नीरज चोपड़ा का धमाल, सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने.
ओरेगन में हो रहे 18वें वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जैवलिन थ्रो के फाइनल इवेंट में नीरज चोपड़ा ने अपने चौथे प्रयास में 88.13 मीटर दूर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल जीत लिया है। वह भारत के पहले मेल एथलीट हैं जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है। नीरज का पहला और पाचवां प्रयास फाउल रहा था लेकिन उन्होंने चौथे प्रयास में 88.13 मीटर दूर भाला फेंककर इतिहास रच दिया और सिल्वर मेडल जीत लिया। इससे पहले भारत का वर्ल्ड एथलेटिक्स में ब्रोंज मेडल था जो 2003 पेरिस चैंपियनशिप में लंबी कूद में आया था। क्वालीफाइंग इवेंट में ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाई थी। रोहित यादव की बात करें तो वह 80.42 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुए थे। फाइनल के लिए ऑटो क्वालीफाइंग मार्क 83.50 मीटर रखा गया था।
समय के साथ बदल रहे हैं मंकी पॉक्स के लक्षण, बचाव का यह है तरीका
कोरोना महामारी से अभी पूरी दुनिया उबर नहीं पाई थी कि मंकीपॉक्स नाम के वायरस ने दुनिया को अपने चपेट में लेना शुरू कर दिया है। एक समय केवल अफ्रीकी देशों तक सीमित रहा यह वायरस अब भारत सहित 70 से अधिक देशों में फैल चुका है। भारत में अब तक तीन मामलों की पुष्टि हुई है। जानकारों के मुताबिक समय के साथ इसके लक्षणों में भी काफी बदलाव देखे जा रहे है। मंकीपाक्स के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठदर्द और थकावट माने जाते हैं लेकिन लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मंकीपाक्स के लक्षणों को लेकर अहम जानकारी दी है। शोधकर्ताओं ने जननांग, मुंह पर घावों को मंकीपाक्स वायरस के लक्षणों के रूप में पहचाना है। विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपाक्स के कुछ पीड़ितों में पहले यही समस्या देखी गई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार शारीरिक निकटता मंकीपाक्स को फैलाने में कारगर है। इसके अलवा छींकने, खांसने और संक्रमिक के कपड़ों को पहने से भी वायरस फैल सकता है। बंदर, चूहा, गिलहरी जैसे कुछ जानवर भी यह वायरस फैला रहे हैं। मंकीपॉक्स का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, लेकिन चेचक का टीका मंकीपाक्स के लिए भी 85 प्रतिशत असरदार साबित हुआ है। हाथों को बार-बार धोकर, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर, इसे फैलाने वाले जानवरों से दूरी बनाकर इसके संक्रमण से बचा जा सकता है।
भारतीय रक्षा प्रणाली के लिए बेहद खास है एस-400 मिसाइल सिस्टम
एक बार फिर रूसी मिसाइल सिस्टम एस-400 की आपूर्ति को लेकर भारत और अमेरिका के संबंधों की चर्चा जोरों पर हैं। रूस यूक्रेन के बीच भारत और अमेरिका के संबधों में थोड़ा खिंचाव देखा गया है। ऐसे में एस-400 मिसाइल को लेकर दोनों देशों के संबंधों में दरार का अंदेशा लगाया जा रहा है। अमेरिका, भारत-रूस के इस रक्षा डील से शुरू से खफा रहा है। दरअसल, अमेरिका अपनी थाड मिसाइल की डील भारत से करना चाहता था, लेकिन उसने रूसी मिसाइल एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम को ज्यादा उपयुक्त पाया। इसको लेकर भी अमेरिका की बड़ी नाराजगी है। भारत ने एस-400 को प्राथमिकता क्यों दी। एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। भारत के लिए एस-400 की तैनाती का मतलब है कि जब पाकिस्तानी विमान अपने हवाई क्षेत्र में उड़ रहे होंगे तब भी उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
आधार कार्ड पर लगी तस्वीर पसंद नहीं, ये है बदलने का आसान तरीका
आधार कार्ड भारत में रह रहे हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट बन गया है। आधार के बिना बच्चे के स्कूल एडमिशन से लेकर नौकरी मिलने में भी दिक्कत आ सकती है। आधार कार्ड पर आपका नाम, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस और आधार नंबर जैसे डिटेल्स होते हैं। आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया यानी यूआईडीएआई की ओर से समय-समय पर आधार कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों को मोबाइल नंबर समेत तमाम जानकारियां अपडेट करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में अगर आपको आधार पर लगी फोटो पसंद नहीं है तो आप इसे चेंज करवा सकते हैं। कई लोगों को अपने आधार कार्ड में लगी तस्वीर पसंद नहीं आती है। कुछ प्रोसेस के जरिए आधार कार्ड में अपना फोटो चेंज या अपडेट करवा सकते हैं। चूंकि आधार कार्ड में फोटो बदलने की कोई ऑनलाइन प्रोसेस नहीं है तो नजदीकी आधार केंद्र में जाकर प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं।