर भाजपा, एक पर भाजपा समर्थित और सात सीटों पर कांग्रेस और एक पर कांग्रेस के समर्थक को जीत मिली है। इसी तरह से प्रदेश के दूसरे दिग्गज नेता कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में जिला पंचायत के 8 सदस्यों में से सात पर कांग्रेस को जीत मिली है। देवास में सभी सीटों पर कांग्रेस समर्थकों को जीत हासिल हुई है, जबकि मंदसौर में 4 सीटों पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा समर्थित जीते है। बालाघाट जिले में 27 जिला पंचायत सदस्यों में से 14 पर कांग्रेस समर्थित, 6 पर भाजपा 6 पर निर्दलीय और एक पर गोगापा समर्थक जीता है। उधर, मंदसौर के 6 जिला पंचायत सदस्यों में 4 पर कांग्रेस समर्थित और 2 पर भाजपा समर्थित तो नीमच में जिपं सदस्य की 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस समर्थित और देवास में जिला और जनपद पंचायत सदस्य के चुनाव में सभी 5-5 सीटों पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। इसी तरह से धार से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मनोज गौतम जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत गए हैं। विदिशा जिला पंचायत के वार्ड 13 से कांग्रेस समर्थित मोहर सिंह चुनाव जीत गए हैं। वहीं, वार्ड 14 से रानी अहिरवार जीती हैं। इसी तरह से उज्जैन जिला पंचायत की चार सीटों में से दो पर कांग्रेस और दो पर निर्दलीय चुनाव जीते हैं।
पूर्व विधायक सरस्वती सिंह भी हारे
सिंगरौली के 14 जिला पंचायत सदस्यों में से 11 पर कांग्रेस समर्थित जीते हैं, यहां आप समर्थित सदीप शाह वार्ड 1 से चुनाव जीत गए हैं। यहां से जिला पंचायत सदस्य के लिए कांग्रेस की पूर्व विधायक सरस्वती सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राधा सिंह, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष डॉ. रविंद्र सिंह और पूर्व महापौर सिंगरौली प्रेमवती खैरवार चुनाव हार गए हैं। मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के पुत्र विकास त्रिपाठी जनपद सदस्य का चुनाव 1008 वोटों से जीते हैं। कटनी जिला पंचायत के 14 वार्डों में से 12 पर भाजपा समर्थित व 2 पर कांग्रेस समर्थित जीते हैं। यहां जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में माला किन्नर निर्णायक बढ़त बनाए हुए थे।
अब अध्यक्ष पद के लिए जोड़ तोड़ शुरू
जिला पंचायत भोपाल के 10 सदस्यों में से नौ के चुनाव परिणामों के जिस तरह से रुझान आए हैं उससे कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। इसी तरह से सागर में श्रीमंत समर्थक मंत्री गोंविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। दरअसल भोपाल जिला पंचायत के लिए हुए चुनाव में दस वार्डों में से 6 पर महिलाओं ने जीत दर्ज की है। अब यह सभी महिलाएं अध्यक्ष पद की दावेदार बनकर उभर रही हैं। इनमें 4 कांग्रेस, तो 2 भाजपा समर्थित महिलाएं हैं। इस बीच दोनों ही दलों के नेताओं द्वारा भोपाल जिला पंचायत पद की कुर्सी हासिल करने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। अगर सदस्य संख्या के हिसाब से देखें तो दस में से छह सदस्य कांग्रेस समर्थित होने की वजह से वहीं, सदस्य संख्या ज्यादा होने के कारण कांग्रेस का दावा मजबूत माना जा रहा है। इंदौर जिला पंचायत के 17 वार्डों के सदस्य पदों में से उनकी पार्टी 13 सीटों पर जीत रही है। इस तरह जिला पंचायत में भाजपा स्पष्ट बहुमत की ओर है। ऐसे में एक बार फिर जिला पंचायत का अध्यक्ष भाजपा से बनना तय है। इसी तरह से सबसे अधिक रोमांचक स्थिति सीहोर में रहने वाली है। यहां पर विधायक सुदेश राय की विधानसभा के वार्ड न.1 से जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पूर्व विधायक कांग्रेस के रमेश सक्सेना के बेटे शशांक सक्सेना के जीतने के बाद से उनका अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।