हिन्दी माध्यम के बच्चों के साथ ही पढ़ रहे इंग्लिश मीडियम के बच्चे

सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल तो खोल लिए शिक्षकों की भर्ती नहीं की.

भोपाल/मंगल भारत। बच्चों के भविष्य और वर्तमान समय को ध्यान में रखकर सरकार ने इंग्लिश मीडियम के सरकारी स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन इंग्लिश के शिक्षकों की भर्ती ही नहीं की है। इस कारण हिन्दी माध्यम के बच्चों के साथ ही इंग्लिश मीडियम के बच्चे पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। प्रदेश के हजारों विद्यार्थी अंग्रेजी के शिक्षकों की बाट जो रहे हैं। फिलहाल इनके भविष्य की पतरवार हिंदी माध्यम के शिक्षकों पर निर्भर है। स्थिति यह है कि सीबीएसई स्कूलों की बराबरी करने के लिए राजधानी सहित प्रदेश भर में खोले गए सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अब तक शिक्षकों की भर्ती नहीं हो सकी है। ऐसे में अधिकांश स्कूलों में या तो अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं या फिर हिन्दी मीडियम के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
स्कूलों में शिक्षक न पहुंचने का एक बड़ा कारण प्राइमरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू न होना है। जबकि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) 8 अगस्त का इसका रिजल्ट जारी कर चुका है। शासन की घोषणा के बाद हिन्दी माध्यम के स्कूलों के दो-दो कमरों में ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू कर दिए गए हैं। इन स्कूलों में पिछले वर्ष कक्षा-1 एवं कक्षा-2 शुरू की गई, वहीं उत्कृष्ट स्कूल में कक्षा 6 एवं 7 शुरू की गई। आगे की कक्षा इस साल शुरू करने का प्लान था, लेकिन संसाधनों के अभाव में स्कूल नहीं खोले गए।
235 अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में 94 शिक्षक
अभी तक प्रदेश के कक्षा 1 और 2 के लिए 235 अंग्रेजी माध्यम विद्यालय चल रहे हैं। भोपाल में इनकी संख्या आठ है। लेकिन इन विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम पढ़ाने के लिए हिन्दी माध्यम के शिक्षक उपलब्ध है। उनमें भी अधिकांश विद्यालय ऐसे हैं जहां पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में मात्र 94 शिक्षक ही हैं। वहीं एक्सीलेंस अंग्रेजी माध्यम (कक्षा 6 से शुरू) के 219 स्कूल खुले हैं। इन स्कूलों में 101 अंग्रेजी के शिक्षक हैं। यह स्कूल 2014 में खोले गए थे, लेकिन इन स्कूलों में आठ साल बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की हो सकी है। सूत्र बताते हैं कि कुछ स्कूलों में कमरों की कमी के कारण हिन्दी माध्यम के बच्चों के साथ ही अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की भर्ती में पास हुए अभ्यर्थियों से स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है।